सिरसाः कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन ने जिंदगी अस्त-व्यस्त कर दी है. इसके शिकार छात्र भी हैं. कोरोना ने पढ़ाई का तरीका और जरिया दोनों बदल दिया है. स्कूल बंद हैं और पढाई ठप. दूसरी तरफ कटाई के लिए मजदूर भी नहीं. ऐसे में ये छात्र अब फसल की कटाई और पढ़ाई दोनों की जिम्मेदारी उठा रहे हैं.
ईटीवी भारत जायजा लेने निकला तो सिरसा के गांव बकरियावाली गांव में कुछ छात्र कटाई के बीच पढ़ाई करते मिल गए. उनसे बात करने पर पता चला कि मजदूर नहीं मिलने की वजह से वो कटाई में हाथ बंटा रहे हैं. इस बीच समय मिलने पर वो अपनी पढ़ाई भी कर लेते हैं. ऑनलाइन और मोबाइल एजुकेशन होने की वजह से उन्हें टीचर की मदद भी खेतों में ही मिल जाती है.
मोबाइल से पढ़ाई कर रहे छात्र
सिरसा के बकरियावाली गांव के राजकीय उच्च विद्यालय में 9वीं के छात्र रवि ने बताया कि उसके स्कूल का वाट्सएप ग्रुप बना हुआ है. जिसमें सभी टीचर और छात्र जुड़े हैं. पढ़ाई करते समय जब कोई सवाल आता है तो ग्रुप में पूछ लेते हैं. जिसका जवाब ग्रुप पर ही मिल जाता है. जरूरी हुआ तो फोन कर लेते हैं.
हालांकि छात्रों का कहना है कि मोबाइल पर ऑनलाइन पढ़ना उन्हें अच्छा तो लग रहा है. लेकिन स्कूल जितना मजा नहीं आ रहा है. वहीं कई चीजें समझ में नहीं आ आती हैं. स्कूल में वह और ज्यादा अच्छी तरह पढ़ाई कर पाते हैं. वहीं छात्र रवि की मां का कहना है कि स्कूल बंद होने के चलते बच्चे गेहूं की कटाई में हाथ भी बंटा दे रहे हैं और खेतों में पढ़ाई भी कर ले रहे हैं.
पढ़ाई के लिए सरकार ने किया है कई इंतजाम
लॉकडाउन के दौरान छात्रों की पढ़ाई का नुकसान ना हो इसके लिए सरकार ने कई इंतजाम किए हैं. कॉलेज के छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लासेज लग रही हैं. स्कूली छात्रों के लिए चार एजुसेट टीवी चैनल शुरू किए गए हैं और शिक्षा विभाग ने "Bright tutee digital learning app भी लॉन्च किया है. जिस पर छात्र बोर्ड के सिलेबस देखकर पढ़ाई कर सकते हैं.
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