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सीएम के समारोह में गिड़गिड़ाता रहा दिव्यांग, 'पुलिसकर्मियों ने धक्का देकर निकाला' - ETV HARYANA

हरियाणा सरकार जरूरतमंदों को लेकर कितनी गंभीर है, इस बात का उदाहरण सोनीपत में देखने को मिला. जहां मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में एक दिव्यांग गिड़गिड़ाता रहा और स्थानीय सांसद और अधिकारी बस उसे देखते रहे और एक-एक कर निकल गए.

परिवार का पेट पालने के लिए गिड़गिड़ाता रहा विकलांग
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Published : Jul 15, 2019, 5:21 PM IST

सोनीपत: दिव्यांग अनिल के मुताबिक वो सीएम से मिलने की जिद्द कर रहा था. जिसके बाद पुलिस कर्मियों ने पहले उसे घसीटा और फिर मारपीट की, करनाल और सोनीपत के सांसदों जब मौके पर पहुंचे तो पुलिसकर्मियों ने उसे छोड़ना दिया.

अनिल को दिया आश्वासन
दिव्यांग ने सांसदों से भी सीएम से मिलने की बात कही. वहां सांसद और एडीसी ने दिव्यांग को समझाकर मदद का आश्वासन देकर साइड किया. उसके बाद सीएम की गाड़ी को निकाला गया.

अनिल पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी
दरअसल सोनीपत में रामनगर निवासी अनिल के पैर नहीं हैं, जबकि परिवार की पूरी जिम्मेदारी उसके ऊपर है. परिवार में पत्नी के अलावा तीन बेटियां हैं और अनिल बैटरी की रिक्शा चलाकर परिवार का गुजारा करना चाहता है, लेकिन उसके पास रिक्शा खरीदने के रुपये नहीं हैं.

हर बार अनिल को दिया गया आश्वासन
अनिल कई बार मदद के लिए सीएम से और अधिकारियों से मिलने के लिए चंडीगढ़ भी पहुंचा, लेकिन उसे किसी तरह की कोई सहायता नहीं मिली. आरोप है कि उसे पुलिस कर्मियों ने धक्के देकर बाहर निकाल दिया.

सीएम के समारोह में गिड़गिड़ाता रहा दिव्यांग, क्लिक कर देखें वीडियो.

सीएम से नहीं होने दी मुलाकात
अनिल जब सीएम के जनता दरबार तक गया तो वहां उसे केवल आश्वासन मिला. वो सीएम से मिलने के लिए कई रैलियों में गया, लेकिन उसे किसी भी जगह मिलने नहीं दिया गया. मजबूर होकर वो उस रास्ते पर बैठ गया, जहां से सीएम की गाड़ी को निकलना था.

सीएम के जाते वक्त हुआ हंगामा
कार्यक्रम खत्म होने के बाद सीएम गाड़ी में बैठ गए तो अनिल उनसे मिलने के लिए गाड़ी के पास जाने लगा. अनिल ने कहा कि पुलिस कर्मियों ने उसे रोक दिया तो वो गाड़ी के आगे ही लेट गया. उसे पुलिस कर्मियों ने रास्ते से हटाने के लिए घसीटना शुरू कर दिया तो उसी समय करनाल के सांसद संजय भाटिया, एडीसी जयबीर आर्य, एसपी प्रतीक्षा गोदारा समेत अन्य अधिकारी पहुंच गए.

ये भी पढ़ें- बीजेपी के मिशन-75 के जबाव में अशोक तंवर का 'अपना टाइम आएगा'

उन सभी ने अनिल को समझाने का प्रयास किया और उसे एडीसी जयबीर आर्य ने रिक्शा दिलाने के लिए कह दिया. अनिल ने आरोप लगाया कि उसे हर बार इस तरह ही आश्वासन देकर वापस भेज दिया जाता है और उसके बाद कोई उसकी समस्या नहीं सुनता है. हंगामा देखकर सांसद रमेश कौशिक भी पहुंच गए और उसे अपनी सांसद निधि से रिक्शा दिलाने के लिए अधिकारियों से कहा.

सोनीपत: दिव्यांग अनिल के मुताबिक वो सीएम से मिलने की जिद्द कर रहा था. जिसके बाद पुलिस कर्मियों ने पहले उसे घसीटा और फिर मारपीट की, करनाल और सोनीपत के सांसदों जब मौके पर पहुंचे तो पुलिसकर्मियों ने उसे छोड़ना दिया.

अनिल को दिया आश्वासन
दिव्यांग ने सांसदों से भी सीएम से मिलने की बात कही. वहां सांसद और एडीसी ने दिव्यांग को समझाकर मदद का आश्वासन देकर साइड किया. उसके बाद सीएम की गाड़ी को निकाला गया.

अनिल पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी
दरअसल सोनीपत में रामनगर निवासी अनिल के पैर नहीं हैं, जबकि परिवार की पूरी जिम्मेदारी उसके ऊपर है. परिवार में पत्नी के अलावा तीन बेटियां हैं और अनिल बैटरी की रिक्शा चलाकर परिवार का गुजारा करना चाहता है, लेकिन उसके पास रिक्शा खरीदने के रुपये नहीं हैं.

हर बार अनिल को दिया गया आश्वासन
अनिल कई बार मदद के लिए सीएम से और अधिकारियों से मिलने के लिए चंडीगढ़ भी पहुंचा, लेकिन उसे किसी तरह की कोई सहायता नहीं मिली. आरोप है कि उसे पुलिस कर्मियों ने धक्के देकर बाहर निकाल दिया.

सीएम के समारोह में गिड़गिड़ाता रहा दिव्यांग, क्लिक कर देखें वीडियो.

सीएम से नहीं होने दी मुलाकात
अनिल जब सीएम के जनता दरबार तक गया तो वहां उसे केवल आश्वासन मिला. वो सीएम से मिलने के लिए कई रैलियों में गया, लेकिन उसे किसी भी जगह मिलने नहीं दिया गया. मजबूर होकर वो उस रास्ते पर बैठ गया, जहां से सीएम की गाड़ी को निकलना था.

सीएम के जाते वक्त हुआ हंगामा
कार्यक्रम खत्म होने के बाद सीएम गाड़ी में बैठ गए तो अनिल उनसे मिलने के लिए गाड़ी के पास जाने लगा. अनिल ने कहा कि पुलिस कर्मियों ने उसे रोक दिया तो वो गाड़ी के आगे ही लेट गया. उसे पुलिस कर्मियों ने रास्ते से हटाने के लिए घसीटना शुरू कर दिया तो उसी समय करनाल के सांसद संजय भाटिया, एडीसी जयबीर आर्य, एसपी प्रतीक्षा गोदारा समेत अन्य अधिकारी पहुंच गए.

ये भी पढ़ें- बीजेपी के मिशन-75 के जबाव में अशोक तंवर का 'अपना टाइम आएगा'

उन सभी ने अनिल को समझाने का प्रयास किया और उसे एडीसी जयबीर आर्य ने रिक्शा दिलाने के लिए कह दिया. अनिल ने आरोप लगाया कि उसे हर बार इस तरह ही आश्वासन देकर वापस भेज दिया जाता है और उसके बाद कोई उसकी समस्या नहीं सुनता है. हंगामा देखकर सांसद रमेश कौशिक भी पहुंच गए और उसे अपनी सांसद निधि से रिक्शा दिलाने के लिए अधिकारियों से कहा.

Intro:हरियाणा की बीजेपी सरकार की जनता के हित मे चलाई जा रही योजनाएं कितनी कारगर हैं , इस बात का उदाहरण देखने को मिला है सोनीपत में आयोजित मुख्यमंत्री के समारोह में। समारोह में सीएम से मात्र एक रिक्शा की गुहार लगाने आये विकलांग को धक्के मारकर बेइज्जत किया गया। अपना दुखड़ा रोते-रोते इस विकलांग की आंख से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। ऐसा नहीं है कि इसके साथ ऐसा पहली बार हुआ है, बल्कि अपना दुखड़ा लेकर यह विकलांग सीएम से मिलने चंडीगढ़ भी जा चुका है, जहां पर इसके साथ ऐसा ही व्यवहार हो चुका है।


Body:अपने दोनों पैर गंवा चुका यह शख्स सोनीपत की देव नगर कालोनी का रहने वाला अनिल कुमार है। अनिल अपने पैर गवाने के बावजूद अपने परिवार का पालन पोषण ई-रिक्शा चलाकर करता है। बीते कुछ दिन पहले इसे एक ई-रिक्शा किसी सामाजिक संगठन ने दी थी। लेकिन अब वह ई-रिक्शा कंडम हो चुकी है। ऐसे में अनिल नई ई-रिक्शा लेने के लिए कईं बार प्रशासन से गुहार लगा चुका है। जब प्रशासन ने अनिल की नहीं सुनी तो वो सीएम दरबार मे चंडीगढ़ पहुंच गया, जहां पर सुरक्षा कर्मियों ने उसे बेइज्जत कर बाहर का रास्ता दिखा दिया। रविवार को एक बार फिर अनिल सीएम के समारोह में अपनी गुहार लेकर पहुंचा। वहां पर भी उसके साथ धक्का-मुक्की करके बाहर निकाल दिया गया। रोता-बिलखता देख सांसद रमेश कौशिक सहित जिले के अधिकारी भी पहुंचे, लेकिन किसी ने उसकी एक नया सुनी और अनिल गिड़गिड़ाता रहा कि उसे रिक्शा या कोई रोजगार दिया जाए ताकि वो अपनी तीन बेटियों और अपनी विधवा मां का पेट पाल सके।


Conclusion:विकलांग पेंशन से लेकर रोजगार तक की सरकार के अनेकों योजनाएं हैं, अगर अनिल की बात की जाए तो उसके पास अपने परिवार का पेट पालने के लिए कुछ भी साधन नहीं है, ऐसे में इन सरकारी योजनाओं पर सवालिया निशान उठना स्वाभाविक है।
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