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टिकट कटने के बाद फफक-फफक कर रोने लगीं सुनीता सेतिया, राजनीति छोड़ने का किया ऐलान

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Published : Oct 2, 2019, 5:55 PM IST

टिकट वितरण के बाद बीजेपी में बगावती सुर उठने लगे हैं. पिछली बार सिरसा विधानसभा से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी सुनीता सेतिया और कालांवली से टिकट की मांग कर रहे राजेंद्र देसूजोधा अपने समर्थकों के बीच जाकर फूट-फूट कर रोने लगे.

bjp leaders cried for not getting tickets

सिरसाः जिले की दो विधानसभा सीटों पर बीजेपी के टिकट वितरण के बाद बगावती सुर देखने को मिल रहे हैं. इन नेताओं का कहना है कि हमने बीजेपी की दिल जान से सेवा की लेकिन उन्हें पार्टी की सेवा का ये सिला मिला है.

सिरसा से सुनीता सेतिया को नहीं मिला टिकट
सिरसा विधानसभा सीट पर पिछली बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली सुनीता सेतिया को इस बार टिकट नहीं मिला. जिसके बाद अब वो अपने समर्थकों के बीच पहुंची तो फूट-फूट कर रोने लगीं.

टिकट न मिलने पर रोने लगे बीजेपी नेता, देखें वीडियो

कालांवली से टिकट से राजेंद्र देसूजोधा को नहीं मिला टिकट

वहीं कालांवली से टिकट की मांग कर रहे राजेंद्र देसूजोधा भी अपने समर्थकों के बीच जाकर फूट-फूट कर रोने लगे. उनका कहना है कि उन्होंने पार्टी की जी-जान से सेवा की है. लेकिन पार्टी ने उनको टिकट न देकर अच्छा नहीं किया. इस मौके पर उनका का भी दर्द आंखों से छलक गया.

निर्दलीय लडेंगे चुनाव
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमने दिल जान से पार्टी की सेवा की. लेकिन पार्टी ने उन्हें दरकिनार कर दिया. अब सुनीता सेतिया के बेटे गोकुल सेतिया ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है और सुनीता सेतिया ने कहा है कि अब वो राजनीति ही नहीं करना चाहती हैं. गोकुल सेतिया भी इस दौरान काफी भावुक हुए और कहा कि हमने अभी हिम्मत नहीं हारी है.

ये भी पढ़ें:-मंत्रियों के टिकट कटने पर सीएम खट्टर ने तोड़ी चुप्पी, बोले- टिकट मिलना..न मिलना नसीब का खेल

जन की आवाज नहीं सुनी जाती तो कैसी जन आशीर्वाद यात्रा
उन्होंने कहा कि बीजेपी में रहते हुए आमजन की हितों की लड़ाई सदैव लड़ी है. इस बार के चुनाव में शहर और गांव के मुद्दों को लेकर जाएंगे. नशे को खत्म करना हमारी प्राथमिकता रहेगी. वहीं सीएम मनोहर लाल की जन आशीर्वाद यात्रा पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि जब जन की आवाज सुनी नहीं जाती, तो आशीर्वाद यात्रा का क्या फायदा? बीजेपी ने जन आशीर्वाद यात्रा कर बीजेपी की नीयत का खोट दिखा दिया है.

सिरसाः जिले की दो विधानसभा सीटों पर बीजेपी के टिकट वितरण के बाद बगावती सुर देखने को मिल रहे हैं. इन नेताओं का कहना है कि हमने बीजेपी की दिल जान से सेवा की लेकिन उन्हें पार्टी की सेवा का ये सिला मिला है.

सिरसा से सुनीता सेतिया को नहीं मिला टिकट
सिरसा विधानसभा सीट पर पिछली बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली सुनीता सेतिया को इस बार टिकट नहीं मिला. जिसके बाद अब वो अपने समर्थकों के बीच पहुंची तो फूट-फूट कर रोने लगीं.

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कालांवली से टिकट से राजेंद्र देसूजोधा को नहीं मिला टिकट

वहीं कालांवली से टिकट की मांग कर रहे राजेंद्र देसूजोधा भी अपने समर्थकों के बीच जाकर फूट-फूट कर रोने लगे. उनका कहना है कि उन्होंने पार्टी की जी-जान से सेवा की है. लेकिन पार्टी ने उनको टिकट न देकर अच्छा नहीं किया. इस मौके पर उनका का भी दर्द आंखों से छलक गया.

निर्दलीय लडेंगे चुनाव
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमने दिल जान से पार्टी की सेवा की. लेकिन पार्टी ने उन्हें दरकिनार कर दिया. अब सुनीता सेतिया के बेटे गोकुल सेतिया ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है और सुनीता सेतिया ने कहा है कि अब वो राजनीति ही नहीं करना चाहती हैं. गोकुल सेतिया भी इस दौरान काफी भावुक हुए और कहा कि हमने अभी हिम्मत नहीं हारी है.

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जन की आवाज नहीं सुनी जाती तो कैसी जन आशीर्वाद यात्रा
उन्होंने कहा कि बीजेपी में रहते हुए आमजन की हितों की लड़ाई सदैव लड़ी है. इस बार के चुनाव में शहर और गांव के मुद्दों को लेकर जाएंगे. नशे को खत्म करना हमारी प्राथमिकता रहेगी. वहीं सीएम मनोहर लाल की जन आशीर्वाद यात्रा पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि जब जन की आवाज सुनी नहीं जाती, तो आशीर्वाद यात्रा का क्या फायदा? बीजेपी ने जन आशीर्वाद यात्रा कर बीजेपी की नीयत का खोट दिखा दिया है.

Intro:एंकर - भाजपा द्वारा सिरसा की विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करते ही सिरसा जिले में खलबली मच गई।  सिरसा जिले के दो हलकों सिरसा और कालांवाली में बगावती सुर देखने को मिली है। सिरसा से प्रदीप रातुसरिया और कालांवाली से मौजूदा विधायक बलकौर सिंह को टिकट दी गई है लेकिन दोनों ही हलकों में टिकट की चाह रखने वाले गोकुल सेतिया सिरसा और राजेंद्र देसूजोधा कालांवाली ने पार्टी  समर्थको सहित अलविदा कह दिया। 2014 में भाजपा की टिकट पर सिरसा से विधानसभा चुनाव लड़ चुकी सुनीता सेतिया और कालांवाली से विधानसभा चुनाव लड़ चुके राजेंद्र देसूजोधा जब लोगो के बीच बैठे थे तो दोनों ही नेता फुट फुट कर रोए। दोनों ही नेताओ का कहना था कि उन्होंने भाजपा की दिलो जान से सेवा की है लेकिन पार्टी ने उनकी सेवा को दरकिनार  कर दिया। सुनीता सेतिया का बेटा गोकुल सेतिया इस समय सक्रिय है और उन्होंने आजाद उम्मीदवार के तोर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है वही कालांवाली से राजेंद्र देसूजोधा ने आजाद उम्मीदवार के तोर पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था लेकिन देर शाम उन्होंने अकाली दल बादल से चुनाव लड़ने का ऐलान कर किया है।Body:

वीओ 1 भाजपा नेता राहुल सेतिया, सुनीता सेतिया और गोकुल सेतिया ने अपने समर्थकों के साथ बैठक कर भाजपा को त्यागने और और आजाद उम्मीदवार के तौर
पर सिरसा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का एलान किया है। कार्यकर्ताओं की अपील को मानते हुए सेतिया परिवार ने गोकुल सेतिया को चुनाव लड़वाने का फैसला लिया और गोकुल सेतिया के चार अक्टूबर को नामांकन दाखिल करने का ऐलान किया। सेतिया परिवार ने यह फैसला इसलिए किया है कि उनको इस बार भाजपा की ओर से टिकट नहीं दी गई। इससे सेतिया परिवार को सदमा भी लगा है और सदमे के कारण सुनीता सेतिया तो अपने समर्थकों को सेतिया रिसोर्ट में संबोधित करते हुए रो भी पड़ीं। वहीं गोकुल सेतिया भी बोलते हुए भावुक हुए लेकिन गोकुल बोला हिम्मत नहीं हारी है। आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ूंगा।

वीओ 2  मीडिया से रूबरू होते हुए गोकुल सेतिया ने कहा कि कार्यकर्ताओं की राय के बाद सिरसा विधान सभा से आजाद उम्मीदवार लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जनता की आवाज को दरकिनार करते हुए फैसला लिया है और उनकी टिकट काटी गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा  रहते हुए उन्होंने
सरकार  खिलाफ आमजन की हितों की लड़ाई सदैव लड़ी है। उन्होंने कहा शहर व गावों के  स्थानीय मुद्दों को लेकर जनता के बीच जायेंगे और नशे को जड़ से खत्म करना उनकी प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की जन आशीर्वाद यात्रा पर बोलते हुए कहा कि जब जन की आवाज नही सुनी जाती, तो आशीर्वाद यात्रा का क्या फायदा। उन्होंने कहा कि भाजपा में जन आशीर्वाद यात्रा में भाजपा की नियत  खोट दिखयी दिया जब उन्हें नारे लगाने से मना किया जाता रहा।

बाइट -गोकुल सेतिया।

वीओ 3 वही कालांवाली हलके से भाजपा से भागी हुए राजेंद्र देसूजोधा ने कहा कि सभी पार्टियों से मैसेज आ रहे है। उन्होंने कहा कि उन्होंने भाजपा के लिए काफी समय से काम किया है लेकिन पार्टी के कुछ नेताओ को ये रास नहीं आया। उन्होंने कहा कि 3 अक्टूबर को वे अपना नामांकन भरेंगे।

बाइट - राजेंद्र देसूजोधाConclusion:
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