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धूप में अर्धनग्न धरने पर बैठे ऐलनाबाद के किसान, सरकार को दिया अल्टीमेटम

ऐलनाबाद के किसानों ने एक बार फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है. इस बार धूप में अर्धनग्न होकर किसान धरने पर बैठे हैं. कुछ दिन पहले भी किसानों ने अपनी मांगो को लेकर जल समाधि के रूप में आंदोलन किया था, लेकिन उस समय जिला उपायुक्त के आश्वासन के बाद किसानों ने अपना धरना समाप्त किया था.

धरने पर बैठे ऐलनाबाद के किसान
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Published : Aug 21, 2019, 9:29 AM IST

सिरसाः अपनी मांगों को लेकर पहले भी धरना कर चुके सिरसा के किसानों ने आर-पार की लड़ाई का मूड बना लिया है. कुछ दिन पहले किसानों ने जल समाधि के रूप में आंदोलन किया था. आंदोलन लगातार 10 दिनों तक चला लेकिन उसके बाद उपायुक्त और सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने किसानों की मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया. ऐसे में किसानों ने जल समाधी समाप्त कर दी थी. उसी कड़ी में समस्या का कोई समाधान नहीं होने पर किसानों ने इस बार फिर से धरने पर बैठने का फैसला कर लिया.

आखिर क्यों फिर से धरने पर बैठने को मजबूर हुए ऐलनाबाद के किसान?

अधिकारियों पर भ्रष्टाचारी के आरोप
इस बार किसानों ने धूप में अर्धनग्न होकर धरना देने का फैसला किया है. किसानों का कहना है कि इस बार वो आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए धरने पर बैठे हैं. प्रशासनिक अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी दूसरे किसानों से पैसे लेकर पानी की चोरी करवाते हैं जिससे अन्य किसानों के हक का पानी उन्हें नहीं मिल रहा.

ये हैं किसानों की मांगें

  • नहर में लगी मोगियां की जांच करवाई जाए
  • नहर में टेल तक पूरा पानी मिलना चाहिए
  • नहर में भाखड़ा का पानी भी मिलना चाहिए
  • पैसे लेने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई

प्रशासन के सामने चुनौति
गौरतलब है कि मांगों के पूरा नहीं होने पर बेहरवाला की टेल पर किसानों का आंदोलन शुरू हुआ था. इससे पहले की बात करें तो किसानों का जल समाधि आंदोलन खत्म हुआ तो बुढीमेड़ी में किसानों ने आंदोलन शुरू कर दिया. उनका समाधान कुछ हद तक हुआ तो यहां बेहरवाला में किसानों ने फिर से आंदोलन शुरू कर दिया. ऐसे में प्रशासन के सामने दोनों धरनों पर बैठने वाले किसानों को मनाना एक चुनौती साबित हो रही है.

सिरसाः अपनी मांगों को लेकर पहले भी धरना कर चुके सिरसा के किसानों ने आर-पार की लड़ाई का मूड बना लिया है. कुछ दिन पहले किसानों ने जल समाधि के रूप में आंदोलन किया था. आंदोलन लगातार 10 दिनों तक चला लेकिन उसके बाद उपायुक्त और सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने किसानों की मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया. ऐसे में किसानों ने जल समाधी समाप्त कर दी थी. उसी कड़ी में समस्या का कोई समाधान नहीं होने पर किसानों ने इस बार फिर से धरने पर बैठने का फैसला कर लिया.

आखिर क्यों फिर से धरने पर बैठने को मजबूर हुए ऐलनाबाद के किसान?

अधिकारियों पर भ्रष्टाचारी के आरोप
इस बार किसानों ने धूप में अर्धनग्न होकर धरना देने का फैसला किया है. किसानों का कहना है कि इस बार वो आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए धरने पर बैठे हैं. प्रशासनिक अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी दूसरे किसानों से पैसे लेकर पानी की चोरी करवाते हैं जिससे अन्य किसानों के हक का पानी उन्हें नहीं मिल रहा.

ये हैं किसानों की मांगें

  • नहर में लगी मोगियां की जांच करवाई जाए
  • नहर में टेल तक पूरा पानी मिलना चाहिए
  • नहर में भाखड़ा का पानी भी मिलना चाहिए
  • पैसे लेने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई

प्रशासन के सामने चुनौति
गौरतलब है कि मांगों के पूरा नहीं होने पर बेहरवाला की टेल पर किसानों का आंदोलन शुरू हुआ था. इससे पहले की बात करें तो किसानों का जल समाधि आंदोलन खत्म हुआ तो बुढीमेड़ी में किसानों ने आंदोलन शुरू कर दिया. उनका समाधान कुछ हद तक हुआ तो यहां बेहरवाला में किसानों ने फिर से आंदोलन शुरू कर दिया. ऐसे में प्रशासन के सामने दोनों धरनों पर बैठने वाले किसानों को मनाना एक चुनौती साबित हो रही है.

Intro:एंकर - ऐलनाबाद के किसानों ने एक बार फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है। इस बार किसान धूप में अर्धनग्न होकर धरने पर बैठे हैं। किसानों ने आर पार की लडाई लडने का ऐलान कर दिया है। कुछ दिन पहले किसानों ने अपनी मांगो को लेकर जल समाधि के रूप में आंदोलन किया था लेकिन उस समय जिला उपायुक्त के आशवासन के बाद किसानों ने अपना धरना समाप्त किया था। आश्वासन की समय सीमा पूरी होने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं होने के बाद किसानों ने फिर से अर्धनग्न होकर धूप में आंदोलन शुरू किया है।

Body:वीओ 1- कुछ दिन पहले किसानों ने जल समाधी के रूप में आंदोलन किया था। आंदोलन लगातार 10 दिनों तक चला लेकिन उसके बाद उपायुक्त महोदय व सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने किसानों को आशवान दिया कि उनकी मांगे जायज हैं और जल्द ही समाधान कर दिया जाएगा तो ऐसे में किसानों ने जल समाधी समाप्त कर दी थी लेकिन किसी प्रकार का कोई समाधान नहीं होने पर किसानों ने इस बार फिर से धरने पर बैठने का फेसला कर लिया। इस बार किसानों ने धूप में अधनग्न होकर धरना देने का फेसला किया है। किसानों का कहना है कि इस बार वे आर पार की लडाई लडने के लिए धरने पर बैठे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों पर भ्रश्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी दूसरे किसानों ने पैसे लेकर पानी की चोरी करवाते हैं और उनके हक का पानी उन्हें नहीं मिल रहा। ऐसे में किसानों ने मांग की है कि जितनी भी छोटी छोटी मोगियां नहर में लगी हुई हैं वो किस अधिकारी ने लगवाई और कितने पैसे लिए इसकी जांच करवाई जानी चाहिए। दूसरी किसानों की मांग है कि नहर में टेल तक पूरा पानी मिलना चाहिए। और तीसरी मांग है कि नहर में भाखडा का पानी भी मिलना चाहिए। किसानों ने दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि उनकी नहर में किसी भी प्रकार की मोगी नहीं लगा सकते लेकिन इसके बावजूद भी अधिकारियों ने लगवा रखी है तो इसकी जांच होनी चाहिए और दोशियों के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए।
बाईट - विनोद01a, मनफूल 01b, सुखबीर01c, किसान।

Conclusion:वीओ 2 - बेहरवाला की टेल पर किसानों ने फिर से आंदोलन शुरू कर दिया। इससे पहले की बात करें तो किसानों का जल समाधी आंदोलन खत्म हुआ तो बुढीमेडी में किसानों ने आंदोलन शुरू कर दिया। उनका समाधान कुछ हद तक हुआ तो यहां बेहरवाला में किसानों ने फिर से आंदोलन शुरू कर दिया। ऐसे में प्रशासन के सामने दोनों धरनों पर बैठने वाले किसानों को मनाना एक चुनौती है।
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