सिरसाः प्याज की बढ़ती कीमतों ने आम लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. आज प्याज की कीमत खुदरा व्यापार में 70 से 80 रुपए किलो तक पहुंच चुकी है. वहीं थोक के भाव में भी इजाफा हुआ है. यानी थोक में भी प्याज 60 से 70 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच चुका है. इसी कड़ी में आम लोगों ने भी अपनी राय रखी है. उनका कहना है कि लगातार बढ़ती प्याज की कीमतों ने उनकी रसोई का बजट बिगाड़ दिया है. अब आलम ये है कि जहां एक प्याज लगता था आज वहां आधे प्याज से काम चलाना पड़ रहा है.
प्याज ने निकाले आंसू
प्याज और टमाटर आम आदमी की थाली से गायब हो रहा है. प्याज की बढ़ती कीमतों ने लोगों के आंसू निकाल दिये हैं. दोनों की कीमतें घटने का नाम नहीं ले रही हैं. इससे गरीब तबके के लोग प्याज और टमाटर नहीं खरीद रहे हैं. लगातार बढ़ती महंगाई से आम आदमी के अच्छे दिन तो दूर दो जून की रोटी की व्यवस्था करना मुश्किल हो गया है. वहीं सब्जियों के आसमान छू रहे रेटों ने गरीब तबके लोगों की परेशानी बढ़ा दी है.
आमजन पर बढ़ती कीमतों की मार
आम लोगों का कहना है कि प्याज व टमाटर इतने महंगे हो चुके है कि इन्हें खरीदना आम आदमी के बस की बात नहीं है. विशेषकर गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए रसोई का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है. लोगों ने सरकार से बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने की मांग की है.
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दुकानदार भी परेशान
वहीं दुकानदारों ने बताया कि प्याज जो 35 से 40 रुपए किलो था अब बढ़कर 70 से 80 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है. थोक के भाव में भी प्याज 60 से 65 रुपए प्रति किलो बिक रहा है. दुकानदारों ने बताया कि बढ़ती कीमतों की वजह से आम ग्रहाक प्याज टमाटर खरीदते हुए बहस भी करते है और प्याज की बिक्री भी बहूत कम रह गई है. इससे दुकानदारों का भी काफी नुकसान हो रहा है.
बिगड़ा रसोई का बजट
खुदरा व्यापार में प्याज 70 से 80 रुपये किलो बिक रहा है, जबकि टमाटर 60 से 70 रुपये मिल रहा है. गरीब और मजदूर तबके के लोगों को शाम की सब्जी की व्यवस्था के लिए पसीने छूट रहे हैं. सब्जियों में लगातार आ रहे उछाल से गृहणियों का कीचन का बजट गड़बड़ा गया है. जो लोग अपनी रसोई के लिए एक किलो प्याज खरीदते थे, आज वही लोग या तो प्याज खरीदने से परहेज कर रहे है या फिर एक किलो की बजाय पाव भर प्याज खरीदने को मजबूर है.