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हरियाणा का बदमाश ISI को देता था भारतीय सेना की सिक्रेट जानकारी, ऐसे हुआ गिरफ्तार - पाकिस्तानी एजेंसी हरियाणा के युवक से जासूसी

सिरसा का रहने वाला आरोपी मनदीप एक साल पहले फेसबुक के माध्यम से पाकिस्तानी महिला खुफिया अधिकारी (पीआईओ) नेहा सिंह के संपर्क में आया. जिसके बाद वो पैसों के लिए भारतीय सेना की जानकारी देने लगे.

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हरियाणा का बदमाश ISI को देता था भारतीय सेना की सिक्रेट जानकारी
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Published : Oct 27, 2021, 6:21 PM IST

सिरसा/पठानकोट: भारत की गुप्त जानकारी और सुरक्षा से संबंधित दस्तावेजों को पाकिस्तान की आईएसआई एजेंसी को देने वाले एक नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है. पंजाब की अमृतसर पुलिस ने इस मामले में एक शख्स को पठानकोट एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि इस शख्स का नाम मंदीप सिंह पुत्र दया सिंह है, जो कि सिरसा के 132 केवी पावर हाउस, बरनाला रोड पर रहता है.

कैसे करता था जासूसी? : पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी पठानकोट के एक स्टोन क्रशिंक कंपनी में काम करता था, जो कि सैनिक कैंप के नजदीक है. आरोपी लगातार सैनिक कैंप पर नजर रखता था और वहां की सारी गतिविधियों की जानकारी पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं को पहुंचाता था. बताया जा रहा है कि आरोपी को इन जानकारियों को देने के लिए पाकिस्तान की आईएसआई एजेंसी ने पैसे भी भेजे थे.

शुरुआती जांच के दौरान, यह पता चला है कि आरोपी एक साल पहले फेसबुक के माध्यम से एक महिला पाकिस्तान खुफिया अधिकारी (पीआईओ) नेहा सिंह के संपर्क में आया था, जिसने भारतीय की बैंगलोर स्थित आईटी इकाई में एक आईटी पेशेवर के रूप में काम किया था. फेसबुक और मैसेंजर के जरिए जुड़ने के बाद, वे व्हॉट्सएप और अन्य निजी मैसेजिंग और कॉलिंग ऐप में शिफ्ट हो गए.

ये पढ़ें- मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर हिंसा भड़काने का आरोप, FIR दर्ज करने की मांग

जांच में ये भी पता चला है कि आरोपी को उस महिला ने जासूसी गतिविधियों में शामिल किया था और उसे पठानकोट, अमृतसर छावनी और पठानकोट एयरबेस के बारे में जानकारी इकट्ठा करने और साझा करने का काम सौंपा था. आरोपी ने अभी तक एन्क्रिप्टेड ऐप्स के माध्यम से कैंट इलाके के कुछ गोपनीय दस्तावेज और तस्वीरें साझा की हैं. आरोपी के मोबाइल फोन की प्रारंभिक जांच के दौरान कई गोपनीय दस्तावेज और तस्वीरें भी मिली हैं.

बताया जा रहा है कि पाक आईएसआई के लिए उसने जो नौकरी की, उसके बदले में पीआईओ ने उसे विभिन्न माध्यमों से पैसे दिए. आईएसआई ने आरोपी की भारतीय फोन नंबर के आधार पर दूसरे व्हाट्सएप को कॉन्फ़िगर करने में भी उसकी मदद की.

ये पढ़ें- फैसले का दिन: किसान आंदोलन में निहंग मौजूद रहेंगे या जाएंगे वापस, बैठक जारी

इस मामले में पुलिस ने आरोपी मनदीप सिंह के खिलाफ गोपनीयता अधिनियम, 120-बी आईपीसी पीएस एसएसओसी दर्ज किया है. फिलहाल पुलिस पूरे जासूसी नेटवर्क का पता लगाने के लिए आगे की जांच कर रही है. मनदीप सिंह के खिलाफ पुलिस थाना सिरसा में पहले ही आईपीसी की धारा 323 (शारीरिक रूप से चोट पहुंचाना), 325 (किसी को गंभीर चोट पहुंचाना), 506 (धमकी देना), 34 (एक साथ किया गया अपराध का समान दंड़ के योग्य) के तहत दो आपराधिक मामले दर्ज हैं.

बता दें कि पिछले 3 दिनों में जासूसी गतिविधियों के सिलसिले में एसएसओसी अमृतसर द्वारा दर्ज किया गया यह दूसरा मामला है. इससे पहले सेना के एक सेवारत जवान को जासूसी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पकड़ा गया था. इस संबंध में मामला प्राथमिकी संख्या 20 दिनांक 24.10.2021 के तहत 3, 4, 5, 9 आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 120-बी आईपीसी, पीएस एसएसओसी अमृतसर दर्ज किया गया था.

ये पढ़ें- ऐलनाबाद में अभय चौटाला के समर्थन में किसान? सुनिए क्या बोले राकेश टिकैत

सिरसा/पठानकोट: भारत की गुप्त जानकारी और सुरक्षा से संबंधित दस्तावेजों को पाकिस्तान की आईएसआई एजेंसी को देने वाले एक नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है. पंजाब की अमृतसर पुलिस ने इस मामले में एक शख्स को पठानकोट एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि इस शख्स का नाम मंदीप सिंह पुत्र दया सिंह है, जो कि सिरसा के 132 केवी पावर हाउस, बरनाला रोड पर रहता है.

कैसे करता था जासूसी? : पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी पठानकोट के एक स्टोन क्रशिंक कंपनी में काम करता था, जो कि सैनिक कैंप के नजदीक है. आरोपी लगातार सैनिक कैंप पर नजर रखता था और वहां की सारी गतिविधियों की जानकारी पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं को पहुंचाता था. बताया जा रहा है कि आरोपी को इन जानकारियों को देने के लिए पाकिस्तान की आईएसआई एजेंसी ने पैसे भी भेजे थे.

शुरुआती जांच के दौरान, यह पता चला है कि आरोपी एक साल पहले फेसबुक के माध्यम से एक महिला पाकिस्तान खुफिया अधिकारी (पीआईओ) नेहा सिंह के संपर्क में आया था, जिसने भारतीय की बैंगलोर स्थित आईटी इकाई में एक आईटी पेशेवर के रूप में काम किया था. फेसबुक और मैसेंजर के जरिए जुड़ने के बाद, वे व्हॉट्सएप और अन्य निजी मैसेजिंग और कॉलिंग ऐप में शिफ्ट हो गए.

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जांच में ये भी पता चला है कि आरोपी को उस महिला ने जासूसी गतिविधियों में शामिल किया था और उसे पठानकोट, अमृतसर छावनी और पठानकोट एयरबेस के बारे में जानकारी इकट्ठा करने और साझा करने का काम सौंपा था. आरोपी ने अभी तक एन्क्रिप्टेड ऐप्स के माध्यम से कैंट इलाके के कुछ गोपनीय दस्तावेज और तस्वीरें साझा की हैं. आरोपी के मोबाइल फोन की प्रारंभिक जांच के दौरान कई गोपनीय दस्तावेज और तस्वीरें भी मिली हैं.

बताया जा रहा है कि पाक आईएसआई के लिए उसने जो नौकरी की, उसके बदले में पीआईओ ने उसे विभिन्न माध्यमों से पैसे दिए. आईएसआई ने आरोपी की भारतीय फोन नंबर के आधार पर दूसरे व्हाट्सएप को कॉन्फ़िगर करने में भी उसकी मदद की.

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इस मामले में पुलिस ने आरोपी मनदीप सिंह के खिलाफ गोपनीयता अधिनियम, 120-बी आईपीसी पीएस एसएसओसी दर्ज किया है. फिलहाल पुलिस पूरे जासूसी नेटवर्क का पता लगाने के लिए आगे की जांच कर रही है. मनदीप सिंह के खिलाफ पुलिस थाना सिरसा में पहले ही आईपीसी की धारा 323 (शारीरिक रूप से चोट पहुंचाना), 325 (किसी को गंभीर चोट पहुंचाना), 506 (धमकी देना), 34 (एक साथ किया गया अपराध का समान दंड़ के योग्य) के तहत दो आपराधिक मामले दर्ज हैं.

बता दें कि पिछले 3 दिनों में जासूसी गतिविधियों के सिलसिले में एसएसओसी अमृतसर द्वारा दर्ज किया गया यह दूसरा मामला है. इससे पहले सेना के एक सेवारत जवान को जासूसी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पकड़ा गया था. इस संबंध में मामला प्राथमिकी संख्या 20 दिनांक 24.10.2021 के तहत 3, 4, 5, 9 आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 120-बी आईपीसी, पीएस एसएसओसी अमृतसर दर्ज किया गया था.

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