सिरसा: हरियाणा विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपनी ही पार्टी के खिलाफ बागी हो चुके हैं. उन्हें हरियाणा में किसी और का हस्तक्षेप मंजूर नहीं है. रविवार को रोहतक में हुई महापरिवर्तन रैली में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने साफ कर दिया है कि सूबे में अगर कांग्रेस उन्हें नेतृत्व देगी तो ही वो कांग्रेसी हैं वरना वो पार्टी से किनारा कर लेंगे.
परिवर्तन रैली अनुसाशनहीनता है- तंवर
साफ तौर पर देखा जा रहा है कि हुड्डा अशोक तंवर के नेतृत्व को बर्दाश्त नहीं करना चाहते हैं. वो खुद प्रेदशाध्यक्ष और सीएम उम्मीदवार रहना चाहते हैं. अब जब सूबे में खुल कर हुड्डा गुट उनके सामने आ चुका है तो ऐसे में मौजूद प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर कैसे चुप रह सकते हैं. अशोक तंवर ने हुड्डा की परिवर्तन रैली पर बड़ा बयान दिया है. अशोक तंवर का कहना है कि परिवर्तन रैली अनुसाशनहीनता है. इस बारे में हाई कमान से मिलकर अवगत करवाया जाएगा. ये कांग्रेस को कमजोर करने की कोशिश की गई है. इन सब बातों को जवाब जनता अक्टूबर में देगी.
वहीं अशोक तंवर ने हुड्डा की तरफ से की गई घोषणाओं पर भी सवाल उठाए. तंवर का कहना है कि मेनिफेस्टो पार्टी का होता है किसी व्यक्ति विशेष का नहीं होता. इन सब बातों की शिकायत वो खुद हाई कमान को करेंगे.
क्या हुआ था परिवर्तन रैली में?
रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री ने परिवर्तन रैली में कहा कि कांग्रेस पहले वाली नहीं रही और अब भटक गई है. उन्होंने कहा कि हमारे बहुत सारे साथियों ने हमारे स्टैंड का हमेशा विरोध किया. लेकिन जहां तक सवाल है देशभक्ति का और स्वाभिमान का मैं किसी से भी समझौता नहीं करूंगा. इसलिए ही मैंने 370 का साथ दिया है. हुड्डा ने इसके साथ ही यह भी ऐलान कर दिया कि वह सभी बंधनों से मुक्त होकर रैली में आए हैं और जनता की लड़ाई के लिए वह कोई भी फैसला लने के लिए तैयार हैं. हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पार्टी नहीं छोड़ेंगे, लेकिन एक समिति का गठन करेंगे जो भविष्य के बारे में फैसला लेगी.