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सिरसा: केंद्र के चौथे अध्यादेश के खिलाफ किसानों का रोष प्रदर्शन - sirsa news

पराली जलाने पर 1 करोड़ का जुर्माना और पांच साल की सजा के प्रावधान पर किसान आग बबूला हैं. किसानों का कहना कि केंद्र सरकार ने ये अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट का भी अधिकारी छीन लिया है.

sirsa kisan protest
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Published : Nov 1, 2020, 8:24 PM IST

Updated : Nov 1, 2020, 8:31 PM IST

सिरसा: किसानों ने रविवार को सिरसा के विभिन्न गांवों में केंद्र सरकार द्वारा पराली जलाने पर जुर्माने को लेकर प्रदर्शन किया. किसान लगातार कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन पराली पर लगे जुर्माने को लेकर सिरसा के गांवों में किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया गया.

केंद्र के चौथे अध्यादेश के खिलाफ किसानों का रोष प्रदर्शन, देखें वीडियो

किसान नेता विकल पचार ने बताया की केंद्र सरकार द्वारा पराली जलाने को लेकर जो अध्यादेश जारी किया है वो किसान विरोधी है. इस अध्यादेश में किसानों को 1 करोड़ का जुर्माना ओर 5 साल की सजा का प्रावधान किया गया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई तो जज ने राज्य सरकारों को कहा की पराली के अंदर किसान का कोई कसूर नहीं है.

ये भी पढे़ं- निकिता मर्डर केस में महापंचायत के बाद बल्लभगढ़ में हिंसक प्रदर्शन

उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के पास किसानों के लिए मशीनरी की व्यवस्था जब तक नहीं होती किसान को सजा देना इसका समाधान नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के झटके के बाद केंद्र सरकार ने तानाशाही रवैया अपनाया. भारतीय संविधान में जुर्माना लगाने या सजा देने का अधिकार कोर्ट के पास है. ये इतिहास का सबसे कला दिन है. केंद्र सरकार ने ये अध्यादेश लाकर कोर्ट का भी अधिकार छीन लिया.

सिरसा: किसानों ने रविवार को सिरसा के विभिन्न गांवों में केंद्र सरकार द्वारा पराली जलाने पर जुर्माने को लेकर प्रदर्शन किया. किसान लगातार कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन पराली पर लगे जुर्माने को लेकर सिरसा के गांवों में किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया गया.

केंद्र के चौथे अध्यादेश के खिलाफ किसानों का रोष प्रदर्शन, देखें वीडियो

किसान नेता विकल पचार ने बताया की केंद्र सरकार द्वारा पराली जलाने को लेकर जो अध्यादेश जारी किया है वो किसान विरोधी है. इस अध्यादेश में किसानों को 1 करोड़ का जुर्माना ओर 5 साल की सजा का प्रावधान किया गया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई तो जज ने राज्य सरकारों को कहा की पराली के अंदर किसान का कोई कसूर नहीं है.

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उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के पास किसानों के लिए मशीनरी की व्यवस्था जब तक नहीं होती किसान को सजा देना इसका समाधान नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के झटके के बाद केंद्र सरकार ने तानाशाही रवैया अपनाया. भारतीय संविधान में जुर्माना लगाने या सजा देने का अधिकार कोर्ट के पास है. ये इतिहास का सबसे कला दिन है. केंद्र सरकार ने ये अध्यादेश लाकर कोर्ट का भी अधिकार छीन लिया.

Last Updated : Nov 1, 2020, 8:31 PM IST
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