सिरसा: ये कहानी है सिरसा के गांव बेगु की महिला किसान मंजू बाला की. एडवांस टेक्नोलॉजी और रासायनिक खाद छोड़कर व घरेलू खाद बनाकर किसान मंजू बाला काफी सुर्खियां बटोर रही हैं. उन्होंने कृषि के लिए परीक्षण भी लिया है और आज उनके साथ कई महिलाएं भी काम कर रही हैं.
मंजू बाला केंचुआ खाद से कम खर्च में खेतीकर जमकर मुनाफा कमा रही हैं. मंजू घर में बनी खाद से सरसों की खेती करती हैं और आज पूरा गांव ही नहीं बल्कि कृषि वैज्ञानिक भी इस महिला किसान की मेहनत के मुरीद हो चुके हैं. मंजू के साथ काम कर रही महिलाओं को भी रोजगार मिला जिसके लिए वे मंजू बाला का धन्यवाद करती हैं.
महिला किसान मंजू बाला ने ईटीवी भारत की टीम से खास बातचीत करते हुए बताया कि 6 एकड़ में उनका परिवार खेती करता है. वो पिछले 7 सालों से खेती कर रही हैं. उनके ससुर राजा राम ने ही उनको खेती करने के लिए प्रेरणा दी.
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मंजू ने बताया कि केंचुआ खाद वे अपने खेत में ही तैयार करती हैं और इस खाद से उनकी फसल को दूसरी खाद से ज्यादा अच्छी पैदावार होती है. उन्होंने कहा है कि जो भी किसान इस तरह की खाद का इस्तेमाल करेंगे उनके लिए ये काफी फायदेमंद साबित होगा.
मंजू के ससुर राजा राम ने बताया कि उन्होंने पहले अपनी खेती में रासायनिक खाद डालनी शुरू की थी जो कि महंगी थी और उसमे पैदावर कम थी. इसके लिए उन्हें कृषि विभाग के अधिकारियों ने जागरूक किया और उन्होंने फसलों की अवशेष से ही अपने खेतों में खाद बनाना शुरू किया. खेत में तैयार की गई खाद से उनकी फसल को फायदा मिला है.
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महिला किसान मंजू बाला के खेती करने के इस तरीके की हर ओर तारीफ होती है. वहीं कई किसान खासकर की महिलाएं भी उनसे प्रेरित हो रही हैं. आज के समय में बढ़ते प्रदूषण और खेती में बढ़ रहे रसायनिक खाद के इस्तेमाल को देखते हुए देश को मंजू बाला जैसे किसानों की जरूरत है.