सोनीपत: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और जेबीटी भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा काटकर रिहा हुए ओम प्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) किसान आंदोलन (Farmer Protest) में बढ़-चढ़कर भाग लेने की बात कह रहे हैं. ओपी चौटाला और इनेलो की ओर से कहा गया है कि स्वस्थ होते ही ओपी चौटाला किसानों के बीच जाएंगे और किसानों की लड़ाई लड़ेंगे. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला के किसान आंदोलन में जाने की बात पर किसान नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी हैं.
ओपी चौटाला के साथ मंच साझा नहीं करेंगे
इस मामले पर रविवार को सोनीपत में किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि ओपी चौटाला किसानों का समर्थन करना चाहते हैं तो जरूर करें, लेकिन उनके साथ मंच साझा नहीं किया जाएगा. राजेवाल ने स्पष्ट कर दिया कि किसी भी सियासतदान को वह अपने मंच को साझा नहीं करने देंगे.
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हमारा स्प्ष्ट एजेंडा है कि हम किसी भी सियासी व्यक्ति को अपने मंच पर नहीं आने देंगे, चाहे वह गांव में जाकर किसान आंदोलन को कैसे भी मजबूत करें. आजकल के नेताओं के चलते ही किसान कर्ज में डूबा हुआ है. उनको समझना चाहिए कि वह अपनी राजनीति के चक्कर में किसानों का नुकसान ना करें.
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गौरतलब है कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला के जेल से बाहर आने के बाद प्रदेश का सियासी पारा एक बार फिर चढ़ गया है. इनेलो नेता और ओपी चौटाला के छोटे बेटे अभय चौटाला ने उनके रिहा होते ही कहा था कि ओपी चौटाला स्वस्थ होते ही किसान आंदोलन (farmers agitation) में जरूर शामिल होंगे.
अस्वस्थ हैं अभी ओपी चौटाला
बता दें कि, कुछ दिनों पहले ओपी चौटाला की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. इस हादसे में ओपी चौटाला के बाई हाथ की कलाई में फ्रेक्चर आया है. अभय चौटाला ने कहा था कि ओपी चौटाला स्वस्थ होने के बाद कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ रहे किसानों को अपना समर्थन (op chautala farmers agitation support) जरूर देंगे और किसान आंदोलन में शामिल जरूर होंगे. बहरहाल अब किसान नेताओं द्वारा ओपी चौटाला के साथ मंच साझा न करने के बयान के बाद इनेलो और ओपी चौटाला का क्या रुख रहता है ये देखने वाली बात होगी.
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