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सरकार का प्रस्ताव ठुकराने पर बोले किसान- संशोधन नहीं रद्द होने चाहिए कानून - सरकार संशोसन प्रस्ताव खारिज

सिंघु बॉर्डर पर डटे हरियाणा के किसान तेजवीर सिंह ने बताया कि देश के सभी किसान नेताओं ने सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि हमारी तो बस एक ही डिमांड है कि तीनों कानून रद्द होंगे और एमएसपी पर नया कानून बनेगा.

farmer reject central government proposal
सरकार का प्रस्ताव ठुकराने पर बोले किसान- संशोधन नहीं रद्द होने चाहिए कानून
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Published : Dec 10, 2020, 7:43 AM IST

सोनीपत: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 15 दिनों से जारी है. केंद्र सरकार की ओर से भेजे गए संशोधन प्रस्ताव को किसानों ने खारिज कर दिया है. इस पर किसानों का कहना था कि वो कानूनों को वापस करने की मांग कर रहे हैं. संशोधन किसी भी सूरज में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे.

सिंघु बॉर्डर पर डटे हरियाणा के किसान तेजवीर सिंह ने बताया कि देश के सभी किसान नेताओं ने सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. हमारी तो बस एक ही डिमांड है कि तीनों कानून रद्द होंगे और एमएसपी पर नया कानून बनेगा. सरकार को जगाना हमारा काम था और सरकार जाग चुकी है.

संशोधन प्रस्ताव ठुकराने पर बोले किसान- संशोधन नहीं रद्द होने चाहिए कानून

उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कहते थे कि बुराड़ी में आओगे तो बात करेंगे, लेकिन अब बात कर रहे हैं ना, इसका मतलब देश में आंदोलन जाग रहा है. तेजवीर सिंह ने आगे कहा कि भारत बंद में भी शांतिपूर्ण तरीके से सभी संगठनों ने हमारा साथ दिया और अब आप देख ही सकते हो कि किसानों के आने से कोरोना का ग्राफ दिल्ली में गिर गया है.

गौरतलब है कि किसान नेताओं ने केंद्र सरकार के संशोधन के लिखित प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और सभी किसान नेता 3 कृषि कानून रद्द करवाने और MSP गारंटी कानून लागू करवाने पर अड़िग हैं.साथ ही किसानों की ओर से आगे की रणनीति भी तैयार की गई है. जिसके तहत-

  • 12 दिसंबर को जयपुर-दिल्ली राजमार्ग को अवरुद्ध किया जाएगा
  • किसान अदानी-अंबानी के उत्पादों जैसे रिलायंस की जियो सिम का बहिष्कार करेंगे
  • 14 दिसंबर को पूरे देश में होगा विरोध प्रदर्शन
  • 12 दिसंबर को टोल प्लाजा को फ्री किया जाएगा
  • भाजपा नेताओं का घेराव किया जाएगा
  • 14 दिसंबर को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड के किसान जिला मुख्यालयों पर एक दिन का धरना देंगे और अन्य राज्यों के किसान 14 दिसंबर से अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे.
  • जो धरने नहीं लगाएगा वो दिल्ली को कूच करेगा.

सोनीपत: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 15 दिनों से जारी है. केंद्र सरकार की ओर से भेजे गए संशोधन प्रस्ताव को किसानों ने खारिज कर दिया है. इस पर किसानों का कहना था कि वो कानूनों को वापस करने की मांग कर रहे हैं. संशोधन किसी भी सूरज में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे.

सिंघु बॉर्डर पर डटे हरियाणा के किसान तेजवीर सिंह ने बताया कि देश के सभी किसान नेताओं ने सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. हमारी तो बस एक ही डिमांड है कि तीनों कानून रद्द होंगे और एमएसपी पर नया कानून बनेगा. सरकार को जगाना हमारा काम था और सरकार जाग चुकी है.

संशोधन प्रस्ताव ठुकराने पर बोले किसान- संशोधन नहीं रद्द होने चाहिए कानून

उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कहते थे कि बुराड़ी में आओगे तो बात करेंगे, लेकिन अब बात कर रहे हैं ना, इसका मतलब देश में आंदोलन जाग रहा है. तेजवीर सिंह ने आगे कहा कि भारत बंद में भी शांतिपूर्ण तरीके से सभी संगठनों ने हमारा साथ दिया और अब आप देख ही सकते हो कि किसानों के आने से कोरोना का ग्राफ दिल्ली में गिर गया है.

गौरतलब है कि किसान नेताओं ने केंद्र सरकार के संशोधन के लिखित प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और सभी किसान नेता 3 कृषि कानून रद्द करवाने और MSP गारंटी कानून लागू करवाने पर अड़िग हैं.साथ ही किसानों की ओर से आगे की रणनीति भी तैयार की गई है. जिसके तहत-

  • 12 दिसंबर को जयपुर-दिल्ली राजमार्ग को अवरुद्ध किया जाएगा
  • किसान अदानी-अंबानी के उत्पादों जैसे रिलायंस की जियो सिम का बहिष्कार करेंगे
  • 14 दिसंबर को पूरे देश में होगा विरोध प्रदर्शन
  • 12 दिसंबर को टोल प्लाजा को फ्री किया जाएगा
  • भाजपा नेताओं का घेराव किया जाएगा
  • 14 दिसंबर को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड के किसान जिला मुख्यालयों पर एक दिन का धरना देंगे और अन्य राज्यों के किसान 14 दिसंबर से अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे.
  • जो धरने नहीं लगाएगा वो दिल्ली को कूच करेगा.
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