सोनीपत: तीन कृषि कानूनों के विरोध में शुरू हुआ आंदोलन दिल्ली की सीमाओं पर आकर ठहर गया था. जिसके बाद किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर डेरा जमा लिया था. केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानून वापस लेने और किसानों की मांगों पर सहमित बनने के बाद किसानों ने आंदोलन को स्थगित (farmers protest postponed) कर दिया और घर वापसी करने लगे. किसानों की घर वापसी के साथ ही दिल्ली की बॉर्डर पर सफाई कार्य भी शुरू हो चुका है.
किसान आंदोलन को संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार के प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए स्थगिक करने का फैसला ले लिया था. जिसके बाद किसानों ने 9 दिसंबर को विजय जुलूस (किसान फतेह मार्च) निकाला और वापस अपने घरों को लौटने लगे. ऐसे में सोनीपत-कुंडली बॉर्डर को अब किसान धीरे-धीरे खाली कर रहे हैं. किसान सोनीपत कुंडली बॉर्डर की सफाई में जुट गए हैं. सोनीपत-कुंडली क्षेत्र की साफ-सफाई भी युद्धस्तर पर (farmers cleaning sonipat kundli border) चलाई जा रही है.
बता दें कि, किसानों की सभी मांगों पर केंद्र सरकार की सहमति के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन स्थगित (farmers protest postponed) कर दिया है. किसानों की घर वापसी अब शुरू हो गई है. दिल्ली से लगते बॉर्डर को किसानों ने खाली करना शुरू कर दिया है. कल सोनीपत में सिंघु बॉर्डर पर किसानों का फतेह मार्च (farmers celebrating fateh march) हुआ.
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जिसके बाद किसान अपने घरों के लिए निकले. अब 15 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा समीक्षा बैठक करेगा. इस बैठक में किसान आंदोलन की सफलता और विफलता पर चर्चा की जाएगी. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि ये जीत किसानों के बलिदान से मिली है. आगे की रणनीति फिर तैयार करेंगे. 13 दिसंबर को स्वर्ण मंदिर जाने की बात कही है. गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि 15 जनवरी को फिर बैठक करेंगे, अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हम आंदोलन शुरू करेंगे.
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