सिरसा: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सिरसा में बीजेपी के लिए जनता से वोटों की अपील की. उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए जनता को पार्टी के विकास कार्य गिनवाए और जमकर इनेलो पर निशाना साधा. सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इनेलो के वरिष्ठ नेता अभय चौटाला को चुनौती दी है कि वो ऐलनाबाद से चुनाव जीत कर दिखाएं. वहीं नैना चौटाला को रणछोड़ करार दिया.
अभय अपनी सीट बचा कर दिखाएं- सीएम
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि सिरसा जिले के पांचों विधायक इनेलो के थे. जिसमें से 3 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं और बाकि बचे दो विधायकों की आपस में बनती नहीं है. उन्होंने नैना चौटाला और अभय चौटाला पर तंज कसते हुए कहा कि एक विधायक नैना चौटाला जो जेजेपी में शामिल हो गई हैं. डबवाली हलके को छोड़कर बाढड़ा भाग गईं और ऐलनाबाद सीट अभय चौटाला बचा कर दिखाएं.
सिरसा की पांचों सीटों पर बीजेपी जीतेगी- मनोहर
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि सिरसा की पांचों सीटें बीजेपी ही जीतेगी. सीएम मनोहर लाल ने गोपाल कांडा और बीजेपी छोड़कर आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने वाले गोकुल सेतिया पर हमला बोलते हुए कहा की एक नेता (गोपाल कांडा) ने गलत तरीके से पैसा कमाया और पहली सरकार में जेल मंत्री हुए और जेल मंत्री के पद से उतरे तो जेल की हवा खा रहे है.
दूसरा नेता (गोकुल सेतिया) हमेशा अनुशासनहीनता करता था, ऐसे नेताओं को दरकिनार करना है. उन्होंने कहा कि हरियाणा की जनता ने 6 महीने पहले ही बता दिया था कि हरियाणा में बीजेपी दोबारा से बहुमत से सरकार बनाएगी.
सिरसा में नशे का बोलबाला- सीएम
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि सिरसा जिले में नशे का बोलबाला है. सरकार नशे को खत्म करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार नशे को किसी भी हालत में स्वीकार नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि हमारा एक नेता राजेंद्र देसूजोधा भी नशे में शामिल था, जिसे हमने दूर किया. उन्होंने जनता से आह्वान किया कि धनबल, बाहुबल से दूर रहो जनबल से मजबूत बनो. सीएम मनोहर लाल ने कहा कि आप हमारे प्रत्याशी प्रदीप रातुसरिया को जिताए.
सिरसा इनेलो का गढ़!
आपको बता दें कि सिरसा जिला इनेलो गढ़ माना जाता है. 2014 में मोदी लहर के बावजूद सिरसा लोकसभा सीट से इनेलो के चरणजीत सिंह रोड़ी ने चुनाव जीता था. चरणजीत सिंह रोड़ी अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं.
वहीं 2014 के विधानसभा चुनाव में सिरसा की पांच सीटों में से चार पर इनेलो के प्रत्याशियों को जीत मिली थी. जानकारों का मानना है कि इस बार समीकरण इनेलो के पक्ष में नहीं है. इनेलो से अलग हुई जेजेपी ने पार्टी को क्षति पहुंचाई है. शायद इसीलिए सीएम मनोहर अभय चौटला को अपनी सीट बचाने की चुनौती दे रहे हैं.
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