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ई-रिक्शा चालकों पर लॉकडाउन की मार, किश्त निकालना भी हुआ मुश्किल

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Published : May 13, 2021, 10:38 AM IST

ई-रिक्शा चालक ने बताया कि लॉकडाउन लगने के बाद हमारा काम सिर्फ 25 प्रतिशत ही रह गया है. बसें पूरी नहीं चल रही हैं, जिस वजह से ई-रिक्शा में बैठने वाली सवारियों की संख्या भी ना के बराबर हो गई है.

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ई-रिक्शा चालकों पर लॉकडाउन की मार, किश्त निकालना भी हुआ मुश्किल

सिरसा: बढ़ते कोरोना को देखते हुए हरियाणा सरकार की ओर से लॉकडाउन लगा दिया गया है. लॉकडाउन की समय अवधि को बढ़ाकर 17 मई तक कर दिया गया है. सभी जरूरत की वस्तुएं जैसे डेयरी, किराना, सब्जी आदि की दुकानों को खोलने की समय अवधि को भी सीमित कर दिया गया है. उसके अलावा बसों में भी सवारियों को घटा दिया गया है.

स्वास्थ्य सेवाओं के अलावा सिरसा शहर में ऑटो और ई-रिक्शा को भी चलाने की छूट दी गई है ताकि सवारियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा सके, लेकिन कोरोना काल और लॉकडाउन का असर ई-रिक्शा चालकों पर साफ देखने को मिल रहा है.

ई-रिक्शा चालकों पर लॉकडाउन की मार, किश्त निकालना भी हुआ मुश्किल

ई-रिक्शा चालक ने बताया कि लॉकडाउन लगने के बाद हमारा काम सिर्फ 25 प्रतिशत ही रह गया है. बसें पूरी नहीं चल रही हैं, जिस वजह से ई-रिक्शा में बैठने वाली सवारियों की संख्या भी ना के बराबर हो गई है.

ये भी पढ़िए: उद्योगों पर फिर पड़ा लॉकडाउन का असर, मजदूरों के पलायन से गहराया संकट

वहीं जब दूसरे ई-रिक्शा चालक से बात हुई तो उसने भी मायूसी भरे शब्दों में कहा कि काम लगभग खत्म हो गया है, क्योंकि लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों से बाहर निकलते नहीं हैं. सभी दुकाने, बाजार आदि बंद पड़े हैं, जिससे हमारा काम नहीं चल रहा है.

ये भी पढ़िए: सीएम सिटी में वीकेंड लॉकडाउन का असर: सड़कों पर सन्नाटा, घरों में हुए कैद

ई-रिक्शा चालक ने कहा कि हालत ये हो चुकी है कि वो ई-रिक्शा की किश्त तक नहीं भर पा रहे हैं. ई-रिक्शा की रोजाना से 300 रुपये से 350 रुपय तक की किश्त है. अब काम रह गया सिर्फ रोजाना का 150 रुपये का.

सिरसा: बढ़ते कोरोना को देखते हुए हरियाणा सरकार की ओर से लॉकडाउन लगा दिया गया है. लॉकडाउन की समय अवधि को बढ़ाकर 17 मई तक कर दिया गया है. सभी जरूरत की वस्तुएं जैसे डेयरी, किराना, सब्जी आदि की दुकानों को खोलने की समय अवधि को भी सीमित कर दिया गया है. उसके अलावा बसों में भी सवारियों को घटा दिया गया है.

स्वास्थ्य सेवाओं के अलावा सिरसा शहर में ऑटो और ई-रिक्शा को भी चलाने की छूट दी गई है ताकि सवारियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा सके, लेकिन कोरोना काल और लॉकडाउन का असर ई-रिक्शा चालकों पर साफ देखने को मिल रहा है.

ई-रिक्शा चालकों पर लॉकडाउन की मार, किश्त निकालना भी हुआ मुश्किल

ई-रिक्शा चालक ने बताया कि लॉकडाउन लगने के बाद हमारा काम सिर्फ 25 प्रतिशत ही रह गया है. बसें पूरी नहीं चल रही हैं, जिस वजह से ई-रिक्शा में बैठने वाली सवारियों की संख्या भी ना के बराबर हो गई है.

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वहीं जब दूसरे ई-रिक्शा चालक से बात हुई तो उसने भी मायूसी भरे शब्दों में कहा कि काम लगभग खत्म हो गया है, क्योंकि लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों से बाहर निकलते नहीं हैं. सभी दुकाने, बाजार आदि बंद पड़े हैं, जिससे हमारा काम नहीं चल रहा है.

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ई-रिक्शा चालक ने कहा कि हालत ये हो चुकी है कि वो ई-रिक्शा की किश्त तक नहीं भर पा रहे हैं. ई-रिक्शा की रोजाना से 300 रुपये से 350 रुपय तक की किश्त है. अब काम रह गया सिर्फ रोजाना का 150 रुपये का.

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