रोहतक: हथनीकुंड बैराज से छोड़ा गया 8.72 क्यूसेक पानी करनाल, पानीपत के साथ-साथ और भी हिस्सों में मुसीबत का सबब बना हुआ है. यमुना में आई बाढ़ के कारण रोहतक की तरफ आने वाली नहरों में भी उफान आ गया है. पिछले दो-तीन दिनों से पानी का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि वह किनारों तक पहुंच गया है. यही नहीं पानी बढ़ने से नहरों का पानी ऊपर से जाने वाले पुलों को भी छूने लगा है.
वहीं दूसरी ओर नहर में आए उफान से किसान भी चिंतित हो गए हैं. किसानों का कहना है कि जब धान की फसल की बुवाई का समय था. उस वक्त तो नहर में पानी नहीं छोड़ा गया. अभी पिछले दो-तीन दिनों से जलस्तर इतना बढ़ गया है कि यदि और पानी छोड़ा गया तो नहर के किनारे टूट जाएंगे और फसल जलमग्न हो जाएगी.
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गौरतलब है कि हरियाणा के हथनीकुंड बैराज से 8.72 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. जिसके कारण करनाल और पानीपत के काफी इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी. जिसके कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं और लोगों के घरों में भी पानी घुस गया.