सोनीपत: सिंघु बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन बीते 7 दिनों से जारी है. किसान पीछे हटने को तैयार नहीं है. हरियाणा और पंजाब के किसान नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बयान जारी किया कि किसान आंदोलन ने सरकार को हरा दिया है. ये आंदोलन अब पूरे देश का आंदोलन बन गया है.
किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ने संगठनों को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन हमने ऐसा नहीं होने दिया. किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ने हमसे लिखित में कृषि कानूनों पर जो आपत्ति है वो बताने के लिए कहा है. हम सरकार को 10 पेज का तर्क लिखकर भेजेंगे, ताकि किसान कानून रद्द हो सकें.
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We call for burning of effigies throughout the country to protest against Modi government and corporate houses on December 5: Darshan Pal, President of Krantikari Kisan Union
— ANI (@ANI) December 2, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
#FarmLaws https://t.co/jjQq0YzoQ2 pic.twitter.com/BAY9rivTl9
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— ANI (@ANI) December 2, 2020
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— ANI (@ANI) December 2, 2020
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किसान नेताओं का कहना है कि सरकार विशेष सत्र बुलाकर इन कानूनों को रद्द करे. हमारा आंदोलन तब तक खत्म नहीं होगा जब तक ये काले कानून रद्द नहीं हो जाते. किसान नेताओं ने कहा कि हमें हर राज्य का समर्थन मिल रहा है. राकेश टिकैत ने भी हमारा समर्थन किया है.
अंबानी-अडानी का पुतला फूंकने का आह्वान
किसान नेताओं ने प्रेस वार्ता में बताया कि 5 दिसंबर को किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंकेंगे. मोदी के साथ अंबानी और अडानी का भी पुतला जलाया जाएगा. किसान नेताओं ने बताया कि हमें नेशनल अवॉर्ड प्राप्त करने वाले लोगों को भी समर्थन है. गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया कि 7 तारीख को कई खिलाड़ी और सैनिक अवॉर्ड वापस कर विरोध दर्ज करवाएंगे.
गुरनाम चढूनी ने कहा कि सरकार इसको खतरे की घंटी समझे. विदेशों की सरकारें भी किसानों के लिए दुख प्रकट कर रही है. अगर सरकार ने हमारी मांगों को जल्द नहीं पूरा किया तो हम कड़े कदम उठाने पर मजबूर हो जाएंगे.
'दिल्ली को जाम करने की योजना है'
किसान नेता शिव कुमार कक्कड़ ने कहा कि हमारा एक ही लक्ष्य है कि तीनों काले कानून वापस लिए जाएं. उन्होंने कहा कि जब तक वापस नहीं होंगे तब तक धरने से नहीं उठेंगे. हमें सभी राज्यों का समर्थन मिल रहा है. अब दिल्ली को चारों तरफ से जाम करने की योजना बनाई है.
राजस्थान से किसान नेता रंजीत राजू का कहना है कि सभी संगठन किसानों को समर्थन दे रहे हैं. जनता में आक्रोश है. हमारे लोग भी बॉर्डर पर आने लगे हैं. युवा भी बड़ी तादाद में आंदोलन का हिस्सा बन रहे हैं.
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