सिरसाः ईटीवी भारत की खबर का असर (etv news impact) हुआ है. ईटीवी भारत ने शनिवार को ऐलनाबाद के गांव काशी का बास के सरकारी स्कूल में मृतक टीचर के तबादले की खबर को प्रमुखता से दिखाया था. जिसके बाद हरियाणा शिक्षा विभाग हरकत में आया और अपनी गलती सुधारी. शिक्षा विभाग ने अब मृतक अध्यापक के तबादले के आदेश (Dead teacher transfer cancel in sirsa) रद्द कर दिये हैं. हरियाणा में इन दिनों ऑनलाइन टीचर की ट्रांसफर (online teachers transfer in Haryana) हो रही है. उसी दौरान ये गलती हुई है.
शिक्षा विभाग ने शुक्रवार रात को मृतक संस्कृत टीचर हंसराज के तबादला काशी राम का बास स्कूल में कर दिया था. मृतक अध्यापक के तबादले को शिक्षा विभाग ने सॉफ्टवेयर की गल्ती बताया था. राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सालमखेड़ा सिरसा में नियुक्त संस्कृत अध्यापक हंसराज की 22 जुलाई को मृत्यु हो गयी थी. उनकी मृत्यु की जानकारी स्कूल मुखिया को एमआईएस पोर्टल पर अपडेट करनी थी. लेकिन स्कूल मुखिया ने पोर्टल पर जानकारी अपडेट नहीं की.
शिक्षा विभाग की ऑनलाइन तबादला प्रक्रिया के दूसरे चरण में भी जब हंसराज ने स्कूल का चयन नही किया तो सॉफ्टवेयर ने उनको ऐनीवेयर में डाल दिया. जिसके चलते उनके काशी राम का बास स्कूल में तबादला आदेश (transfer of dead teacher in sirsa) जारी हो गए. बाद में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने गलती में सुधार किया और तबादला आदेश रद्द कर दिए गए. नए आदेशों में गेस्ट टीचर के चल रहे तबादलों में स्कूल में संस्कृत विषय के अध्पयापक के पद के लिये आवेदन मांगा गया है.
जब कोई अध्यापक स्कूल में तबादले के लिये आवेदन करेगा उसका स्कूल में तबादला कर दिया जाएगा. अब इस मामले में शिक्षा विभाग ने संज्ञान लिया है और डीईईओ को स्कूल मुखिया से मामले में स्पष्टीकरण लेने के लिये कहा है. शिक्षा विभाग ने डीईईओ को निदेशालय को तीन दिन में अपडेट करने के आदेश भी दिये हैं. इस मामले में स्थानीय नेता कृष्ण कुमार ने कहा कि शिक्षा विभाग सॉफ्टवेयर की गलती बता मामले से पल्ला झाड़ रहा है. उन्होंने मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
बता दें कि, संस्कृत अध्यापक हंसराज 3 महीने पहले ओढ़ां ब्लॉक के सालम खेड़ा गांव (Odhan Block Salam Kheda Village Sirsa) के सरकारी स्कूल में तैनात था. किसी कारणवश हंसराज ने सुसाइड कर लिया था. लेकिन शिक्षा विभाग के उसके मरने की सूचना तीन महीने के बाद भी नहीं पहुंची. जिसके चलते मृतक शिक्षक का तबादला काशी का बास गांव (Kash ka Bas Village Sirsa) के सरकारी स्कूल में किया गया. जिसके कारण शिक्षा विभाग फजीहत हुई.
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