सिरसा: पिछले एक दशक से पंजाब राज्य नशे के चंगुल में फंसा हुआ है, माना जाता रहा है कि पूरे देश में सबसे ज्यादा नशे का काला धंधा पंजाब में ही फलता-फूलता रहा है, लेकिन अब ये नशा का कारोबार पड़ोसी राज्यों में भी फैल रहा है. केंद्रीय समाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार सिरसा, हिसार, फतेहाबाद समेत हरियाणा के करीब 10 जिलों के युवा इस जहर में घुलने लगे है.
नशे की तरफ महिलाओं के भटकते कदम!
सबसे ज्यादा हैरानी की बात तो ये है कि अब नशे की चुंगल में फंसने वाले युवक ही नहीं, बड़ी मात्रा में महिलाएं भी सामने आने लगी है. सिरसा नशा मुक्ति केंद्र के डॉक्टर पंकज शर्मा भी इस सच्चाई से हैरान हैं. महिलाओं का नशे की तरफ बढ़ते कदम ने स्वास्थ्य विभाग समेत पूरे पुलिस महकमे के होश उड़ा दिए हैं. महिलाएं हेरोइन, स्मैक, म्याऊं-म्याऊं, चार्ली, आयोडेक्स, सोल्यूशन ना जाने किस-किस तरह के नशे की आदी होती जा रही हैं.
नशा तस्करी में भी गिरफ्तार हुई महिलाएं
वहीं नशा तस्करी के मामले में भी महिलाएं पुलिस के हत्थे चढ़ती रहती हैं. हालांकि पुलिस ने नशे की आदी और तस्करी के लिए गिरफ्तार महिलाओं की संख्या का खुलासा नहीं किया, लेकिन ये जरूर कहा कि लॉकडाउन के दौरान भारी मात्रा में नशीले पदार्थ जब्त किया गया और आरोपी को गिरफ्तार किया है. अब तक 514 केस दर्ज किए गए हैं और 931 लोगों को अरेस्ट किया गया है, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं.
'बाहर रहने वाली युवतियां कर रही हैं नशा'
पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से आज नशा मुक्ति केंद्र से अपना इलाज करवा रही हैं, महिला संस्था से जुड़ी शिल्पा वर्मा ने भी माना कि आज सिरसा में महिलाओं में नशा बढ़ गया है, उनका कहना है कि ज्यादातर वो महिलाएं नशे में फंस रही हैं जो घर से बाहर रहती हैं, या आर्केस्ट्रा जैसे व्यावसाय में हैं.
'नशे को लड़का-लड़की के तर्ज पर ना देखें'
वहीं एडवोकेट बलबीर कौर गांधी का कहना है कि लड़का नशा कर रहा है, लड़कियां नशा कर रही हैं, ये सोचने का विषय नहीं है, आज चिंता करनी चाहिए कि युवा क्यों नशे की तरफ बढ़ रहा है. उनका कहना है कि युवाओं की बेरोजगारी, उनका अकेलापन नशे की धकेल रहा है.
यकीनन नशा किसी भी देश के विकास की जड़ में तेजाब का काम करता है. नशा जहां फैलता है वहां की आने वाली पीढियों को खोखला कर देता है. महिलाओं का नशे की ओर बढ़ता रुझान खतरनाक खतरनाक भविष्य की ओर इशारा कर रही है. ऐसे में आज जरूरत है नशे के खिलाफ सरकारों की मजबूत प्लानिंग की, ताकि नशे को जड़ से खत्म किया जा सके.
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