सिरसा: रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहे राम रहीम की और से एक बार फिर पैरोल मांगी गई है. इस बात की जानकारी मिलते ही रोहतक और सिरसा जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है. राम रहीम की पैरोल को लेकर सिरसा और रोहतक प्रशासन सुरक्षा के तमाम पहलुओं पर विशेष नजर रख रहा है. बता दें कि राम रहीम साध्वी यौन शोषण मामले और पूर्व पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में अलग-अलग सजा काट रहा है.
वहीं इस बारे में हरियाणा के जेल मंत्री चौ. रणजीत चौटाला ने कहा है कि राम रहीम भी जेल का एक कैदी (Ranjeet Chautala On Ram Rahim Parole) है. उसे भी दूसरे कैदियों की तरह पैरोल मांगने का मौलिक अधिकार है. पत्रकारों से बातचीत में जेल मंत्री चो. रणजीत चौटाला ने बताया की राम रहीम को जेल में सुरक्षा देना जेल प्रशासन का काम है और पैरोल पर बाहर आने के बाद राम रहीम को सुरक्षा देना गृह मंत्रालय का काम है.
मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने कहा कि कानून के हिसाब से मंडल कमिश्नर राम रहीम की पैरोल पर फैसला करेंगे. राम रहीम के मामले में पैरोल देने में जेल प्रशासन का कोई रोल नहीं है. उन्होंने कहा कि जेल में राम रहीम की सुरक्षा करना जेल प्रशासन का काम है और जेल के बाद उनकी सुरक्षा का जिम्मा गृह मंत्रालय के अधीन है.
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अलग- अलग मामलो में सजा काट रहा राम रहीम- बता दें कि गुरमीत राम रहीम को कोर्ट द्वारा रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है. इससे पहले साध्वी यौन शोषण के दो अलग-अलग मामलों की सुनवाई करते हुए 10-10 साल की सजा न्यायालय की ओर से उसे सुनाई जा चुकी है. वह रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है. 25 अगस्त 2017 को साध्वियों का यौन शोषण करने के मामले में अदालत द्वारा दोषी करार दिया गया था. इस मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला और सिरसा में हिंसा भड़की थी. जिसमें कई लोगों की जानें गई थी.
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