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सरपंच पर लगा फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवा चुनाव लड़ने का आरोप, CM और मुख्य चुनाव आयुक्त से की शिकायत

हरियाणा में पंचायत चुनाव संपन्न हो चुके है. इस बीच सोनीपत के गढ़ीकला गांव के नवनिर्वाचित सरपंच पर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ने का आरोप लगा (complaint against sarpanch in sonipat) है.

fake caste certificate of sarpanch in sonipat
fake caste certificate of sarpanch in sonipat
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Published : Dec 2, 2022, 12:49 PM IST

Updated : Dec 2, 2022, 1:49 PM IST

सोनीपत : हरियाणा के सोनीपत जिले के गढ़ीकला गांव के सरपंच पर राजपूत होने के बावजूद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ने का आरोप लगा है. इस बात की शिकायत गांव के ही एक व्यक्ति ने की है. शिकायतकर्ता दीपक ने इस मामले की शिकायत हरियाणा के सीएम, मुख्य चुनाव आयुक्त, डिप्टी सीएम, गृह मंत्री और जिला उपायुक्त से की है. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि गांव के नवनिर्वाचित सरपंच राकेश कुमार ने फर्जी अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र तैयार करवा कर चुनाव लड़ा है. वह चुनाव जीतने में कामयाब भी रहा.

शिकायतकर्ता ने दीपक की मानें तो चुनाव के वक्त भी उसने कई अधिकारियों से इस बात की शिकायत की थी. तब अधिकारियों ने उससे यह कह कर कार्रवाई करने से मना कर दिया कि राकेश कुमार ने नामांकन पत्र के साथ अपना अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र साथ में संलग्न कर रखा है. जिस वजह से राकेश कुमार यह चुनाव लड़ पाया और जीतने में भी कामयाब रहा. जबकि वह दूसरे स्थान पर रहा.

सरपंच पर लगा फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवा चुनाव लड़ने का आरोप

दीपक ने बताया कि जब उसने अपने स्तर पर राकेश कुमार के दस्तावेजों की पड़ताल कि तो पता चला कि राकेश कुमार ने दो जाति प्रमाण पत्र बनवा रखे हैं. आरोप है कि दूसरे प्रमाण पत्र में राकेश कुमार ने खुद की जाति को छिपा कर धोखे से अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र प्राप्त कर रखा (fake caste certificate of sarpanch in sonipat) है. उसने सबसे पुरान प्रमाण पत्र साल 2009 में बनवाया था. इसके अलावा राकेश ने दो और सर्टिफिकेट बनवा रखे हैं. ये दोनों सर्टिफिकेट उसने ऑनलाइन बनवाए हुए हैं. इसी फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर वह गांव का सरपंच बन गया.

दीपक ने बताया कि राकेश द्वारा साल 2009 में बनवाए गए फर्जी प्रमाण पत्र में वह अकेला व्यक्ति एससी ( (fake certificate of sarpanch in sonipat) है. जबकि इसके परिवार के लोगों ने खुद को राजपूत बता रखा है. उसने इस बात की सूचना एसपी, एसडीएम, डीसी साहब को दे रखी है. अभी तक उसे एडीसी के यहां से मिलने के लिए बुलाया गया था. हालांकि एडीसी किसी काम में व्यस्त होने के कारण उनसे नहीं मिल पाई.

ये भी पढ़ें-सिरसा में 4 चार दिन बाद भी फंसा पेंच, जानिए किसका होगा जिला परिषद चेयरमैन

दीपक ने बताया कि वह इस मामले को लेकर एसडीएम से भी मिल चुका है. एसडीएम ने आश्वासन दिया है कि अगर डीसी के पास से अगर फाइल मार्क होकर आती है तो इस मामले में तुरंत कार्रवाई की जाएगी. दीपक ने गांव के नव निर्वाचित सरपंच राकेश कुमार के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की मांग की है. शिकायतकर्ता ने यह भी मांग किया है कि राकेश के निर्वाचन को निरस्त किया जाय और उसके खिलाफ धोखाधड़ी मुकदमा दर्ज किया जाय.

सोनीपत : हरियाणा के सोनीपत जिले के गढ़ीकला गांव के सरपंच पर राजपूत होने के बावजूद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ने का आरोप लगा है. इस बात की शिकायत गांव के ही एक व्यक्ति ने की है. शिकायतकर्ता दीपक ने इस मामले की शिकायत हरियाणा के सीएम, मुख्य चुनाव आयुक्त, डिप्टी सीएम, गृह मंत्री और जिला उपायुक्त से की है. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि गांव के नवनिर्वाचित सरपंच राकेश कुमार ने फर्जी अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र तैयार करवा कर चुनाव लड़ा है. वह चुनाव जीतने में कामयाब भी रहा.

शिकायतकर्ता ने दीपक की मानें तो चुनाव के वक्त भी उसने कई अधिकारियों से इस बात की शिकायत की थी. तब अधिकारियों ने उससे यह कह कर कार्रवाई करने से मना कर दिया कि राकेश कुमार ने नामांकन पत्र के साथ अपना अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र साथ में संलग्न कर रखा है. जिस वजह से राकेश कुमार यह चुनाव लड़ पाया और जीतने में भी कामयाब रहा. जबकि वह दूसरे स्थान पर रहा.

सरपंच पर लगा फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवा चुनाव लड़ने का आरोप

दीपक ने बताया कि जब उसने अपने स्तर पर राकेश कुमार के दस्तावेजों की पड़ताल कि तो पता चला कि राकेश कुमार ने दो जाति प्रमाण पत्र बनवा रखे हैं. आरोप है कि दूसरे प्रमाण पत्र में राकेश कुमार ने खुद की जाति को छिपा कर धोखे से अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र प्राप्त कर रखा (fake caste certificate of sarpanch in sonipat) है. उसने सबसे पुरान प्रमाण पत्र साल 2009 में बनवाया था. इसके अलावा राकेश ने दो और सर्टिफिकेट बनवा रखे हैं. ये दोनों सर्टिफिकेट उसने ऑनलाइन बनवाए हुए हैं. इसी फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर वह गांव का सरपंच बन गया.

दीपक ने बताया कि राकेश द्वारा साल 2009 में बनवाए गए फर्जी प्रमाण पत्र में वह अकेला व्यक्ति एससी ( (fake certificate of sarpanch in sonipat) है. जबकि इसके परिवार के लोगों ने खुद को राजपूत बता रखा है. उसने इस बात की सूचना एसपी, एसडीएम, डीसी साहब को दे रखी है. अभी तक उसे एडीसी के यहां से मिलने के लिए बुलाया गया था. हालांकि एडीसी किसी काम में व्यस्त होने के कारण उनसे नहीं मिल पाई.

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दीपक ने बताया कि वह इस मामले को लेकर एसडीएम से भी मिल चुका है. एसडीएम ने आश्वासन दिया है कि अगर डीसी के पास से अगर फाइल मार्क होकर आती है तो इस मामले में तुरंत कार्रवाई की जाएगी. दीपक ने गांव के नव निर्वाचित सरपंच राकेश कुमार के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की मांग की है. शिकायतकर्ता ने यह भी मांग किया है कि राकेश के निर्वाचन को निरस्त किया जाय और उसके खिलाफ धोखाधड़ी मुकदमा दर्ज किया जाय.

Last Updated : Dec 2, 2022, 1:49 PM IST
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