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मदद की उम्मीद में 30 km पैदल चल पहुंचे ई-दिशा केंद्र, नाम और फोन नंबर नोट कर भेजा वापस

निराश मजदूरों ने अधिकारियों से गुहार भी लगाई कि अब उनके लिए शहर में ही कहीं रहने की व्यवस्था कर दी जाए, नहीं तो उन्हें फिर सामान उठा कर 30 किमी वापस जाना होगा, लेकिन उनकी गुहार नहीं सुनी गई.

migrant workers walk 30 km for edisha center in hope of help
मदद की उम्मीद में 30 km पैदल चल पहुंचे ईदिशा केंद्र
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Published : May 5, 2020, 5:58 PM IST

सिरसा: लॉकडाउन के बीच विभिन्न राज्यों के फंसे लोगों उनके घर भेजने के निर्देश जारी किए हैं. इसी प्रक्रिया के तहत सिरसा ई-दिशा कार्यालय में यूपी और बिहार के मजदूरों को जानकारी देने के लिए बुलाया गया. अब इन मजदूरों का आरोप है कि कार्यालय में इनसे नाम और फोन नंबर पूछकर वापस भेज दिया. यही करना था तो 30 किमी दूर क्यों बुलाया.

सिरसा के एक गांव में फंसे उत्तरप्रदेश और बिहार के मजदूरों ने मदद के लिए ईदिशा केंद्र पर फोन किया. जिसके बाद इन मजदूरों को ईदिशा केंद्र में बुलाया गया. ये मजदूर गांव से 30 किलोमीटर पैदल ईदिशा केंद्र पहुंचे, जहां इनका नाम और फोन नंबर नोट किया गया और घर वापस भेज दिया. इस पर मजदूर नाराज हो गए, उनका कहना था कि अगर यही जानकारी चाहिए थी तो फोन पर ही ले लेना चाहिए थी.

ई-दिशा केंद्र के बाहर परेशान खड़े मजदूरों के बयान सुनें, वीडियो देखें

रात से ही सड़क पर भूखे खड़े हैं- मजदूर

मजदूरों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों से उन्होंने 3-4 दिन कार्यालय के आसपास ही रुकने की व्यवस्था करवाने की बात कही थी, लेकिन अधिकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी. उन्होंने कहा कि वह कल रात से यही सड़क के बाहर भूखे प्यासे रुके हैं. अब उन्हें वापस 30 किलोमीटर सामान उठाकर वापस पैदल जाना पड़ेगा.

कहीं से भी ऑनलाइन जानकारी दी जा सकती है

बता दें कि प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए प्रशासन की तरफ से एक पहल करते हुए एक टोल फ्री नम्बर नम्बर 1950 और हॉरट्रोन के कॉल सेंटर नम्बर 1100 जारी किया है. इसके अलावा एक वेबसाइट https://edisha.gov.in/eForms/MigrantService भी जारी की गई है. जिस पर मजदूर नजदीकी साइबर सेंटर से अपनी ऑनलाइन जानकारी दे सकते हैं.

ये भी पढ़ेंः चंडीगढ़ः घर वापसी के लिए दर-दर भटक रहे यूपी और बिहार के मजदूर

सिरसा: लॉकडाउन के बीच विभिन्न राज्यों के फंसे लोगों उनके घर भेजने के निर्देश जारी किए हैं. इसी प्रक्रिया के तहत सिरसा ई-दिशा कार्यालय में यूपी और बिहार के मजदूरों को जानकारी देने के लिए बुलाया गया. अब इन मजदूरों का आरोप है कि कार्यालय में इनसे नाम और फोन नंबर पूछकर वापस भेज दिया. यही करना था तो 30 किमी दूर क्यों बुलाया.

सिरसा के एक गांव में फंसे उत्तरप्रदेश और बिहार के मजदूरों ने मदद के लिए ईदिशा केंद्र पर फोन किया. जिसके बाद इन मजदूरों को ईदिशा केंद्र में बुलाया गया. ये मजदूर गांव से 30 किलोमीटर पैदल ईदिशा केंद्र पहुंचे, जहां इनका नाम और फोन नंबर नोट किया गया और घर वापस भेज दिया. इस पर मजदूर नाराज हो गए, उनका कहना था कि अगर यही जानकारी चाहिए थी तो फोन पर ही ले लेना चाहिए थी.

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रात से ही सड़क पर भूखे खड़े हैं- मजदूर

मजदूरों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों से उन्होंने 3-4 दिन कार्यालय के आसपास ही रुकने की व्यवस्था करवाने की बात कही थी, लेकिन अधिकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी. उन्होंने कहा कि वह कल रात से यही सड़क के बाहर भूखे प्यासे रुके हैं. अब उन्हें वापस 30 किलोमीटर सामान उठाकर वापस पैदल जाना पड़ेगा.

कहीं से भी ऑनलाइन जानकारी दी जा सकती है

बता दें कि प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए प्रशासन की तरफ से एक पहल करते हुए एक टोल फ्री नम्बर नम्बर 1950 और हॉरट्रोन के कॉल सेंटर नम्बर 1100 जारी किया है. इसके अलावा एक वेबसाइट https://edisha.gov.in/eForms/MigrantService भी जारी की गई है. जिस पर मजदूर नजदीकी साइबर सेंटर से अपनी ऑनलाइन जानकारी दे सकते हैं.

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