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दुष्यंत चौटाला के घर के बाहर धरने पर बैठे सरपंचों से मिले दिग्विजय चौटाला, मांगें न मानने पर विधानसभा घेराव का ऐलान - जेजेपी प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला

हरियाणा सरकार ने सरपंचों के लिये 2 लाख रुपये की लिमिट तय कर दी है. जिसको लेकर प्रदेशभर के (Sarpanch strike in Sirsa) सरपंच विरोध कर रहे हैं. उन्होंने इसके विरोध में जेजेपी प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला को प्रदर्शन के दौरान ज्ञापन सौंपा है.

sarpanch protest in haryana
हरियाणा में सरपंचों का धरना जारी
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Published : Feb 9, 2023, 4:10 PM IST

हरियाणा में सरपंचों का धरना जारी

सिरसा: हरियाणा सरकार ने पिछले दिनों सरपंचों की 2 लाख रुपये लिमिट तय कर दी, जिसके बाद से सरकार और सरपंचों के बीच गतिरोध जारी है. पिछले 24 दिनों से लगातार हरियाणा सरकार के खिलाफ सरपंचों का विरोध प्रदर्शन जारी है. दो दिनों से सिरसा में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के आवास के नजदीक सरपंचों ने धरना दे दिया है. वहीं, आज भी सरपंचों का धरना जारी रहा, हालांकि सरपंचों की जिद थी कि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के परिवार को ही ज्ञापन सौंपेंगे.

सरपंचों की समस्या के समाधान का आश्वासन: आज जननायक जनता पार्टी के प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला जो कि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के छोटे भाई भी हैं, उन्होंने सरपंचों के धरने में बीच में जाकर सरपंचों की समस्याएं सुनीं और सरकार से जल्द से जल्द समस्या का समाधान करने का आग्रह किया. बता दें, कि जहां सरपंच सरकार का विरोध कर रहे हैं, वहीं ग्रामीण इलाकों में ई टेंडरिंग को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध के सुर सुनाई दे रहे हैं. ग्रामीणों ने कहा कि सरकार ने सरपंचों की लिमिट 2 लाख रुपये तक तय कर दी है, लेकिन 2 लाख से गांव में क्या विकास होगा और कितना विकास होगा यह भी सरकार बताए.

सरपंचों को मिला ग्रामीणों का साथ: ग्रामीणों ने कहा कि वे भी सरपंचों के साथ खड़े हैं और सरकार द्वारा लागू किए गए ई टेंडरिंग का विरोध करते रहेंगे. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार ने अपना यह गलत फैसला सरपंचों पर थोप दिया है. जिसका वे विरोध करते रहेंगे. बता दें, कि सिरसा में बुधवार को सरपंच दुष्यंत चौटाला के आवास पर ज्ञापन देने पहुंचे थे. उनकी मांग थी कि दुष्यंत चौटाला के परिवार के सदस्य को ही ज्ञापन सौंपेंगे. लेकिन बुधवार को उनका ज्ञापन लेने परिवार का कोई भी सदस्य नहीं पहुंचा, जिसके बाद सरपंच वहीं धरने पर बैठ गए.

ये भी पढ़ें: फरीदाबाद नगर निगम चुनाव पर देवेंद्र बबली की प्रतिक्रिया, जानें ई टेंडरिंग पर क्या बोले पंचायत मंत्री

मांगें ना मानने पर विधानसभा के घेराव का ऐलान: धरने पर बैठी सरपंच संतोष ने बताया कि वह लगातार ई टेंडरिंग के विरोध में बैठे हैं, बुधवार को उपमुख्यमंत्री को ज्ञापन देने पहुंचे थे. लेकिन उनका ज्ञापन लेने कोई नहीं पहुंचा तब से वह यहीं बैठे हैं. लेकिन आज दिग्विजय चौटाला ने ज्ञापन लिया है और आश्वासन दिया कि आने वाले विधानसभा सत्र में सरपंचों की मांग उठाई जाएगी. सरपंच संतोष ने बताया कि दिग्विजय चौटाला के ज्ञापन लेने के बाद अब हम यहां से धरना हटा लेंगे और विधानसभा सत्र का इंतजार करेंगे. यदि विधानसभा सत्र में हमारी बातों पर गौर नहीं किया गया तो आने वाले समय में हम विधानसभा का घेराव करेंगे.

ये भी पढ़ें: सदन में हंगामा ना हो, इसलिए नया कानून बनाया, इस बार हिंदी में होगी बजट सत्र की कार्यवाही- विधानसभा स्पीकर

हरियाणा में सरपंचों का धरना जारी

सिरसा: हरियाणा सरकार ने पिछले दिनों सरपंचों की 2 लाख रुपये लिमिट तय कर दी, जिसके बाद से सरकार और सरपंचों के बीच गतिरोध जारी है. पिछले 24 दिनों से लगातार हरियाणा सरकार के खिलाफ सरपंचों का विरोध प्रदर्शन जारी है. दो दिनों से सिरसा में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के आवास के नजदीक सरपंचों ने धरना दे दिया है. वहीं, आज भी सरपंचों का धरना जारी रहा, हालांकि सरपंचों की जिद थी कि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के परिवार को ही ज्ञापन सौंपेंगे.

सरपंचों की समस्या के समाधान का आश्वासन: आज जननायक जनता पार्टी के प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला जो कि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के छोटे भाई भी हैं, उन्होंने सरपंचों के धरने में बीच में जाकर सरपंचों की समस्याएं सुनीं और सरकार से जल्द से जल्द समस्या का समाधान करने का आग्रह किया. बता दें, कि जहां सरपंच सरकार का विरोध कर रहे हैं, वहीं ग्रामीण इलाकों में ई टेंडरिंग को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध के सुर सुनाई दे रहे हैं. ग्रामीणों ने कहा कि सरकार ने सरपंचों की लिमिट 2 लाख रुपये तक तय कर दी है, लेकिन 2 लाख से गांव में क्या विकास होगा और कितना विकास होगा यह भी सरकार बताए.

सरपंचों को मिला ग्रामीणों का साथ: ग्रामीणों ने कहा कि वे भी सरपंचों के साथ खड़े हैं और सरकार द्वारा लागू किए गए ई टेंडरिंग का विरोध करते रहेंगे. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार ने अपना यह गलत फैसला सरपंचों पर थोप दिया है. जिसका वे विरोध करते रहेंगे. बता दें, कि सिरसा में बुधवार को सरपंच दुष्यंत चौटाला के आवास पर ज्ञापन देने पहुंचे थे. उनकी मांग थी कि दुष्यंत चौटाला के परिवार के सदस्य को ही ज्ञापन सौंपेंगे. लेकिन बुधवार को उनका ज्ञापन लेने परिवार का कोई भी सदस्य नहीं पहुंचा, जिसके बाद सरपंच वहीं धरने पर बैठ गए.

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मांगें ना मानने पर विधानसभा के घेराव का ऐलान: धरने पर बैठी सरपंच संतोष ने बताया कि वह लगातार ई टेंडरिंग के विरोध में बैठे हैं, बुधवार को उपमुख्यमंत्री को ज्ञापन देने पहुंचे थे. लेकिन उनका ज्ञापन लेने कोई नहीं पहुंचा तब से वह यहीं बैठे हैं. लेकिन आज दिग्विजय चौटाला ने ज्ञापन लिया है और आश्वासन दिया कि आने वाले विधानसभा सत्र में सरपंचों की मांग उठाई जाएगी. सरपंच संतोष ने बताया कि दिग्विजय चौटाला के ज्ञापन लेने के बाद अब हम यहां से धरना हटा लेंगे और विधानसभा सत्र का इंतजार करेंगे. यदि विधानसभा सत्र में हमारी बातों पर गौर नहीं किया गया तो आने वाले समय में हम विधानसभा का घेराव करेंगे.

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