सोनीपत: तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान नेताओं का आंदोलन अभी भी जारी है. इन सबके बीच किसानों के नेता अब धीरे-धीरे राजनीति की बातें करने लगे हैं. किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी हो या फिर राकेश टिकैत, सभी इशारों-इशारों में आने वाले समय में विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में अपनी ताकत दिखाने की चाह रख रहे हैं. आए दिन संयुक्त किसान मोर्चा में फूट भी नजर आने लगी है.
संयुक्त किसान मोर्चा ने हाल ही में किसान नेता गुरनाम सिंह को मोर्चा से सात दिन के लिए सस्पेंड भी किया था. वहीं अब इस पर राजनीति भी शुरू हो चुकी है. गोहाना से कांग्रेस विधायक जगबीर मलिक ने भी किसान नेता गुरनाम सिंह के मिशन पंजाब वाले बयान पर कटाक्ष किया है. विधायक जगबीर मलिक ने कहा कि किसान नेता गुरनाम सिंह को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए. अगर गुरनाम को राजनीति करनी है तो किसानों का आंदोलन छोड़ देना चाहिए.
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उन्होंने कहा कि सब लोग अपनी अलग-अलग तरह की राजनीति करते हैं. इस तरह की बात आंदोलन में होने लगी तो आंदोलन कमजोर हो जाएगा. मेरी राय तो यही है कि जो किसान नेता आंदोलन कर रहे हैं, वो अगर किसान की बात ना करें तो उसको बदल देना चाहिए. हां, अगर किसान नेताओं को राजनीति ही करनी है तो वो खुलकर बोले कि हम यहां पर राजनीति करने आए हैं, किसानों का हक लेने नहीं आए हैं. अगर किसान आंदोलन में राजनीति होगी तो इस तरह से किसानों का कभी भला नहीं हो सकता है.
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