चंडीगढ़: राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने किसान आंदोलन पर एक बार फिर बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया है. दीपेंद्र हुड्डा का कहना है कि वो किसान आंदोलन में बलिदान देने वाले किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को ये समझना चाहिए कि आंदोलन अब नाजुक मोड़ पर पहुंच चुका है और इसमें प्रधानमंत्री मोदी को हस्तक्षेप करना चाहिए, क्योंकि कई बार किसानों और सरकार के बीच बात हो चुकी है, लेकिन बातचीत अब तक सफल नहीं हो पाई है.
एसवाईएल पर दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भाजपा नेता अब एसवाईएल का मुद्दा उठा रहे हैं, लेकिन जब उनकी सरकार रहते सुप्रीम कोर्ट में उनके हक में फैसला सुनाया था, तब भाजपा के नेता कहां गए थे. तब हमने सभी नेताओं से इस मुद्दे को मिलकर लड़ने के लिए कहा था, लेकिन तब हमारे साथ बीजेपी का कोई मंत्री, कोई विधायक और कोई भी सांसद नहीं आया था और अब वो जानबूझकर एसवाईएल का मुद्दा उठा रहे हैं.
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दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि आज जब किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं तो उन्हें उनका हक देने के बजाय भाजपा नेताओं को एसवाईएल की याद क्यों आ रही है. जहां तक इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस की बात है तो कांग्रेस हमेशा अपने पानी के लिए लड़ेगी और अपने पानी की एक बूंद भी किसी दूसरे राज्य को नहीं देगी. साथ ही कांग्रेस किसानों को उनका हक दिलवाकर रहेगी.
विधानसभा में कांग्रेस द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने के मुद्दे को पर सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार अपना विश्वास खो चुकी है. सरकार ने शांतिपूर्वक दिल्ली की तरफ जा रहे किसानों पर लाठियां चलाई पानी की बौछारें चलवाई. जिससे सरकार का किसान विरोधी चेहरा सामने आ गया है. किसान आंदोलन की वजह से भाजपा-जेजेपी गठबंधन भी टूटने की कगार पर पहुंच चुका है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाएगी, तब भाजपा सरकार अल्पमत में खड़ी दिखाई देगी.