सोनीपत: बहुचर्चित सोनीपत शराब घोटाले के जांच अधिकारी और जिला स्तरीय एसआइटी के प्रभारी डीएसपी जितेंद्र सिंह का तबादला कर दिया गया है. उन्हें जींद का डीएसपी बनाया गया है. उनके ट्रांसफर से शराब घोटाले की जांच प्रभावित हो सकती है.
बता दें कि पुलिस अधीक्षक ने सोनीपत शराब घोटाले की जांच के लिए जिला स्तरीय एसआइटी का गठन किया था. उसके प्रभारी डीएसपी मुख्यालय जितेंद्र सिंह को बनाया गया था. उसके बाद आइजी रोहतक ने मंडल स्तर पर पुलिस अधीक्षक रोहतक की अध्यक्षता में एसआइटी का गठन किया था. उसमें भी सोनीपत से डीएसपी जितेंद्र सिंह को सदस्य रखा गया था. वो शराब घोटाले की जांच में पहले ही दिन से जुड़े थे.
चंडीगढ़ में सोनीपत शराब घोटाले के मुख्य आरोपी भूपेंद्र के आवास पर हुई छापामारी काफी चर्चाओं में रही थी. उस छापेमारी में 97 लाख रुपये और दो अवैध पिस्टल बरामद की गई थे. इस छापेमारी में भी डीएसपी जितेंद्र सिंह शामिल थे. उन्होंने डीएसपी खरखौदा हरेंद्र कुमार के साथ मिलकर मुख्य शराब तस्कर भूपेंद्र, एएसआइ जयपाल और चोरी की शराब की बिक्री करने वाले सतीश कुमार को गिरफ्तार किया था और डीएसपी जितेंद्र की टीम बर्खास्त पुलिस इंस्पेक्टर जसबीर की गिरफ्तारी की कोशिश कर रही थी.
सोनीपत शराब घोटाले के बीच हुए डीएसपी के ट्रांसफर से जांच प्रक्रिया में देरी हो सकती है. बताया जा रहा है कि डीएसपी भूपेंद्र और शराब तस्करी में शामिल लोगों के निशाने पर थे. वहीं पुलिस अधीक्षक जशनदीप सिंह रंधावा ने डीएपसी जितेंद्र सिंह के ट्रांसफर को रुटीन बताया है. उन्होंने कहा कि डीएसपी को जिले में दो साल हो गए थे.
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क्या है शराब घोटाला?
सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी. लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गईं. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है. गोदाम मालिक भूपेंद्र ने पुलिस के आगे सरेंडर किया था, जबकि आरोपी सतीश और एसआई जयपाल को एसआईटी ने गिरफ्तार किया था. वहीं इस मामले का दूसरा मुख्य आरोपी बर्खास्त पुलिस इंस्पेक्टर जसबीर अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.