सोनीपत: शुक्रवार को कुंडली बॉर्डर (kundli border) पर संयुक्त किसान मोर्चा (sanyukt kisan morcha) की अहम बैठक हुई. जिसके बाद किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हरियाणा सरकार (haryana government) पर जमकर निशाना साधा. किसान नेताओं ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मनोहर सरकार हरियाणा में किसानों को जान बुझकर छेड़ने का काम कर रही है.
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Chaduni) ने कहा कि सरकार को मुकदमे दर्ज करने और किसानों की गिरफ्तारी करने का बहुत शौक है और उनका ये शौक पूरा करने के लिए आज हजारों की संख्या में किसान गिरफ्तारियां देंगे. सरकार शनिवार को अपना ये शौक पूरा कर ले. उन्होंने कहा कि सरकार अपनी जेल तैयार कर ले और अब हम देखेंगे कि सरकार के पास कितनी जेल है.
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उन्होंने कहा कि सरकार इसलिए ऐसा कर रही है ताकि दिल्ली के बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को भटकाया जा सके, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे और संयुक्त किसान मोर्चा इसको लेकर पूरी तरह से सतर्क है.
उन्होंने कहा कि विधायक देवेंद्र बबली (Devender singh Babli) ने हमारे किसानों को जमकर गालियां दी और उन पर झूठे केस दर्ज कर फंसाया गया. हमारे कहने पर किसान ये सब कुछ कर रहे हैं और हम सरकार और प्रशासन से कहना चाहते हैं कि पहले हमारे ऊपर मुकदमे दर्ज करें और हमें गिरफ्तार करें. गौरतलब है कि जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली और किसानों के बीच हुए विवाद के बाद शुक्रवार को टोहाना में कई किसान नेताओं के घर छापेमारी की गई और उन्हें गिरफ्तार भी किया गया जिसके बाद किसानों में काफी गुस्सा है.
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बता दें कि इस बैठक में किसान नेता युद्धवीर सिंह, गुरनाम सिंह चढूनी और अन्य किसान नेता भी मौजूद थे और इस दौरान फैसला लिया गया है कि आज टोहाना में चढूनी और राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसान गिरफ्तारियां देंगे .
वहीं चढूनी ने किसानों को हिदायत देते हुए कहा कि वो आगे से किसी भी मंत्री के निजी कार्यक्रमों का विरोध नहीं करेंगे लेकिन सरकारी कामों का विरोध जारी रहेगा. उन्होंने किसानों से शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन और विरोध करने की अपील की है और कहा है कि अगर प्रदेश सरकार का कोई नेता कहीं से जा रहा हो तो उसका विरोध न करें.
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वहीं बैठक में ये भी फैसला लिया गया है कि शनिवार को बीजेपी नेताओं के घरों के बाहर किसान कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर विरोध जताएंगे और 6 जून को मंदसौर में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि देने का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, वहीं 7 जून को सभी थानों के बाहर किसानों द्वारा धरना दिया जाएगा.