सिरसा की अनाज मंडियों में सरसों की सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई है. जिसकी वजह से किसान मंडी में ही रात गुजारने को मजबूर हैं. सरसों की सरकारी खरीद शुरू करने के लिए किसानों ने प्रदर्शन भी किया था. जिसके बाद अधिकारियों की तरफ से उन्हें आश्वासन दे दिया गया कि 6 मई से सरसों की खरीद शुरू हो जाएगी. जब किसान सरसों अनाज मंडी लेकर पहुंचे तो पता चला कि अभी तक भी सरसों की सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई है.
अब किसान प्राइवेट बोली का इंतजार कर रहे हैं. बता दें कि 1 मई से हरियाणा में सरसों की सरकारी खरीद बंद हो गई थी. किसानों का कहना है कि गेहूं की वजह से वो सरसों नहीं बेच पाए थे, इसलिए अब सरसों की फसल की खरीद दोबारा शुरू करवाई जाए. वहीं मंडी अधिकारियों के मुताबिक 1 मई तक जो टोकन कटे हैं और तब तक जो फसल मंडी में पहुंच चुकी है. सिर्फ उसकी खरीद की जाएगी. जो किसान अब सरसों की फसल लेकर आ रहे हैं, उनकी फसल नहीं खरीदी जाएगी.
इसको लेकर किसानों में रोष है और वो सरसों की सरकारी खरीद करने की मांग कर रहे हैं. कुछ किसानों ने तो औने पौने दामों पर प्राइवेट खरीददारों को फसल बेच दी. किसानों ने कहा कि मंडी के शैड के नीचे सरसों की ढेरियां लगा दी हैं, लेकिन सरकारी खरीद नहीं हो रही. अगर प्रशासन ने खरीद नहीं करनी थी तो उन्हें आश्वासन क्यों दिया. अब तक प्राइवेट खरीदददारों को कम भाव में उन्हें फसल बेचनी पड़ेगी. पहले मंडी में गेहूं की आवक ज्यादा थी.
फसल रखने के लिए जगह की कमी थी, इसलिए वो सरसों की फसल नहीं बेच पाए. अब वो मंडी में सरसों की फसल लेकर पहुंचे हैं, तो खरीद नहीं की जा रही. मार्केट कमेटी सचिव वीरेन्द्र मेहता का कहना है कि किसानों की मांग पर मंडी में सर्वे करवाया गया था. सर्वे के दौरान सरसों की जो भी फसल मंडी में मौजूद थी और उसका टोकन 1 मई तक कट चुका था उसकी खरीद की जा रही है. जो किसान अब फसल लेकर आ रहे हैं उनकी खरीद नहीं हो रही. सरकार की ओर से खरीद बंद की जा चुकी है. अभी दोबारा खरीद शुरू करवाने के निर्देश नहीं मिले हैं.