सिरसा: लॉकडाउन के तीसरे चरण का आखरी सप्ताह चल रहा है. वहीं देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को देखते हुए सरकार ने लॉकडाउन के चौथे चरण की भी घोषणा कर दी है. लॉकडाउन के लगातार बढ़ने से पूरे देश का जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया और अर्थव्यवस्था लड़खड़ा गई है. इसका सबसे ज्यादा असर समाज के सबसे निचले तबके के लोगों पर हुआ है.
सिरसा जिले में रिक्शा चालकों को काफी परेशानी हो रही है. रिक्शा चालकों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से उनके खाने के लाले पड़ गए हैं. सरकार ने लॉकडाउन में कुछ छूट जरूर दी है, लेकिन इस छूट से उनको कुछ ज्यादा राहत नहीं है. लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं. लॉकडाउन से पहले 250 और 300 रुपये की कमाई हो जाती थी लेकिन अब 60-70 रुपये की कमाई ही हो पाती है. किसी-किसी दिन तो खाली हाथ ही लौटना पड़ता है.
हालांकि सरकार ने 3 मई को लॉकडाउन में छूट देकर कुछ हद तक कारखानों और फैक्ट्रियों में कामकाज शुरू किया है, लेकिन वहां भी सभी मजदूरों और कर्मचारियों को काम करने की इजाजत नहीं है. छूट मिलने और बाजार खुलने से कुछ वर्गों पर राहत के संकेत देखने को मिले थे लेकिन उन्हें भी काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.
ये भी पढ़ें:- Etv भारत पर लॉकडाउन के बीच ओलंपिक खिलाड़ी योगेश्वर दत्त ने दी फिटनेस टिप्स
सिरसा में करीब 200 रिक्शा चालक थे, जिनकी संख्या लॉकडाउन की वजह से घटकर करीब 50 से 60 रह गई है. बाकी रिक्शा चालक दूसरे राज्यों में अपने घर को चले गए हैं. जो बचे हुए हैं. उनका कहना है कि अगर सरकार ने उनके लिए कुछ नहीं किया, तो पेट पालना भी मुश्किल हो जाएगा.