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सरकार की ओर से मांग मानने के बाद भी अनशन पर पीटीआई टीचर्स, ये है वजह

सरकार की ओर से मांग मानने के बाद भी सिरसा में पीटीआई टीचर धरने पर हैं. पीटीआई टीचर का कहना है कि जब तक काम पर वापस नहीं जाते, अनशन जारी रहेगा.

pti teacher protest against haryana government in sirsa
सरकार की ओर से मांग मानने के बाद भी अनशन पर पीटीआई टीचर, ये है वजह
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Published : Oct 28, 2020, 3:12 PM IST

सिरसा: नौकरी बहाली की मांग को लेकर बर्खास्त पीटीआई टीचर 143 दिन से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. सिरसा में लघु सचिवालय पर पीटीआई टीचर 143 दिन से क्रमिक अनशन पर बैठे हैं. हालांकि सरकार से अलग-अलग स्तर पर बातचीत हो चुकी है. सरकार द्वारा आश्वासन दिया गया है कि 24 हजार के फिक्स पे पर बर्खास्त पीटीआई टीचरों को ज्वॉइन कराया जाएगा.

सरकार की ओर से मिले आश्वासन के बाद भी पीटीआई टीचर धरने पर बैठे हैं. उनका कहना है कि जब तक हम अपने काम पर वापिस नहीं लौट जाते, तब तक धरना प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा.

सरकार की ओर से मांग मानने के बाद भी अनशन पर पीटीआई टीचर, ये है वजह

क्या है पूरा मामला?

हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने अप्रैल 2010 में 1983 पीटीआई को प्रदेशभर में भर्ती किया था. इस दौरान नियुक्तियों में असफल रहे अभ्यर्थियों में संजीव कुमार, जिले राम और एक अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगा चुनौती दी थी. याचिका लगाने वालों में से दो की मौत हो चुकी है जबकि एक कर्मचारी 30 अप्रैल को ही रिटायर हुआ है.

ये भी पढ़ें:-निकिता हत्याकांड की जांच के लिए पीड़िता के घर पहुंची SIT

याचिका में उन्होंने कहा था कि ऐसे उम्मीदवारों को भी नियुक्ति दी थी, जिनके शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी हैं. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई कर पीटीआई की भर्ती को रद्द कर दिया था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला बरकरार रखा.

सिरसा: नौकरी बहाली की मांग को लेकर बर्खास्त पीटीआई टीचर 143 दिन से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. सिरसा में लघु सचिवालय पर पीटीआई टीचर 143 दिन से क्रमिक अनशन पर बैठे हैं. हालांकि सरकार से अलग-अलग स्तर पर बातचीत हो चुकी है. सरकार द्वारा आश्वासन दिया गया है कि 24 हजार के फिक्स पे पर बर्खास्त पीटीआई टीचरों को ज्वॉइन कराया जाएगा.

सरकार की ओर से मिले आश्वासन के बाद भी पीटीआई टीचर धरने पर बैठे हैं. उनका कहना है कि जब तक हम अपने काम पर वापिस नहीं लौट जाते, तब तक धरना प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा.

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क्या है पूरा मामला?

हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने अप्रैल 2010 में 1983 पीटीआई को प्रदेशभर में भर्ती किया था. इस दौरान नियुक्तियों में असफल रहे अभ्यर्थियों में संजीव कुमार, जिले राम और एक अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगा चुनौती दी थी. याचिका लगाने वालों में से दो की मौत हो चुकी है जबकि एक कर्मचारी 30 अप्रैल को ही रिटायर हुआ है.

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याचिका में उन्होंने कहा था कि ऐसे उम्मीदवारों को भी नियुक्ति दी थी, जिनके शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी हैं. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई कर पीटीआई की भर्ती को रद्द कर दिया था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला बरकरार रखा.

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