सोनीपत: पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सोनीपत दौरे के दौरान बीजेपी-जेजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया है. उनका कहना है कि गठबंधन की दोनों पार्टियां आज बरोदा में झूठे वादों का पुलिंदा लेकर घूम रही हैं. 6 साल तक हलके की अनदेखी करने वाली सरकार उपचुनाव में वोट बटोरने के लिए लोगों को बरगलाने में लगी है जबकि बरोदा की जनता को पता है कि बेमेल गठबंधन की इस सरकार का कोई भविष्य नहीं है. बरोदा के नतीजों के साथ इस सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी.
बरोदा के गांवों का मुद्दा उठाया
हुड्डा ने बताया कि बरोदा के 8 गांवों रिंढ़ाना, धनाना, बनवासा, घढ़वाल, भावड़, कहल्पा और कथूरा में जलभराव का मामला विधानसभा की याचिका कमेटी में पहुंच गया है. विधायक जगबीर मलिक, गीता भुक्कल और शकुंतला खटक ने सरपंचों की मांग के बाद ये मुद्दा कमेटी के सामने रखा. इस पर अधिकारियों से जवाब-तलब किया जा रहा है. कांग्रेस की मांग है कि सरकार तुरंत गांव वालों को साढ़े 4 हजार एकड़ में हुए नुकसान का मुआवजा दे और समस्या के स्थाई समाधान के लिए ड्रेन बनवाई जाए.
'गठबंधन के नेता भरोसे के लायक नहीं'
पूर्व सीएम ने कहा कि बरोदा को पता है कि गठबंधन के नेता भरोसे लायक नहीं हैं. जो लोग पिछले चुनाव में एक-दूसरे को कोस रहे थे, वहीं आज एक दूसरे की तारीफ में कसीदे पढ़ रहे हैं. जनता ऐसे लोगों का भरोसा नहीं करती जो हर चुनाव में अपनी बात से पलट जाते हैं इसलिए इस उपचुनाव में लोग बरोदा ही नहीं पूरे हरियाणा में हो घपले घोटालों का हिसाब गठबंधन सरकार से लेंगे, क्योंकि 6 साल से लगातार इस सरकार में एक के बाद एक घोटाले हो रहे हैं.
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घोटाले इतने बड़े हैं कि लाख कोशिशों के बावजूद सरकार इन्हें दबा नहीं पाई. शराब घोटाले की बात करें तो पूरा प्रदेश इसका गवाह है, लेकिन सरकार ने इसकी जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज, सीबीआई या जेपीसी की तरह विधानसभा की कमेटी से ना करवाकर एसईटी से करवाई है. एसईटी को भी सरकार ने कोई पावर नहीं दी. मौजूदा सरकार ने हमारे कार्यकाल के दौरान खिलाड़ियों के लिए बनाई गई ‘पदक लाओ, पद पाओ नीति’ को ‘भेदभाव नीति’ बना दिया है. तमाम खिलाड़ी सवाल कर रहे हैं कि उन्हें नियुक्तियां क्यों नहीं दी जा रही.