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सिरसा में PTI टीचरों का प्रदर्शन, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी

सिरसा में लघु सचिवालय के बाहर पीटीआई अध्यापकों ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे टीचरों ने सरकार के बड़े आंदोलन की चेतावनी दी.

PTI teacher protest in sirsa
PTI teacher protest in sirsa
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Published : Jun 15, 2020, 2:16 PM IST

सिरसा: प्रदेश में निलाले गए पीटीआई अध्यापकों का प्रदर्शन लगातार जारी है. सिरसा में भी लघु सचिवालय के बाहर पीटीआई अध्यापकों ने क्रमिक अनशन करते हुए सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में अध्यापकों के साथ जिला भर के अन्य संगठनों ने भी हिस्सा लिया.

इन पीटीआई अध्यापकों का कहना है कि उन्होंने सभी परीक्षाओं को पास कर और इंटरव्यू देकर यह नौकरी हासिल की थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से 8 अप्रैल को उनकी भर्ती रद्द हो गई. इन प्रदर्शनकारी टीचरों ने खट्टर सरकार पर अनदेखी के आरोप लगाए. इन्होंने कहा कि सरकार ने हमें बेरोजगार ही छोड़ दिया है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगे नही मानी गई तो आगे और भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

सिरसा में PTI टीचरों का प्रदर्शन, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी

गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान 1983 PTI अध्यापकों की भर्ती को रद्द कर दिया गया था, जिसके बाद से ही ये अध्यापक प्रदर्शन कर रहे हैं. धरने पर बैठे अध्यापकों का कहना है कि जहां सरकार एक तरफ 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का नारा देती है और हम जो बेटियों को पढ़ा भी रहे हैं और उन्हें आगे बढ़ाने का काम भी कर रहे हैं, जिन्हें सरकार ने एक झटके में सड़क पर ला दिया है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार को हमारी भर्ती में कोई कमी लगती है तो उसकी सीबीआई जांच करवा सकती है.

क्या है पूरा मामला

हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने अप्रैल 2010 में 1983 पीटीआई को प्रदेशभर में भर्ती किया था. इस दौरान नियुक्तियों में असफल रहे अभ्यर्थियों में संजीव कुमार, जिले राम और एक अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगा चुनौती दी थी. याचिका लगाने वालों में से दो की मौत हो चुकी है जबकि एक कर्मचारी 30 अप्रैल को ही रिटायर हुआ है.

याचिका में उन्होंने कहा था कि ऐसे उम्मीदवारों को भी नियुक्ति दी थी, जिनके शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी है. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई कर पीटीआई की भर्ती को रद्द कर दिया था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला बरकरार रखा.

ये भी पढ़ें-सोनाली फोगाट का विरोध, रेवाड़ी में मार्केट कमेटी के कर्मचारियों ने दिया धरना

सिरसा: प्रदेश में निलाले गए पीटीआई अध्यापकों का प्रदर्शन लगातार जारी है. सिरसा में भी लघु सचिवालय के बाहर पीटीआई अध्यापकों ने क्रमिक अनशन करते हुए सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में अध्यापकों के साथ जिला भर के अन्य संगठनों ने भी हिस्सा लिया.

इन पीटीआई अध्यापकों का कहना है कि उन्होंने सभी परीक्षाओं को पास कर और इंटरव्यू देकर यह नौकरी हासिल की थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से 8 अप्रैल को उनकी भर्ती रद्द हो गई. इन प्रदर्शनकारी टीचरों ने खट्टर सरकार पर अनदेखी के आरोप लगाए. इन्होंने कहा कि सरकार ने हमें बेरोजगार ही छोड़ दिया है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगे नही मानी गई तो आगे और भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

सिरसा में PTI टीचरों का प्रदर्शन, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी

गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान 1983 PTI अध्यापकों की भर्ती को रद्द कर दिया गया था, जिसके बाद से ही ये अध्यापक प्रदर्शन कर रहे हैं. धरने पर बैठे अध्यापकों का कहना है कि जहां सरकार एक तरफ 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का नारा देती है और हम जो बेटियों को पढ़ा भी रहे हैं और उन्हें आगे बढ़ाने का काम भी कर रहे हैं, जिन्हें सरकार ने एक झटके में सड़क पर ला दिया है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार को हमारी भर्ती में कोई कमी लगती है तो उसकी सीबीआई जांच करवा सकती है.

क्या है पूरा मामला

हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने अप्रैल 2010 में 1983 पीटीआई को प्रदेशभर में भर्ती किया था. इस दौरान नियुक्तियों में असफल रहे अभ्यर्थियों में संजीव कुमार, जिले राम और एक अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगा चुनौती दी थी. याचिका लगाने वालों में से दो की मौत हो चुकी है जबकि एक कर्मचारी 30 अप्रैल को ही रिटायर हुआ है.

याचिका में उन्होंने कहा था कि ऐसे उम्मीदवारों को भी नियुक्ति दी थी, जिनके शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी है. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई कर पीटीआई की भर्ती को रद्द कर दिया था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला बरकरार रखा.

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