सिरसा: शहर में प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने के लिए जिला प्रशासन ने साइकिल रैली निकालकर लोगों को जागरुक किया. सिरसा के टाउन पार्क से सिरसा के एसडीएम जयवीर यादव ने साइकिल रैली निकालकर लोगों को प्लास्टिक मुक्त रहने की प्रेरणा दी.
शहर को प्लास्टिक मुक्त करने की अपील
ये रैली सिरसा के अनेक बाजारों से होती हुई लाल बत्ती चौक पर पहुंची. इस दौरान सिरसा के एसडीएम जयवीर यादव ने कहा कि प्लास्टिक फ्री विधानसभा चुनाव करवाने का प्रयास किया जा रहा है और आम लोगों के साथ सभी पार्टियों से भी अपील की गई है कि वो भी प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करें.
प्लास्टिक से होने वाले नुकसान
माइक्रो प्लास्टिक- कॉस्मेटिक में उपयोग हो रहा माइक्रो प्लास्टिक या प्लास्टिक बड्स पानी में घुलकर प्रदूषण बढ़ा रहे हैं इसकी मौजूदगी जलीय जीवों में भी मिली है माइक्रो प्लास्टिक मछलियों के साथ-साथ भोजन-श्रृंखला के जरिये पक्षियों और कछुओं में भी मिलने की पुष्टि हुई है. यही वजह है कि भारत सहित कई देशों ने जुलाई 2017 में इस पर बैन लगाया, लेकिन अब तक हमारे वातावरण को हुए नुकसान की भरपाई में कितना समय लगेगा, कहना मुश्किल है.
समुद्र में प्लास्टिक
रीसाइक्लिंग से बचे और बेकार हो चुके प्लास्टिक का बड़ा हिस्सा हमारे समुद्रों में डम्प हो रहा है. वैज्ञानिक अध्ययनों का अनुमान है कि 2016 में समुद्र में 70 खरब प्लास्टिक के टुकड़े मौजूद थे, जिसका वजन तीन लाख टन से अधिक है.
जलीय जीवों में पहुंचा प्लास्टिक
वैज्ञानिक अब तक 250 जीवों के पेट में खाना समझकर या अनजाने में प्लास्टिक खाने की पुष्टि कर चुके हैं।. इनमें प्लास्टिक बैग, प्लास्टिक के टुकड़े, बोतलों के ढक्कन, खिलौने, सिगरेट लाइटर तक शामिल हैं. समुद्र में जेलीफिश समझकर प्लास्टिक बैग खाने वाले जीव हैं, तो हमारे देश में सड़कों पर आवारा छोड़ दी गई गायें इन प्लास्टिक के बैग में छोड़े गये खाद्य पदार्थों के साथ बैग भी खा जाती हैं. साथ ही 693 प्रजातियों के जलीय, पक्षी और वन्य जीव अब तक प्लास्टिक के जाल रस्सियों और अन्य वस्तुओं में उलझे मिले हैं, जो अक्सर उनकी मौत की वजह बनते हैं.
- संयुक्त राष्ट्र संघ पर्यावरण कार्यक्रम की रिपोर्ट के अनुसार, प्लास्टिक से बचाव में हो रहा निवेश विभिन्न देशों को आर्थिक रूप से भी नुकसान पहुंचा रहा है. अमेरिका अकेले 1300 करोड़ डॉलर अपने समुद्र तटों से प्लास्टिक साफ करने में खर्च कर रहा है. भारत जैसे देशों के लिये भी यह बड़ा भार है.
- जो जलीय जीव प्लास्टिक खा रहे हैं, उनमें से कई हम मनुष्यों की भोजन-श्रृंखला का हिस्सा भी हैं. जब ये जीव प्लास्टिक हजम करने लगते हैं, तो न केवल अन्य जीवों की जान के लिये खतरा बनते हैं, बल्कि उनका प्लास्टिक मनुष्यों की भोजन की थाली मे भी पहुँच रहा है, जिनके लिये सी-फूड ही मुख्य भोजन है.