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सिरसा: बैंकों के निजीकरण को लेकर बैंक कर्मचारियों ने की 2 दिवसीय हड़ताल

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार सरकारी बैंको के शेयर बेचकर निजीकरण पर उतारू है. इसी का बैंक कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. सरकार की निजीकरण की नीतियों का डट कर विरोध किया जाएगा. क अधिकारी नरेश मुखीजा ने बताया कि नीरव मोदी जैसे घरानों पर 7 लाख करोड़ का एनपीए बकाया है.

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सिरसा: बैंकों के निजीकरण को लेकर बैंक कर्मचारियों ने की 2 दिवसीय हड़ताल
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Published : Mar 15, 2021, 1:39 PM IST

सिरसा: यूनाइटेड फॉर्म ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर सोमवार से बैंक कर्मियों की दो दिवसीय हड़ताल शुरू हुई. बरनाला रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा के समक्ष सरकारी बैंकों के कर्मचारी निजीकरण के विरोध में धरने पर बैठें है. उन्होंने सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

प्रदर्शकारियों का कहना है की सरकार लाभ में चल रहे सरकारी बैंको के शेयर बेचकर निजीकरण पर उतारू है. इसी का बैंक कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. सरकार की निजीकरण की नीतियों का डट कर विरोध किया जाएगा. क अधिकारी नरेश मुखीजा ने बताया कि नीरव मोदी जैसे घरानों पर 7 लाख करोड़ का एनपीए बकाया है.

सिरसा: बैंकों के निजीकरण को लेकर बैंक कर्मचारियों ने की 2 दिवसीय हड़ताल

ये भी पढ़ें: क्या अंबाला से शुरू हुआ था 1857 का विद्रोह, अनिल विज के बयान के बाद गरमाई सियासत

उनके नाम उजागर करने की बजाय सरकार बैंकों के निजीकरण की तरफ बढ़ रही है. जबकि सभी सरकारी बैंक लाभ में चल रहे हैं. ऐसे में शेयर बेचकर सरकार द्वारा बैंकों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. इसी का बैंक कर्मचारी विरोध जता रहे हैं. गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगामी वित्त वर्ष के लिए पेश किए गए बजट में 2 सरकारी बैंकों और एक इन्सुरेंस कंपनी के निजीकरण की घोषणा की है. यह निजीकरण वर्ष 2021-22 होगा.

ये भी पढ़ें: डबल पेंशन लेने वालों से सरकार कर रही रिकवरी, अंबाला में अब तक 2 करोड़ रुपये वसूले

सिरसा: यूनाइटेड फॉर्म ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर सोमवार से बैंक कर्मियों की दो दिवसीय हड़ताल शुरू हुई. बरनाला रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा के समक्ष सरकारी बैंकों के कर्मचारी निजीकरण के विरोध में धरने पर बैठें है. उन्होंने सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

प्रदर्शकारियों का कहना है की सरकार लाभ में चल रहे सरकारी बैंको के शेयर बेचकर निजीकरण पर उतारू है. इसी का बैंक कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. सरकार की निजीकरण की नीतियों का डट कर विरोध किया जाएगा. क अधिकारी नरेश मुखीजा ने बताया कि नीरव मोदी जैसे घरानों पर 7 लाख करोड़ का एनपीए बकाया है.

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उनके नाम उजागर करने की बजाय सरकार बैंकों के निजीकरण की तरफ बढ़ रही है. जबकि सभी सरकारी बैंक लाभ में चल रहे हैं. ऐसे में शेयर बेचकर सरकार द्वारा बैंकों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. इसी का बैंक कर्मचारी विरोध जता रहे हैं. गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगामी वित्त वर्ष के लिए पेश किए गए बजट में 2 सरकारी बैंकों और एक इन्सुरेंस कंपनी के निजीकरण की घोषणा की है. यह निजीकरण वर्ष 2021-22 होगा.

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