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सिंघु बॉर्डर पर टाइम पास के लिए ताश खेल रहे हरियाणा के किसान

ईटीवी भारत की टीम आपको किसानों आंदोलन की अलग-अलग तस्वीरें दिखा रही है. शुक्रवार को हमारे संवाददाता ने जींद और कैथल से आए कुछ किसानों से बात की. ये किसान धरनास्थल पर हुक्का जलाकर बैठे हैं और साथ में ताश खेलकर समय बिताया जा रहा है.

singhu border farmers protest
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Published : Dec 18, 2020, 6:27 PM IST

सोनीपत: बीते 23 दिनों से सिंघु बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं. ठंड दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, लेकिन किसानों के हौसले अभी भी बुलंद हैं. किसानों का साफ कहना है कि जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. यहां ये बता दें कि सिंघु बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान धरना दे रहे हैं और टाइम पास के लिए ताश खेली जा रही है.

टाइम पास के लिए ताश खेल रहे हरियाणा के किसान, देखिए ग्राउंड रिपोर्ट

ईटीवी भारत की टीम आपको किसानों आंदोलन की अलग-अलग तस्वीरें दिखा रही है. शुक्रवार को हमारे संवाददाता ने जींद और कैथल से आए कुछ किसानों से बात की. ये किसान धरनास्थल पर हुक्का जलाकर बैठे हैं और साथ में ताश खेलकर समय बिताया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- सिंघु बॉर्डर पर टाइम पास के लिए रागनी गा रहे हरियाणा के किसान

जींद से आए बुजुर्ग किसान ने बताया कि कोई भी किसान की जमीन पर अपना हक नहीं जमा सकता. किसानों की जमीन उनकी है. सरकार पूंजीपतियों के लिए कानून बना रही है और किसानों को बर्बाद कर रही है.

कैथल से आए बुजुर्ग किसान ने कहा कि वो कड़ाके की ठंड में धरना दे रहे हैं. साथ में समय बिताने के लिए ताश खेल रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिन रात अलाव का सहारा लेना पड़ता है. लेकिन वो कृषि कानूनों के रद्द होने तक नहीं हटेंगे.

सोनीपत: बीते 23 दिनों से सिंघु बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं. ठंड दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, लेकिन किसानों के हौसले अभी भी बुलंद हैं. किसानों का साफ कहना है कि जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. यहां ये बता दें कि सिंघु बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान धरना दे रहे हैं और टाइम पास के लिए ताश खेली जा रही है.

टाइम पास के लिए ताश खेल रहे हरियाणा के किसान, देखिए ग्राउंड रिपोर्ट

ईटीवी भारत की टीम आपको किसानों आंदोलन की अलग-अलग तस्वीरें दिखा रही है. शुक्रवार को हमारे संवाददाता ने जींद और कैथल से आए कुछ किसानों से बात की. ये किसान धरनास्थल पर हुक्का जलाकर बैठे हैं और साथ में ताश खेलकर समय बिताया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- सिंघु बॉर्डर पर टाइम पास के लिए रागनी गा रहे हरियाणा के किसान

जींद से आए बुजुर्ग किसान ने बताया कि कोई भी किसान की जमीन पर अपना हक नहीं जमा सकता. किसानों की जमीन उनकी है. सरकार पूंजीपतियों के लिए कानून बना रही है और किसानों को बर्बाद कर रही है.

कैथल से आए बुजुर्ग किसान ने कहा कि वो कड़ाके की ठंड में धरना दे रहे हैं. साथ में समय बिताने के लिए ताश खेल रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिन रात अलाव का सहारा लेना पड़ता है. लेकिन वो कृषि कानूनों के रद्द होने तक नहीं हटेंगे.

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