हिसार: हरियाणा में पशुओं के लिए चारे के कमी (Hisar shortage of fodder) की समस्या अब गहराती जा रही है. जिलें में सूखा चारा यानि तुड़ी की किल्लत को देखते हुए जिला प्रशासन ने पत्र जारी कर गौशाला संचालकों को राहत प्रदान की है. जिलाधीश डॉ. प्रियंका सोनी ने पत्र में कहा कि हिसार की सीमा के अंदर तूड़ी फैक्ट्री में प्रयोग होती है और इसे बाहर भी भेजा जाता है. इससे गौवंश में सूखे चारे की कमी होती है इसलिए तूड़ी को फैक्ट्री में प्रयोग करने व हिसार से बाहर भेजने पर प्रतिबंध लगाया गया है. जिला प्रशासन के द्वारा इस संबंध में धारा 144 लागू कर दी गई है.
वहीं गेंहू, सरसों व फसली अवशेषों को जलाने को लेकर जिलाधीश डॉ. प्रियंका सोनी ने अवशेष जलाने पर प्रतिबंध लगाया है. आदेशों की अवहेलना में यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ धारा 188, संपठित वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1881 के तहत कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि जिले में गेहूं की फसल बेहद कम होने के चलते पशुओं के चारे के लिए तुड़ी का संकट पैदा हो गया है. प्रति एकड़ तुड़ी का दाम दोगुने से भी ज्यादा हो चुका है. जहां पिछले साल करीब 7 हजार रुपये प्रति एकड़ तुड़ा मिल जाता था. वहीं इस साल 16 हजार प्रति एकड़ तक पहुंच चुका है.
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इसी स्थिति को कंट्रोल में करने के लिए जिला उपायुक्त द्वारा धारा 144 (Hisar section 144 imposed) लागू की गई है. बीते दिनों गौशाला संचालकों की बैठक हुई थी जिसमें तूड़ी के बढ़ते दामोंं पर चिंता जाहिर की गई थी. प्रशासन को अल्टीमेटम भी दिया गया था कि सरकार व प्रशासन ने अगर तूड़ी के रेटों में कटौती नहीं की, तो मजबूरन गौशालाओं के प्रबंधकों के पद से इस्तीफा देकर गौशालाएं बंद करने पर मजबूर होना होगा.
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