सिरसा: मुख्यमंत्री मनोहर लाल का सिरसा दौरा इन दिनों सूबे में चर्चा का विषय बना हुआ है. इसकी वजह स्थानीय लोगों द्वारा सिरसा में जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पर अमर्यादित शब्दावली का उपयोग करने का आरोप है. इसके विरोध में मंगलवार को सिरसा में किसानों ने प्रदर्शन किया और पुतला जलाकर जमकर नारेबाजी की. इस दौरान विभिन्न किसान संगठनों, हरियाणा सरपंच एसोसिएशन व विपक्षी पार्टियों के प्रतिनिधियों ने राज्यपाल के नाम प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा है.
हरियाणा सरपंच एसोसिएशन की राज्य उप प्रधान संतोष बेनीवाल और जसबीर सिंह भट्टी ने आरोप लगाया कि सिरसा में जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान सीएम ने आम लोगों की बात सुनने की बजाय अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया. सीएम ने सभा स्थल से बल प्रयोग करने के आदेश दिए, जो कि निंदनीय है. उन्होंने आरोप लगाया कि डबवाली गांव में मांग पत्र लेकर आये आंगनवाड़ी वर्करों व किसानों को बुरी तरह पीटा गया.
यही नहीं, 17 किसानों व 2 आंगनवाड़ी वर्करों पर सिरसा में केस दर्ज किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि गांव खैरेकां में चिट्टे का नशा बंद करवाने की मांग कर रही महिला को सीएम ने कहा कि वह किसी की सिखाई हुई भाषा बोल रही हैं. वहीं गांव बणी में सरपंच नैना झोरड़ ने मुख्यमंत्री के स्वागत कार्य का पूरा इंतजाम कर रखा था तथा सभी गांव के लोगों को बुला रखा था. जब उसने अपने पति पर जानलेवा हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की तो उसकी मांग को अनसुना कर दिया गया.
उस पर अभ्रदता का आरोप लगाते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि गांव खैरेकां में सुरेश गांव बनसुधार ने जब बिजली-पानी की मांग रखी तो उसको भी सभा स्थल से धक्के मारकर बाहर निकाल दिया गया. किसान संगठनों ने मुख्यमंत्री दौरे के दौरान हुई इन घटनाओं की निंदा करते हुए इनकी गहनता से जांच कराने की मांग की है. संगठनों ने इस दौरे के दौरान किसानों व मजदूरों पर दर्ज किए गए केस वापस लेने की भी मांग की है.
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कांग्रेस ने भी सीएम के खिलाफ खोला मोर्चा: हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सीनियर प्रदेश प्रवक्ता व सिरसा जिला प्रभारी बजरंग गर्ग ने हरियाणा सरकार पर जुबानी हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के जनसंवाद कार्यक्रम को ढकोसला बताया है. बजरंग गर्ग ने कहा कि भाजपा सरकार से प्रदेश का किसान, कर्मचारी, व्यापारी, मजदूर व हर वर्ग का नागरिक दुखी है. भाजपा सरकार सिर्फ झूठी घोषणाओं व वायदों की सरकार है.
उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार में लगातार घोटाले पर घोटाले हो रहे हैं. सरकार सिर्फ एसआईटी का गठन करके उन घोटालों को दबाने में लगी हुई है जो सरकार का तानाशाही रवैया है. उन्होंने आरोप लगाया कि महिला सरपंच की मुख्यमंत्री द्वारा बात नहीं सुनने पर महिलाओं के सम्मान का प्रतीक चुन्नी उतारकर मुख्यमंत्री के पैरों में रखने वाली महिला सरपंच को धक्के मारकर जनसंवाद कार्यक्रम से भगा दिया जाता है. यह कैसा जनसंवाद है, जहां पर मुख्यमंत्री द्वारा महिलाओं का अपमान किया जाता है.