सोनीपत: हरियाणा में आज पहलवानों के अखाड़े क्राइम का केंद्र (Bloody Battles In Akharas) बनते जा रहे हैं, लेकिन हरियाणा राज्य पूरे देश में खेलों का केंद्र है, जहां ऐसे-ऐसे पहलवान (Haryana Famous wrestlers) जन्में जिन्होंने देश का नाम पूरी दुनिया में रौशन किया है. हरियाणा के अखाड़ों ने एक से बढ़कर एक नामी राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय यहां तक की ओलंपिक खिलाड़ी भी दिये हैं. एक तरीके से अगर यह कहा जाये कि हिंदुस्तान की राजधानी दिल्ली से भी ज्यादा, खिलाड़ियों ने अगर देश में कहीं जन्म लिया है तो वह हरियाणा की ही जमीन है, लेकिन अब ये जमीन बदनाम होने लगी है. यहां आए दिन बड़े-बड़े खूनी खेल (Crime connection haryana wrestlers) होने लगे हैं. बड़ा सवाल ये है कि आखिर इन अखाड़ों का हथियार, गोलीबारी या खून-खराबे से क्या वास्ता?
हरियाणा शायद देश का एक मात्र ऐसा राज्य है जहां हर गांव में अखाड़े (Akhara in every village haryana) हैं. हर गांव में बजरंग पुनिया, योगेश्वर दत्त, सुशील कुमार, साक्षी मलिक, फौगाट बहनों को आदर्श मानते हुए हर युवा पहलवान बनाना चाहता है. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाना चाहता है, लेकिन बीते सालों में हरियाणा के इन अखाड़ों से कई ऐसी सनसनीखेज वारदातें सामने आई. जिसने पहलवानों और अखाड़ों से आम आदमी का विश्वास उठा दिया.
इसी साल रोहतक के एक अखाड़े में पांच लोगों की मौतों (Rohtak Wrestler and his Family Murder) को आम जनता भूली भी नहीं थी कि सोनीपत के गांव हलालपुर में पवन नाम के गुरु ने दो दिन पहले अपनी शिष्या निशा उसके भाई सूरज और उसकी मां धनपति पर अपने साथियों के साथ मिलकर गोलियां चला दी, जिसमें निशा और उसके भाई की मौत हो गई तो उसकी मां धनपति अब भी जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है.
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कुछ ऐसा ही एक मामला सोनीपत के गांव जुआ से 15 फरवरी, 2019 को निकल कर सामने आया था. जब गांव में कुश्ती का दंगल हो रहा था और वहां गांव गढ़ मिरकपर का रहने वाला एक 21 साल का पहलवान केशव अपनी कुश्ती का इंतजार कर रहा था, तभी वहां तीन युवकों ने आकर उसपर ताबड़तोड़ गोलियां (Firing on wrestler Keshav) बरसा दी. इस हमले में पहलवान केशव की मौके पर हो मौत हो गई. हमला करने वाले सभी आरोपी मृतक के पहचान के ही थे.
कुछ ऐसा ही एक मामला सोनीपत के गोहाना से फरवरी 2016 में सामने आया था. शहर के हनुमान अखाड़े के 10 पहलवानों को सोनीपत सिटी थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया और पीटते हुए बाजार में उनका जुलूस (Procession Of Wrestlers) निकाला, फिर थाने तक लाया गया. पुलिस ने उन्हें हफ्ता वसूली और गुंडागर्दी के आरोप (Charges Of Extortion And Felony) में पकड़ा था, लेकिन अगले ही दिन सभी पहलवानों की जमानत हो गई. पुलिस के इस कदम को स्थानीय दुकानदारों और लोगों ने सराहनीय कदम बताया था.
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हरियाणा के अखाड़ों की पहचान विश्व स्तर पर है, लेकिन कुछ अपराधी मानसिकता के पहलवान और पहलवानों की आड़ में अपराधी ऐसी वारदातों को अंजाम दे देते हैं. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी हो जाता है कि खेल-खिलाड़ियों के लिए मशहूर हरियाणा के माथे पर आखिर इस तरह के खून-खराबे के कभी न मिटने वाले दाग क्यों? लेकिन इस सच्चाई से भी कोई इंकार नहीं कर सकता है कि हरियाणा के इन अखाड़ों से फोगाट बहनें, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया, रवि दहिया, योगेश्वर दत्त और बाकी कितने अंतरराष्ट्रीय पहलवान निकले हैं जिनकी वजह से पूरी दुनिया में भारत का सिर गर्व से ऊंचा हुआ है.
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