सिरसा: 25 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा. इस साल दशहरे पर पहले जैसी रौनक नहीं दिखेगी. कोरोना महामारी का असर भी दशहरे पर साफ देखा जा रहा है. वहीं रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण के पुतले बनाने वाले कारीगरों पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है.
घटा पुतलों का साइज
25 अक्टूबर को दशहरा है और 15 दिन पहले कारीगरों ने पुतले बनाने का काम शुरू किया, लेकिन हर बार ये काम 2 महीने पहले ही शुरू हुआ करता था. रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण के पुतलों का साइज भी काफी कम हो गया है. जो पुतले पहले 50 से 70 फीट के होते थे, वो अब सिर्फ 5 से 7 फीट के रह गए हैं. वहीं कारीगरों को भी कोरोना के कारण बहुत कम ऑर्डर मिल रहे हैं.
पहले की तरह नहीं मिल रहे ऑर्डर
कोरोना के चलते बड़े कारीगर इस बार पुतले नहीं बना रहे हैं. वहीं छोटे कारीगरों पर भी इसका खासा असर पड़ा है. पुतला बनाने वाले रवि भगत कहते हैं कि पहले इस वक्त तक 40 से 50 ऑर्डर मिल जाते थे, लेकिन इस बार केवल 4-5 ऑर्डर ही मिले हैं. उन्होंने बताया कि पिछली बार उन्होंने 60 फीट तक पुतला बनाया था, वहीं इस बार सिर्फ 4 से 5 फीट के ऑर्डर आ रहे हैं.
पुतला कारीगरों पर आर्थिक संकट
पुतला कारीगर रवि भगत कहते हैं कि पहले की तरह अब मार्केट में काम नहीं बचा है. पहले वो दशहरे के लिए सैकड़ों की संख्या में पुतले बनाया करते थे, लेकिन इस बार काम ना के बराबर है. ऐसे में परिवार का पालन पोषण करना भी मुश्किल हो गया है.
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