सोनीपत: गोहाना में किसानों ने पराली जला कर प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों एनजीटी और हाईकोर्ट के आदेशों की धज्जियां उडाते हुए पराली जलाने का काम किया गया. किसान नेता ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दिवाली के बमों के चलते वातवरण प्रदूषित हो रहा है जिसका दोष गरीब किसानों को दिया जा रहा है जो की सरासर गलत है.
सरकार कर रही है बदनाम
भारतीय किसान यूनियन के उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल ने कहा कि कथूरा गांव में पराली जला कर विरोध प्रदर्शन किया गया. हरियाणा के किसानों पर दिल्ली में वायु प्रदूषण का दोषी बनाया जा रहा है जो की सरासर गलत है.
'पटाखों से प्रदूषण, पराली से नहीं'
सत्यवान नरवाल ने कहा कि दिवाली के अवसर पर बम पटाखों के चलते वायु प्रदूषण हुआ है ना कि किसानों की पराली से. उन्होंने कहा कि दिल्ली में लाखों की संख्या में गाड़ियां और जहरीली गैस फैक्टरीयां हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री को उन पर ध्यान देना चाहिए ना की हरियाणा के किसानों को दोषी ठहराना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार बड़ी-बड़ी गाड़ी कंपनियों को टैक्स में छूट देती है लेकिन किसानों को पराली निपटाने के लिए यंत्र मुहैया नहीं करवाती. उन्होंने मांग कि सरकार को किसानों के लिए पराली निपटाने के यंत्र देने चाहिए.
बता दें कि गोहाना के कथूरा गांव में भारतीय किसान यूनियन के नेता सत्यवान नरवाल के नेतृत्व में कथूरा गांव के खेतों के पराली जला कर प्रदर्शन किया गया.
पराली से प्रदूषण
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने पराली जलाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. केंद्र सरकार ने हलफनामे में माना कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की मुख्य वजह पराली जलाना है.
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