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कांग्रेस नेता रणजीत सिंह ने फिर अलापा महागठबंधन का राग, बोले- जेजेपी और इनेलो से हो गई बात - congress leader ranjit singh

हरियाणा में महागठबंधन के सवाल पर भले ही विपक्षी खुलकर नहीं बोल रहे हों, लेकिन हर कोई इससे किनारा भी नहीं कर रहा है.

रणजीत सिंह, कांग्रेस नेता
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Published : Aug 3, 2019, 1:48 PM IST

Updated : Aug 3, 2019, 2:30 PM IST

सिरसा: रानियां से कांग्रेस नेता रणजीत सिंह अपने महागठबंधन वाले बयान पर कायम हैं. रणजीत सिंह ने कहा कि उन्होंने सिर्फ वही कहा जो आम जनता चाहती है. इस बारे में उनकी जेजेपी प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह और इनेलो के वरिष्ठ नेता अशोक अरोड़ा से भी बातचीत हो चुकी है.

हरियाणा में महागठबंधन पर बोले रणजीत सिंह

'2 घंटे निशान सिंह से हो चुकी है बात'
दरअसल रणजीत सिंह ने कहा था कि महागठबंधन के लिए उनकी जेजेपी प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह से बातचीत हुई थी. रणजीत सिंह के इस बयान को दुष्यंत ने सिरे से नकार दिया था. जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए रणजीत सिंह ने कहा कि दुष्यंत अभी बच्चे हैं और वो बच्चों की बातों पर ध्यान नहीं देते हैं. रणजीत ने कहा कि निशान सिंह उनसे पास 2 घंटे बैठकर जा चुके हैं.

ये भी पढ़े: CM बनने के सवाल पर फिर छलका बीरेंद्र सिंह का दर्द, बोले- आसान नहीं है सीएम बनना

अशोक अरोड़ा और रामपाल माजरा भी हैं तैयार !
रणजीत सिंह ने ये भी कहा कि अभय चौटाला के फार्म हाउस पर जब उन्होंने महागठबंधन की बात कही थी तो उस वक्त वहां अशोक अरोड़ा और रामपाल माजरा दोनों मौजूद थे और दोनों ने ही महागठबंधन पर हामी भरी थी.

महागठबंधन में है दम...या है शिगूफा !
हरियाणा में महागठबंधन के सवाल पर भले ही विपक्षी खुलकर नहीं बोल रहे हों, लेकिन अगर कांग्रेस नेता रणजीत सिंह की बात पर विश्वास किया जाए तो जेजेपी और इनेलो दोनों ही महागठबंधन के लिए तैयार हैं.

अब सवाल ये है कि क्या हरियाणा में बीजेपी का विजयी रथ रोकने के लिए सभी विरोधी एक होकर महागठबंधन करते हैं या फिर नहीं? अगर करते हैं तो इस महागठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा? वो कौन सी पार्टी होती जो महागठबंधन की ओर सबसे पहले कदम बढ़ाएगी?

सिरसा: रानियां से कांग्रेस नेता रणजीत सिंह अपने महागठबंधन वाले बयान पर कायम हैं. रणजीत सिंह ने कहा कि उन्होंने सिर्फ वही कहा जो आम जनता चाहती है. इस बारे में उनकी जेजेपी प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह और इनेलो के वरिष्ठ नेता अशोक अरोड़ा से भी बातचीत हो चुकी है.

हरियाणा में महागठबंधन पर बोले रणजीत सिंह

'2 घंटे निशान सिंह से हो चुकी है बात'
दरअसल रणजीत सिंह ने कहा था कि महागठबंधन के लिए उनकी जेजेपी प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह से बातचीत हुई थी. रणजीत सिंह के इस बयान को दुष्यंत ने सिरे से नकार दिया था. जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए रणजीत सिंह ने कहा कि दुष्यंत अभी बच्चे हैं और वो बच्चों की बातों पर ध्यान नहीं देते हैं. रणजीत ने कहा कि निशान सिंह उनसे पास 2 घंटे बैठकर जा चुके हैं.

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अशोक अरोड़ा और रामपाल माजरा भी हैं तैयार !
रणजीत सिंह ने ये भी कहा कि अभय चौटाला के फार्म हाउस पर जब उन्होंने महागठबंधन की बात कही थी तो उस वक्त वहां अशोक अरोड़ा और रामपाल माजरा दोनों मौजूद थे और दोनों ने ही महागठबंधन पर हामी भरी थी.

महागठबंधन में है दम...या है शिगूफा !
हरियाणा में महागठबंधन के सवाल पर भले ही विपक्षी खुलकर नहीं बोल रहे हों, लेकिन अगर कांग्रेस नेता रणजीत सिंह की बात पर विश्वास किया जाए तो जेजेपी और इनेलो दोनों ही महागठबंधन के लिए तैयार हैं.

अब सवाल ये है कि क्या हरियाणा में बीजेपी का विजयी रथ रोकने के लिए सभी विरोधी एक होकर महागठबंधन करते हैं या फिर नहीं? अगर करते हैं तो इस महागठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा? वो कौन सी पार्टी होती जो महागठबंधन की ओर सबसे पहले कदम बढ़ाएगी?

Intro:एंकर - रानियां से कांग्रेस नेता चैधरी रणजीत सिंह ने एक महागठबंधन करने का बयान दिया था जिसको दुश्यंत चैटाला ने नकार दिया था। दुश्यंत चैटाला की ना के बाद चैधरी रणजीत सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह बच्चा है और बच्चों की बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए। उनका कहना है कि उनकी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह से उनकी बातचीत हुई थी और इस महागठबंधन पर सहमति भी बनी थी।Body:इसके साथ ही उनहोंने कहा कि तेजाखेडा फार्म हाउस पर उनकी मुलाकात इनैलो के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोडा से हुई थी उन्होनंे भी इस महागठबंधन के लिए हां कर दी थी। अब अगर दुश्यंत चैटाला इस महागठबंधन की बात को नकारते हैं तो वे अपने प्रदेशाध्यक्ष के साथ रूबरू हों पता चल जाएगा कि उनसे बात हुई थी या नहीं। इसके साथ ही उन्होने कहा कि अगर महागठबंधन नहीं हुआ तो भाजपा को छोडकर सभी पार्टीयों की हालात खराब होने वाली है।
इसके इलावा चैधरी रणजीत सिंह का कहना है कि यदि हरियाणा में भूपेन्द्र सिंह हुडडा के नेतृत्व में चुनाव लडा जाए और सभी नेता उनका दिल से सहयोग करें तो निश्चित रूप से हरियाणा में सरकार बनेगी। अन्यथा कांग्रेस की सरकार बनना मुश्किल है। वहीं कांग्रेस की गुटबाजी पर भी उनहोंने कहा कि सभी नेता एक दूसरे की मीटिंग में नहीं जा रहे ऐसे में यह पार्टी के लिए अच्छा संकेत नहीं है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाले अशोक तंवर को 6 साल हो गए दो लोकसभा चुनाव और एक विधान सभा चुनाव उनके नेतृत्व में पार्टी ने लडे हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी तीसरे स्ािान पर रही है ऐसे में जब राहुल गांधी ने अपना इस्तीफा दे दिया और दूसरे प्रदेश के अध्यक्षों ने इस्तीफा दे दिया तो अशोक तंवर को भी नैतिक कर्तव्य समझते हुए इस्तीफा देना चाहिए।
इसके साथ ही टिकट ना मिलने के सवाल पर उन्होनें कहा कि अगर रणजीत सिंह का टिकट कटता है तो सिरसा और फतेहाबाद में कांग्रेस की कोई भी सीट नहीं आने के हालात हो सकते हैं।
रानियां को अपना गढ मानने वाले कांडा बंधुओं पर रणजीत सिंह का कहना है कि पिछले साढे 4 साल तक गायब रहे और अब आखिरी समय में भागवत कथा करवाने के बहाने से कांडा वोट लेना चाहते हैं तो लोग नहीं करेंगे कांडा के पास पैसा है वह चुनावों में पैसा बहाकर चला जाएगा लेकिन जीत नहीं होगी। Conclusion:चैधरी रणजीत सिंह ने यह तो साफ कर दिया है कि यदि उनका टिकट कटता है तो कांग्रेस सिरसा और फतेहाबाद से जीतने वाली नहीं है। और रानियां में कांग्रेस की स्थिति पर उनहोंने कहा कि 4 अगस्त को हुडडा की रैली और 18 को वे क्या फेसला लेते हैं उसके बाद ही पता चल पाएगा।
Last Updated : Aug 3, 2019, 2:30 PM IST
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