सिरसा: केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों द्वारा 125 वें दिन भी धरना जारी है. बरनाला रोड स्थित शहीद भगत सिंह स्टेडियम में पक्का मोर्चा धरना स्थल पर शनिवार को मिट्टी सत्याग्रह यात्रा सिरसा पहुंची. यहां पहुंचने पर यात्रा का जोरदार स्वागत भी किया गया.
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मेधा पाटेगर की अगुवाई में ये यात्रा लगभग 800 गांवों के शहीदी स्मारकों की मिट्टी लेकर सिरसा पहुंचे हैं और सिरसा में भी इस मिट्टी से स्मार्क बनाया जाएगा. जो कि आने वाली पीढ़ी के लिए यादगार रहेगा. ये मिट्टी सत्यग्रह सिरसा के बाद पंजाब के अनेक जगहों से होता हुआ दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचेगा.
मेधा पाटेगर ने बताया की ये मिट्टी सत्यग्रह है. देश के अलग-अलग राज्यों में बने हमारे शहीदों के स्मारक की ये मिट्टी हम लेकर आए हैं. उन्होंने कहा की आजादी से पहले जब साम्राज्यवाद को चुनौती दी गई थी. तो उस समय नमक उठाकर आंदोलन शुरू किया गया था.
देश के 800 गावों की मिट्टी लेकर सिरसा पहुंचे हैं मिट्टी सत्याग्रही
उन्होंने बताया उस समय महात्मा गांधी जी ने भी सत्यग्रह आंदोलन शुरू किया था. वही आंदोलन आज फिर से किसानों के रूप में आया है. उन्होंने बताया की आज जो तीन काले कानून सरकार लेकर आई है. अगर अडानी,अंबानी, जमाखोरी व मुनाफाखोरी के तहत आएंगे. तो खाद्यान बोया नहीं जाएगा, नगद फसल ली जाएगी, एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट महत्व का होगा. इसलिए आज देश के कोने कोने से 800 गांवों की मिट्टी लेकर हम यहां पहुंचे हैं.
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कृषि कानूनों के रद्द होने तक लड़ेंगे लड़ाई: मेधा पाटेगर
मेधा पाटेगर ने कहा की अडानी, अंबानी निजीकरण और पूंजीकरण के द्वारा देश को लूट रहे हैं व मोदी सरकार उनकी लूट पर छूट दे रही है. इससे राशन व्यवस्था भी खत्म हो रही है. इन तमाम बातों को लेकर हम आज आगे बढ़ रहे हैं और इस तानाशाही सरकार के आगे हमारा संघर्ष मरते दम तक जारी रहेगा. जब तक ये कृषि कानून रद्द नहीं जाते, तब तक हम इसी तरह लड़ाई लड़ते रहेंगे.