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सोनीपत में भूमि अधिग्रहण को लेकर किसानों का हल्लाबोल, 5 को करेंगे महापंचायत - हरियाणा में भूमि अधिग्रहण

हरियाणा में भूमि अधिग्रहण (Land Acquisition in Haryana) का मामला सामने आया है. विरोध कर रहे किसानों का कहना है कि सरकार औने-पौने दाम में उनकी जमीन खरीदकर निजी कंपनियों को करोड़ों के दाम में दे रही है, जिसके खिलाफ वह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

farmers protest in Sonipat
सोनीपत में किसानों का प्रदर्शन
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Published : Feb 3, 2023, 2:56 PM IST

सोनीपत में किसानों का प्रदर्शन

सोनीपत: हरियाणा में भूमि अधिग्रहण मामले को लेकर प्रदेश के किसानों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल का ऐलान कर दिया है. हरियाणा ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों के किसानों ने भी अपना मोर्चा खोल दिया है. किसान ने भारतीय जनता पार्टी पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया है. किसानों का आरोप है कि सरकार किसानों की भूमि को खरीदकर निजी कंपनियों को करोड़ों के दाम में दे रही है. किसानों का कहना है कि कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे के साथ-साथ बनने वाले रेलवे कॉरिडोर में जो भूमि अधिग्रहण सरकार कर रही है उसके मुआवजे में दोगुनी बढ़ोतरी की जाए.

बता दें कि किसानों ने सरकार के खिलाफ लगातार विरोध कर रही है. कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे टोल प्लाजा पर किसान धरने पर बैठे हैं. शुक्रवार को सोनीपत में छोटू राम धर्मशाला में किसान एकजुट हुए और उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ 5 फरवरी को एक महापंचायत करेंगे. यह महापंचायत सोनीपत के खरखोदा स्थिति पिपली टोल पर आयोजित की जाएगी.

संयुक्त किसान मोर्चा के युवा किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार का यह नारा है 'सबका साथ सबका विकास' लेकिन सरकार किसानों की करोड़ों रुपये की जमीन कौड़ियों के भाव में खरीद कर कंपनियों को दे रही है. जिसका जीता जागता उदाहरण आईएमटी खरखोदा में है. किसानों ने आरोप लगाया कि उन्हें तो प्रति एकड़ मुआवजा 50 से 70 लाख रुपये का दिया गया, लेकिन वहीं जमीन उद्योगपतियों को सरकार ने करोड़ों रुपये के भाव से बेच डाली. किसान नेता ने कहा कि क्या यही सरकार का सबका साथ सबका विकास नारा है.

यह भी पढ़ें-सिरसा में सीएम का विरोध कर रहे सरपंचों को पुलिस ने हिरासत में लिया, रोड जाम की दी चेतावनी

किसानों ने कहा कि हमारी केंद्र सरकार से प्रार्थना है कि इस मुद्दे को गंभीरता से लें और हरियाणा सरकार को किसानों के विकास में भागीदारी देने के लिए कहें. वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि सरकार कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे के साथ-साथ एक रेलवे कॉरिडोर बनाने जा रही है जिसके लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है, और इस भूमि अधिग्रहण में भी किसानों की करोड़ों रुपये की जमीन कौड़ियों के भाव में खरीदी जा रही है.

सरकार यह कह रही है कि कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे नेशनल हाईवे नहीं है, जबकि उस पर टोल नेशनल हाईवे की दरों से लिया जा रहा है. किसान ने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है तो हम सरकार के खिलाफ 5 फरवरी को पीपली टोल पर एक महापंचायत करने जा रहे हैं जिसमें हम सरकार के खिलाफ कड़े फैसले लेंगे. इस पंचायत में देशभर के किसान नेता वह खाप प्रतिनिधि भी जुटेंगे.

सोनीपत में किसानों का प्रदर्शन

सोनीपत: हरियाणा में भूमि अधिग्रहण मामले को लेकर प्रदेश के किसानों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल का ऐलान कर दिया है. हरियाणा ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों के किसानों ने भी अपना मोर्चा खोल दिया है. किसान ने भारतीय जनता पार्टी पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया है. किसानों का आरोप है कि सरकार किसानों की भूमि को खरीदकर निजी कंपनियों को करोड़ों के दाम में दे रही है. किसानों का कहना है कि कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे के साथ-साथ बनने वाले रेलवे कॉरिडोर में जो भूमि अधिग्रहण सरकार कर रही है उसके मुआवजे में दोगुनी बढ़ोतरी की जाए.

बता दें कि किसानों ने सरकार के खिलाफ लगातार विरोध कर रही है. कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे टोल प्लाजा पर किसान धरने पर बैठे हैं. शुक्रवार को सोनीपत में छोटू राम धर्मशाला में किसान एकजुट हुए और उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ 5 फरवरी को एक महापंचायत करेंगे. यह महापंचायत सोनीपत के खरखोदा स्थिति पिपली टोल पर आयोजित की जाएगी.

संयुक्त किसान मोर्चा के युवा किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार का यह नारा है 'सबका साथ सबका विकास' लेकिन सरकार किसानों की करोड़ों रुपये की जमीन कौड़ियों के भाव में खरीद कर कंपनियों को दे रही है. जिसका जीता जागता उदाहरण आईएमटी खरखोदा में है. किसानों ने आरोप लगाया कि उन्हें तो प्रति एकड़ मुआवजा 50 से 70 लाख रुपये का दिया गया, लेकिन वहीं जमीन उद्योगपतियों को सरकार ने करोड़ों रुपये के भाव से बेच डाली. किसान नेता ने कहा कि क्या यही सरकार का सबका साथ सबका विकास नारा है.

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किसानों ने कहा कि हमारी केंद्र सरकार से प्रार्थना है कि इस मुद्दे को गंभीरता से लें और हरियाणा सरकार को किसानों के विकास में भागीदारी देने के लिए कहें. वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि सरकार कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे के साथ-साथ एक रेलवे कॉरिडोर बनाने जा रही है जिसके लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है, और इस भूमि अधिग्रहण में भी किसानों की करोड़ों रुपये की जमीन कौड़ियों के भाव में खरीदी जा रही है.

सरकार यह कह रही है कि कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे नेशनल हाईवे नहीं है, जबकि उस पर टोल नेशनल हाईवे की दरों से लिया जा रहा है. किसान ने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है तो हम सरकार के खिलाफ 5 फरवरी को पीपली टोल पर एक महापंचायत करने जा रहे हैं जिसमें हम सरकार के खिलाफ कड़े फैसले लेंगे. इस पंचायत में देशभर के किसान नेता वह खाप प्रतिनिधि भी जुटेंगे.

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