सोनीपत: पिछले साल जब कोरोना वायरस ने हड़कंप मचाया तो सरकार ने देश में संपूर्ण लॉकडाउन लगा दिया था और कोविड के नियमों की पालना करवाने की जिम्मेदारी पुलिस को सौंप दी गई थी, ताकि देश में कोरोना वायरस ना फैल सके. इस दौरान कोरोना योद्धा की भूमिका निभा रहे कई पुलिस कर्मचारी भी कोरोना की चपेट में आए और उनमें से कई की मौत हो गई.
मृतक के परिवार को नहीं मिली सहायता राशि
इन्हीं में एक नाम सोनीपत निवासी अमित राणा का है. अमित दिल्ली पुलिस (delhi police) में सिपाही के पद पर तैनात था. ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमित होने के चलते उसकी मौत हो गई थी. इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (arvind kejriwal) ने ट्वीट कर परिजनों को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया था. लेकिन अभी तक मृतक के परिजनों को सहायता राशि नहीं मिली.
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ये बात गौर करने वाली है कि मृतक सिपाही अमित राणा के परिवार में एक बुजुर्ग पिता, पत्नी और दो बच्चे हैं. जब अमित की बेटी पैदा हुई थी, तब अमित देश की जनता को बचाने के लिए ड्यूटी कर रहा था. लेकिन कोरोना ने उसे अपनी चपेट में लिया और उसकी मौत हो गई.
अपना ही वादा भूल गई सरकार!
सिपाही अमित की मौत के बाद अरविंद केजरीवाल सरकार ट्वीट करके शांत बैठ गई और अभी तक परिवार को सहायता राशि नहीं दी गई. मृतक सिपाही अमित राणा की पत्नी कई बार दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर इस बाबत गुहार भी लगा चुकी हैं. लेकिन दिल्ली सरकार अपना किया गया वादा भूल गई.
अमित राणा की पत्नी पूजा का कहना है कि उनके पति ड्यूटी के दौरान कोविड-19 (covid-19) से संक्रमित हो गए थे और तबीयत बिगड़ने से उनकी मौत हो गई थी. जब उनकी मौत हुई तो वो गर्भवती थी और उनकी मौत के बाद ही उनको एक बेटी हुई और उसके सामने परिवार के लालन पोषण की जिम्मेदारी आ गई.
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पूजा का कहना है कि अब घर के हालात भी खस्ता होते हुए नजर आ रहे हैं. उनके पति के पिता ना कुछ बोल सकते हैं और ना सुन सकते हैं. अमित की पत्नी ने कहा कि मेरी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से हाथ जोड़कर विनती है कि उन्होंने जो वादा किया था उसको जल्द से जल्द पूरा करे.