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कोरोना काल में भी जारी महिलाओं की न्याय की लड़ाई, वन स्टॉप केंद्र में 60 केसों का समाधान

सोनीपत के उपायुक्त श्याम लाल पूनिया ने बताया कि लॉकडाउन और कोरोना वायरस के दौरान भी महिलाओं की न्याय की लड़ाई जारी रही. इस दौरान वन स्टॉप केंद्र में 60 केसों का समाधान किया गया.

60 cases solved by sonipat one stop center for women
वन स्टॉप केंद्र में 60 केसों का समाधान
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Published : Jul 18, 2020, 8:00 AM IST

सोनीपत: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वजह से लगाए गए लॉकडाउन और अब अनलॉक के दौरान भी वन स्टॉप केंद्र लगातार महिलाओं के न्याय के लिए काम कर रहा है. सोनीपत के वन स्टॉप केंद्र में लॉकडाउन के बाद से 60 केसों का समाधान किया जा चुका है. इस बात की जानकारी उपायुक्त श्याम लाल पूनिया ने दी.

उपायुक्त ने बताया कि महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में पीड़ितों को सेंटर के जरिए हर तरह की मदद उपलब्ध करवाई जाती है. उन्होंने पीड़ित महिलाओं से आह्वान किया कि वो अपने खिलाफ होने वाले अन्याय को चुपचाप सहन करने की बजाय सेंटर की सहायता लें.

उपायुक्त ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के उद्देश्य से लगाए गए लॉकडाउन के दौरान भी सेंटर महिलाओं की सेवा में समर्पित रहा है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से सोनीपत में फरवरी 2020 को सेंटर की शुरुआत की गई थी. तभी से सेंटर ने महिलाओं की समस्याओं के समाधान में बढ़-चढ़कर काम किया है.

ये भी पढ़िए: हरियाणा में फिर दस्तक दे सकता है टिड्डी दल, CM ने दिए ड्रोन से रसायन के छिड़काव के आदेश

उपायुक्त पूनिया ने कहा कि घरेलू हिंसा, बाल विवाह, एसिड अटैक पीड़िता और यौन उत्पीड़ित महिलाओं के संरक्षण और न्याय दिलाने की दिशा में वन स्टॉप सेंटर काम कर रहा है. इस तरह के मामलों में पीड़िताओं को चुप नहीं रहना चाहिए. महिलाओं को अपने साथ होने वाले अन्याय और अपराध के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. साथ ही उपायुक्त ने बताया कि वन स्टॉप सेंटर में पीड़िताओं के लिए 5 दिन तक रहने और खाने-पीने की सुविधा भी दी जाती है. सेंटर में रहकर महिलाएं अपनी समस्या के समाधान पर निर्णय ले सकती हैं.

सोनीपत: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वजह से लगाए गए लॉकडाउन और अब अनलॉक के दौरान भी वन स्टॉप केंद्र लगातार महिलाओं के न्याय के लिए काम कर रहा है. सोनीपत के वन स्टॉप केंद्र में लॉकडाउन के बाद से 60 केसों का समाधान किया जा चुका है. इस बात की जानकारी उपायुक्त श्याम लाल पूनिया ने दी.

उपायुक्त ने बताया कि महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में पीड़ितों को सेंटर के जरिए हर तरह की मदद उपलब्ध करवाई जाती है. उन्होंने पीड़ित महिलाओं से आह्वान किया कि वो अपने खिलाफ होने वाले अन्याय को चुपचाप सहन करने की बजाय सेंटर की सहायता लें.

उपायुक्त ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के उद्देश्य से लगाए गए लॉकडाउन के दौरान भी सेंटर महिलाओं की सेवा में समर्पित रहा है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से सोनीपत में फरवरी 2020 को सेंटर की शुरुआत की गई थी. तभी से सेंटर ने महिलाओं की समस्याओं के समाधान में बढ़-चढ़कर काम किया है.

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उपायुक्त पूनिया ने कहा कि घरेलू हिंसा, बाल विवाह, एसिड अटैक पीड़िता और यौन उत्पीड़ित महिलाओं के संरक्षण और न्याय दिलाने की दिशा में वन स्टॉप सेंटर काम कर रहा है. इस तरह के मामलों में पीड़िताओं को चुप नहीं रहना चाहिए. महिलाओं को अपने साथ होने वाले अन्याय और अपराध के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. साथ ही उपायुक्त ने बताया कि वन स्टॉप सेंटर में पीड़िताओं के लिए 5 दिन तक रहने और खाने-पीने की सुविधा भी दी जाती है. सेंटर में रहकर महिलाएं अपनी समस्या के समाधान पर निर्णय ले सकती हैं.

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