सिरसा: हरियाणा में आशा वर्कर्स का प्रदर्शन 8 दिसंबर से लगातार जारी है. गुरुवार को 72वें दिन भी आंगनबाड़ी वर्कर्स का प्रदर्शन (Asha workers Protest in Sirsa) जारी रहा. आंदोलन के 72 दिन होने पर तय कार्यक्रम के अनुसार हेल्पर यूनियन हरियाणा के बैनर तले सिरसा में अपनी मांगों को लेकर आज सुबह आशा वर्करों ने जिलाभर से अंबाला के लिए कूच किया. पुलिस प्रशासन ने अलग-अलग जगहों पर चेकिंग लगाकर आशा वर्करों को रोक लिया.
गुरुवार को अपनी मांगों को लेक आशा वर्करों ने जिलाभर से अंबाला के लिए कूच किया. पुलिस प्रशासन ने सिरसा में अलग-अलग जगहों पर चेचक पॉइंट बाना कर प्रदर्शनकारियों को रोका और डिंग के निकट उनकी गाडि़यां खड़ी कर ली गईं ओर आगे नहीं जाने दिया गया. जिसके बाद बसों पर सवार होकर आशा वर्कर सिरसा पहुंची और बरनाला रोड स्थित पार्क में एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. आशा वर्कर शिमला रानी ने बताया कि उपरोक्त मांगों को लेकर वे अंबाला जा रही थी.
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उन्हें डिंग के पास रोका गया है और उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया गया है. सरकार द्वारा आशा वर्करों पर काम का लोड तो बढ़ाया जा रहा है. टीकाकरण अभियान हो या डिलीवरी केस हर कार्य उन से करवाया जाता है. लेकिन सरकार दौरा वेतन मात्र चार हजार रूपये दिया जा रहा है. कोरोना काल के दौरान भी उन्हें वेतन भत्ता नहीं दिया गए. इस मामलें को लेकर आज हम स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के आवास की तरफ कूच कर रहे थे. लेकिन उन्हें रोक लिया गया.
वर्कर ने कहा की हम अपनी पूरी कोशिश करेंगे की हम अंबाला कूच करें यदि प्रशासन फिर से दोबारा किसी तरह की अड़चन करता है तो हम अपना धरना सिरसा में जारी रखेंगी. गौरतलब है कि आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स 8 दिसंबर से लगातार अपनी मांगों के समर्थन में रोजाना विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि आशा वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए.
जब तक कर्मचारी नहीं बनाया जाता, तब तक वर्करों को न्यूनतम वेतन 24 हजार व हेल्परों को 16 हजार रुपये दिए जाएं. इसके अलावा वर्ष 2018 में मानी गई मांगों को लागू किया जाए. महंगाई भत्ते की किश्तें जारी की जाएं. हालांकि विरोध को देखते हुए सरकार ने आंगनबाड़ी और हेल्पर्स को वार्ता के लिए आमंत्रित भी किया था. मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ वार्ता हुई, लेकिन वार्ता में कुछ हल नहीं निकला पाया. ऐसे में आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स ने मांगें नहीं माने जाने तक आंदोलन का ऐलान कर रखा है. आंगनबाड़ी यूनियन की नेता ने कहा कि गठबंधन सरकार उनकी मांगों के प्रति गंभीर नहीं है. इसलिए उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है.
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