सिरसा: हरियाणा में कृषि कानूनों को लेकर विरोध अभी थमा नहीं है. सोमवार को भी सिरसा में कृषि कानूनों को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए. किसानों ने शहीद भगत सिंह स्टेडियम से बजारों में होते हुए ट्रैक्टर रैली निकाली. इस रैली में करीब डेढ़ से ट्रैक्टर थे.
किसानों ने बताया कि ट्रैक्टर रैली कानूनों के विरोध में निकली गयी है ताकि सरकार को किसानों की एकता से परिचित करवाया जा सके. उन्होंने कहा कि अब बिजाई और फसलों की कटाई के बाद लगभग सभी किसान अब धरने पर आने लगे हैं. यही वजह है कि आज ट्रैक्टर रैली निकाल कर सरकार का पुरजोर तरीके से विरोध भी कर रहे हैं. वहीं इस ट्रैक्टर यात्रा कि वजह से बाजारों में भारी भीड़ देखने को मिली. इस दौरान जाम खुलवाने में ट्रैफिक पुलिस का भारी मशक्कत करनी पड़ी.
तीनों कानूनों के बारे में जानिए-
पहला कानून
केंद्र सरकार ने इस कानून में किसानों को अपनी फसल मुल्क में कहीं बेचने के लिए अज़ाद किया है. साथ ही एक राज्य के दूसरे राज्य के बीच कारोबार बढ़ाने की बात भी कही गई है. इसके अलावा मार्केटिंग और ट्रांस्पोर्टिशन पर भी खर्च कम करने की बात कही गई है.
दूसरा कानून
इस कानून में सरकार ने कृषि करारों पर राष्ट्रीय फ्रेमवर्क का प्रोविज़न किया गया है. यह कानून कृषि पैदावारों की बिक्री, फार्म सर्विसेज़, कृषि बिजनेस फर्मों, प्रोसेसर्स, थोक विक्रेताओं, बड़े खुदरा विक्रेताओं और एक्सपोर्टर्स के साथ किसानों को जुड़ने के लिए मजबूत करता है. कांट्रेक्टेड किसानों को क्वॉलिटी वाले बीज की सप्लाई यकीनी करना, तकनीकी मदद और फसल की निगरानी, कर्ज की सहूलत और फसल बीमा की सहूलत मुहैया कराई गई है.
तीसरा कानून
इस कानून में अनाज, दाल, तिलहन, खाने वाला तेल, आलू-प्याज को जरूरी चीजो की फहरिस्त से हटाने का प्रोविजन है. माना जा रहा है कि कानून के प्रोविज़न से किसानों को सही कीमत मिल सकेगी क्योंकि बाजार में मुकाबला बढ़ेगा.
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