सोनीपत: सिंघु बॉर्डर पर किसान लगातार अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं और किसानों के बीच सोमवार को राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी पहुंचे. दीपेंद्र हुड्डा ने इस दौरान कहा कि 9 दौर की बातचीत तो चुकी है, मेरी सरकार से अपील है कि किसानों का समाधान जल्द करें. किसान लगातार आंदोलन पर बैठे हुए हैं और किसानों की मौत भी रही है, लेकिन इसके बावजूद भी सरकार टस से मस नहीं हो रही.
उन्होंने कहा कि हाथ जोड़कर अपील करता हूं कि सरकार के नाते नहीं तो इंसान के नाते ही बात मान लें, इतने लोग कष्ट सह रहे हैं और मर रहे हैं, जल्द समाधान करें. जनता ने ही कुर्सी पर बैठाया है और सरकार जनता की बात मानकर जिद्द छोड़ दें.
वहीं किसान नेता गुरनाम चढूनी के सस्पेंड होने पर उन्होंने कहा कि मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा. ये किसानों का आंदोलन है. अपना धर्म जात सब छोड़कर किसान एक हो चुका है. हम भी किसान के बेटे के रूप में ही समर्थन करते हैं.
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हुड्डा ने कहा कि एक तरफ किसानों से बातचीत चल रही थी और दूसरी तरफ करनाल में हरियाणा के मुख्यमंत्री कृषि कानूनों के फायदा बताने के लिए रैली कर रहे थे. जब तीन बिलों पर आप रैली ही कर रहे हैं तो बातचीत का फायदा क्या है.
उन्होंने 26 जनवरी को किसानों के दिल्ली जाने पर कहा कि ये किसानों का ही आंदोलन है और किसान ही इसमें रूपरेखा तैयार करते हैं. जैसे रूपरेखा तैयार होगी उस हिसाब से बस देखा जाएगा.
हरियाणा के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मिले थे. दुख की बात है जब ये मिले तो सभी को कहा कि किसानों की बात करेंगे, लेकिन बाहर आकर कहा कि हमारी कुर्सी सुरक्षित है. इन्हें सिर्फ अपनी कुर्सी की चिंता है, किसानों की कोई चिंता नहीं है. हरियाणा सरकार कुर्सी की चिंता छोड़कर किसानों की चिंता करें.
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