ETV Bharat / state

कोरोना का असर: छोटा हुआ रावण, मेघनाद, कुम्भकर्ण का कद, पुतला कारीगरों का दशहरा फीका

दशहरे के लिए पुतले बनाने वाले कारीगर आर्थिक संकट की चपेट में हैं. उन्हें पुतलों का ऑर्डर पहले की तरह नहीं मिल रहा है. पहले इस वक्त तक 40 से 50 ऑर्डर मिल जाते थे, लेकिन इस बार केवल 4-5 ऑर्डर ही मिले हैं.

artisans facing financial crisis in dussehra due to coronavirus
artisans facing financial crisis in dussehra due to coronavirus
author img

By

Published : Oct 22, 2020, 4:31 PM IST

Updated : Oct 24, 2020, 9:58 PM IST

सिरसा: 25 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा. इस साल दशहरे पर पहले जैसी रौनक नहीं दिखेगी. कोरोना महामारी का असर भी दशहरे पर साफ देखा जा रहा है. वहीं रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण के पुतले बनाने वाले कारीगरों पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है.

घटा पुतलों का साइज

25 अक्टूबर को दशहरा है और 15 दिन पहले कारीगरों ने पुतले बनाने का काम शुरू किया, लेकिन हर बार ये काम 2 महीने पहले ही शुरू हुआ करता था. रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण के पुतलों का साइज भी काफी कम हो गया है. जो पुतले पहले 50 से 70 फीट के होते थे, वो अब सिर्फ 5 से 7 फीट के रह गए हैं. वहीं कारीगरों को भी कोरोना के कारण बहुत कम ऑर्डर मिल रहे हैं.

रावन का कद घटा और पुतला कारीगरों का मुनाफा, देखें वीडियो

पहले की तरह नहीं मिल रहे ऑर्डर

कोरोना के चलते बड़े कारीगर इस बार पुतले नहीं बना रहे हैं. वहीं छोटे कारीगरों पर भी इसका खासा असर पड़ा है. पुतला बनाने वाले रवि भगत कहते हैं कि पहले इस वक्त तक 40 से 50 ऑर्डर मिल जाते थे, लेकिन इस बार केवल 4-5 ऑर्डर ही मिले हैं. उन्होंने बताया कि पिछली बार उन्होंने 60 फीट तक पुतला बनाया था, वहीं इस बार सिर्फ 4 से 5 फीट के ऑर्डर आ रहे हैं.

पुतला कारीगरों पर आर्थिक संकट

पुतला कारीगर रवि भगत कहते हैं कि पहले की तरह अब मार्केट में काम नहीं बचा है. पहले वो दशहरे के लिए सैकड़ों की संख्या में पुतले बनाया करते थे, लेकिन इस बार काम ना के बराबर है. ऐसे में परिवार का पालन पोषण करना भी मुश्किल हो गया है.

ये भी पढ़ें- कृषि कानून रद्द करने पर पंजाब सरकार का बलराज कुंडू ने किया समर्थन

सिरसा: 25 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा. इस साल दशहरे पर पहले जैसी रौनक नहीं दिखेगी. कोरोना महामारी का असर भी दशहरे पर साफ देखा जा रहा है. वहीं रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण के पुतले बनाने वाले कारीगरों पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है.

घटा पुतलों का साइज

25 अक्टूबर को दशहरा है और 15 दिन पहले कारीगरों ने पुतले बनाने का काम शुरू किया, लेकिन हर बार ये काम 2 महीने पहले ही शुरू हुआ करता था. रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण के पुतलों का साइज भी काफी कम हो गया है. जो पुतले पहले 50 से 70 फीट के होते थे, वो अब सिर्फ 5 से 7 फीट के रह गए हैं. वहीं कारीगरों को भी कोरोना के कारण बहुत कम ऑर्डर मिल रहे हैं.

रावन का कद घटा और पुतला कारीगरों का मुनाफा, देखें वीडियो

पहले की तरह नहीं मिल रहे ऑर्डर

कोरोना के चलते बड़े कारीगर इस बार पुतले नहीं बना रहे हैं. वहीं छोटे कारीगरों पर भी इसका खासा असर पड़ा है. पुतला बनाने वाले रवि भगत कहते हैं कि पहले इस वक्त तक 40 से 50 ऑर्डर मिल जाते थे, लेकिन इस बार केवल 4-5 ऑर्डर ही मिले हैं. उन्होंने बताया कि पिछली बार उन्होंने 60 फीट तक पुतला बनाया था, वहीं इस बार सिर्फ 4 से 5 फीट के ऑर्डर आ रहे हैं.

पुतला कारीगरों पर आर्थिक संकट

पुतला कारीगर रवि भगत कहते हैं कि पहले की तरह अब मार्केट में काम नहीं बचा है. पहले वो दशहरे के लिए सैकड़ों की संख्या में पुतले बनाया करते थे, लेकिन इस बार काम ना के बराबर है. ऐसे में परिवार का पालन पोषण करना भी मुश्किल हो गया है.

ये भी पढ़ें- कृषि कानून रद्द करने पर पंजाब सरकार का बलराज कुंडू ने किया समर्थन

Last Updated : Oct 24, 2020, 9:58 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.