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मुनाफे की खेती कर 20 महिलाओं को दे रही रोजगार हरियाणा की महिला किसान मंजू बाला - किसान मंजू बाला आर्गेनिक खेती हरियाणा

आज पूरा देश किसान दिवस मना रहा है. किसान दिवस हर साल 23 दिसंबर को देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जन्मदिन पर मनाया जाता है. इस मौके पर ईटीवी भारत अपनी इस खास पेशकश में ऐसे किसानों की कहानी लेकर आया है जिन्होंने कृषि ना केवल नए आयाम दिए बल्कि दूसरे लोगों को प्रेरित भी किया.

special story female farmer sirsa
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Published : Dec 23, 2020, 4:41 PM IST

Updated : Dec 23, 2020, 4:56 PM IST

सिरसा: ये कहानी है सिरसा के गांव बेगु की महिला किसान मंजू बाला की. एडवांस टेक्नोलॉजी और रासायनिक खाद छोड़कर व घरेलू खाद बनाकर किसान मंजू बाला काफी सुर्खियां बटोर रही हैं. उन्होंने कृषि के लिए परीक्षण भी लिया है और आज उनके साथ कई महिलाएं भी काम कर रही हैं.

मंजू बाला केंचुआ खाद से कम खर्च में खेतीकर जमकर मुनाफा कमा रही हैं. मंजू घर में बनी खाद से सरसों की खेती करती हैं और आज पूरा गांव ही नहीं बल्कि कृषि वैज्ञानिक भी इस महिला किसान की मेहनत के मुरीद हो चुके हैं. मंजू के साथ काम कर रही महिलाओं को भी रोजगार मिला जिसके लिए वे मंजू बाला का धन्यवाद करती हैं.

खेती में मुनाफे के साथ बाकी महिलाओं को भी रोजगार दे रहीं किसान मंजू बाला, क्लिक कर देखें वीडियो

महिला किसान मंजू बाला ने ईटीवी भारत की टीम से खास बातचीत करते हुए बताया कि 6 एकड़ में उनका परिवार खेती करता है. वो पिछले 7 सालों से खेती कर रही हैं. उनके ससुर राजा राम ने ही उनको खेती करने के लिए प्रेरणा दी.

ये भी पढ़ें- किसान दिवस : लॉकडाउन के दौरान कृषि समस्या और मदद

मंजू ने बताया कि केंचुआ खाद वे अपने खेत में ही तैयार करती हैं और इस खाद से उनकी फसल को दूसरी खाद से ज्यादा अच्छी पैदावार होती है. उन्होंने कहा है कि जो भी किसान इस तरह की खाद का इस्तेमाल करेंगे उनके लिए ये काफी फायदेमंद साबित होगा.

मंजू के ससुर राजा राम ने बताया कि उन्होंने पहले अपनी खेती में रासायनिक खाद डालनी शुरू की थी जो कि महंगी थी और उसमे पैदावर कम थी. इसके लिए उन्हें कृषि विभाग के अधिकारियों ने जागरूक किया और उन्होंने फसलों की अवशेष से ही अपने खेतों में खाद बनाना शुरू किया. खेत में तैयार की गई खाद से उनकी फसल को फायदा मिला है.

ये भी पढ़ें- किसान दिवस 2020 : किसानों के मसीहा थे पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह

महिला किसान मंजू बाला के खेती करने के इस तरीके की हर ओर तारीफ होती है. वहीं कई किसान खासकर की महिलाएं भी उनसे प्रेरित हो रही हैं. आज के समय में बढ़ते प्रदूषण और खेती में बढ़ रहे रसायनिक खाद के इस्तेमाल को देखते हुए देश को मंजू बाला जैसे किसानों की जरूरत है.

सिरसा: ये कहानी है सिरसा के गांव बेगु की महिला किसान मंजू बाला की. एडवांस टेक्नोलॉजी और रासायनिक खाद छोड़कर व घरेलू खाद बनाकर किसान मंजू बाला काफी सुर्खियां बटोर रही हैं. उन्होंने कृषि के लिए परीक्षण भी लिया है और आज उनके साथ कई महिलाएं भी काम कर रही हैं.

मंजू बाला केंचुआ खाद से कम खर्च में खेतीकर जमकर मुनाफा कमा रही हैं. मंजू घर में बनी खाद से सरसों की खेती करती हैं और आज पूरा गांव ही नहीं बल्कि कृषि वैज्ञानिक भी इस महिला किसान की मेहनत के मुरीद हो चुके हैं. मंजू के साथ काम कर रही महिलाओं को भी रोजगार मिला जिसके लिए वे मंजू बाला का धन्यवाद करती हैं.

खेती में मुनाफे के साथ बाकी महिलाओं को भी रोजगार दे रहीं किसान मंजू बाला, क्लिक कर देखें वीडियो

महिला किसान मंजू बाला ने ईटीवी भारत की टीम से खास बातचीत करते हुए बताया कि 6 एकड़ में उनका परिवार खेती करता है. वो पिछले 7 सालों से खेती कर रही हैं. उनके ससुर राजा राम ने ही उनको खेती करने के लिए प्रेरणा दी.

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मंजू ने बताया कि केंचुआ खाद वे अपने खेत में ही तैयार करती हैं और इस खाद से उनकी फसल को दूसरी खाद से ज्यादा अच्छी पैदावार होती है. उन्होंने कहा है कि जो भी किसान इस तरह की खाद का इस्तेमाल करेंगे उनके लिए ये काफी फायदेमंद साबित होगा.

मंजू के ससुर राजा राम ने बताया कि उन्होंने पहले अपनी खेती में रासायनिक खाद डालनी शुरू की थी जो कि महंगी थी और उसमे पैदावर कम थी. इसके लिए उन्हें कृषि विभाग के अधिकारियों ने जागरूक किया और उन्होंने फसलों की अवशेष से ही अपने खेतों में खाद बनाना शुरू किया. खेत में तैयार की गई खाद से उनकी फसल को फायदा मिला है.

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महिला किसान मंजू बाला के खेती करने के इस तरीके की हर ओर तारीफ होती है. वहीं कई किसान खासकर की महिलाएं भी उनसे प्रेरित हो रही हैं. आज के समय में बढ़ते प्रदूषण और खेती में बढ़ रहे रसायनिक खाद के इस्तेमाल को देखते हुए देश को मंजू बाला जैसे किसानों की जरूरत है.

Last Updated : Dec 23, 2020, 4:56 PM IST
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