सोनीपत: सब्जी मंडी में फसल बेचने पर किसानों को 'जे फार्म' या तो मिलता नहीं, यदि कोई किसान जिद करके 'जे फार्म' ले लेता है. तो जिस रेट पर सब्जियां खरीदी हैं. उससे अधिक रेट लिखकर जारी कर दिया जाता है. इससे किसान भावांतर भरपाई योजना से बाहर हो रहे हैं.
पूठी गांव में किसानों ने बागवानी और गोहाना मार्केट कमेटी के खिलाफ प्रदर्शन करके सरकार से ठोस कार्रवाई की मांग की है. किसानों ने मार्केट कमेटी और बागवानी कर्मचारियों पर अनदेखी और लापरवाही के आरोप लगाए हैं.
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मार्केट कमेटी के कर्मचारी नहीं पास कर रहे जे फॉर्म- किसान
गोहाना के पुठि गांव के किसान विजय का कहना है कि मैं एक गाजर उगाने वाला किसान हूं. सब्जी मंडी में गाजर के भाव बिल्कुल कम मिल रहे हैं. गाजर मंडी में 4 से 5 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव से बिक रहा है. जिसको लेकर मैने जे फॉर्म व्यापारी से कटवाया हुआ है, लेकिन मार्केट कमेटी के कर्मचारी उसे पास करने का काम नहीं करते हैं. इस कारण हमने आज गांव में बागवानी और मार्केट कमेटी के खिलाफ प्रदर्शन किया है.
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शिकायत पर नहीं हो रही कोई कार्रवाई- किसान
मैंने इसकी शिकायत बागवानी विभाग में 10 दिन पहले की थी, लेकिन शिकायत पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है. मेरी सब्जी मंडी के अंदर 5 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से गाजर बिकी थी, लेकिन कर्मचारी 7 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से 'जे फार्म' भरने का काम करते हैं. जब हम 'जे फार्म' पास करवाने की बात कहते हैं. तो मार्केट कमेटी के कर्मचारी बोलते हैं कि आज का भाव 7 रुपये था. इसलिए 7 रुपये के भाव से हिसाब से ये फार्म पास होंगे, इससे कम नहीं.
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