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रेफरी से मारपीट के आरोपी रेसलर सतेंद्र मलिक ने मांगा इंसाफ, बोले- कुश्ती संघ करे दोबारा मामले की जांच - रेसलर सतेंद्र मलिक

रेफरी जगबीर सिंह के साथ मारपीट करने के आरोपी रेसलर सतेंद्र मलिक शनिवार को अपने गांव मोखरा में हुई एक पंचायत में पहुंचे. इस दौरान मलिक ने उस दिन हुए तमाम घटनाक्रम को शेयर किया. उन्होंने कहा कि शायद वे इस घटना को पूरी जिंदगी न भूल पाएं क्योंकि उनके साथ अन्याय हुआ है.

Wrestler Satendra Malik
रेफरी से मारपीट के आरोपी रेसलर सतेंद्र मलिक ने मांगा इंसाफ, बोले- कुश्ती संघ करे दोबारा मामले की जांच
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Published : May 21, 2022, 3:00 PM IST

रोहतक: कॉमनवेल्थ गेम्स के ट्रायल के दौरान रेफरी जगबीर सिंह के साथ मारपीट करने के आरोपी रेसलर सतेंद्र मलिक ने इंसाफ की मांग की है. मलिक ने ये इंसाफ की मांग रोहतक के मोखरा गांव में हुई पंचायत में की है. सतेंद्र ने पंचायत में कहा कि जीवन में हार-जीत तो चलती रहती है लेकिन उसके साथ अन्याय हुआ है. भारतीय कुश्ती महासंघ ने भी उसका पक्ष नहीं सुना. यह तक नहीं देखा कि पहले थप्पड़ किसने मारा. मलिक ने कहा कि कुश्ती मुकाबले में हार के बाद वह रेफरी जगबीर के पास गया था और कहा था कि क्या मिल गया मेरा जीवन खराब करके और रेसलर मोहित ऐसा क्या दे देगा. इसी बात पर रेफरी जगबीर ने उसे थप्पड़ मार दिया.

सतेंद्र मलिक ने कहा कि शायद वे इस घटना को पूरी जिंदगी न भूल पाएं. मलिक ने कहा कि उसके साथ अन्याय हुआ है. उसकी बात को किसी ने भी नहीं सुना जबकि वहां पर भारतीय कुश्ती महासंघ (Wrestling Federation of India) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह भी मौजूद थे. इस पूरे घटनाक्रम की दोबारा जांच होनी चाहिए क्योंकि उसका पक्ष सुने बिना ही आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया.

सतेंद्र ने कहा कि कुश्ती महासंघ ने यह तक नहीं देखा कि थप्पड़ मारने की शुरूआत पहले किसने की थी. सतेंद्र मलिक ने हाथ जोड़कर निवेदन किया कि इस मामले को अच्छे तरीके से निपटाया जाए ताकि दोबारा किसी खिलाड़ी का मनोबल न टूटे. रेफरी के एक गलत फैसले ने उसका जीवन बर्बाद कर दिया. इस पीछे क्या राजनीति है, वह नहीं जानते. पंचायत ने भी पूर्ण रूप से इस रेसलर का ही साथ देने का ऐलान किया है.

क्या है मामला- कॉमनवेल्थ गेम्स के ट्रायल के दौरान रेसलर सतेंद्र मलिक और रेफरी जगबीर सिंह के बीच विवाद हो गया था. रेफरी ने पहले मलिक को थप्पड़ मार दिया. फिर मलिक ने भी रेफरी के साथ मारपीट कर दी. जिस समय यह तमाम वाक्या हुआ तब भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह वहीं पर मौजूद थे. इसके बाद रेसलर सतेंद्र मलिक पर महासंघ ने आजीवन प्रतिबंध लगा दिया.

क्यों हुआ विवाद- कॉमनवेल्थ गेम्स के ट्रायल के दौरान रेलसर सतेंद्र मलिक निर्णायक मुकाबले के खत्म होने से 18 सेकेंड पहले तक प्रतिद्वंद्वी रेलसर मोहित से 3-0 से आगे था लेकिन मोहित ने टेक डाउन कर उसे मैट से बाहर धकेल दिया. मुकाबले के रेफरी वीरेंद्र मलिक ने मोहित को टेक डाउन के 2 अंक नहीं दिए तो उसने फैसले को चुनौती दे दी. यह मामला ज्यूरी के पास पहुंचा. ज्यूरी में शामिल रैफरी सत्यदेव मलिक ने खुद को फैसले से अलग कर लिया क्योंकि वे भी मोखरा गांव के ही हैं.

इसके बाद महासंघ के अनुरोध पर ज्यूरी में शामिल रैफरी जगबीर सिंह ने मोहित को 3 अंक देने का फैसला सुना दिया. इसके बाद स्कोर 3-3 हो गया और आखिर तक बरकरार रहा. मुकाबले का अंतिम अंक हासिल करने की वजह से मोहित को विजेता घोषित कर दिया. इसके बाद ही रेसलर सतेंद्र मलिक रेफरी जगबीर सिंह के पास अपना विरोध दर्ज कराने के लिए पहुंचे थे तब पहले रैफरी ने उसे थप्पड़ जड़ दिया और बाद में सतेंद्र मलिक ने उनके साथ मारपीट की.

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रोहतक: कॉमनवेल्थ गेम्स के ट्रायल के दौरान रेफरी जगबीर सिंह के साथ मारपीट करने के आरोपी रेसलर सतेंद्र मलिक ने इंसाफ की मांग की है. मलिक ने ये इंसाफ की मांग रोहतक के मोखरा गांव में हुई पंचायत में की है. सतेंद्र ने पंचायत में कहा कि जीवन में हार-जीत तो चलती रहती है लेकिन उसके साथ अन्याय हुआ है. भारतीय कुश्ती महासंघ ने भी उसका पक्ष नहीं सुना. यह तक नहीं देखा कि पहले थप्पड़ किसने मारा. मलिक ने कहा कि कुश्ती मुकाबले में हार के बाद वह रेफरी जगबीर के पास गया था और कहा था कि क्या मिल गया मेरा जीवन खराब करके और रेसलर मोहित ऐसा क्या दे देगा. इसी बात पर रेफरी जगबीर ने उसे थप्पड़ मार दिया.

सतेंद्र मलिक ने कहा कि शायद वे इस घटना को पूरी जिंदगी न भूल पाएं. मलिक ने कहा कि उसके साथ अन्याय हुआ है. उसकी बात को किसी ने भी नहीं सुना जबकि वहां पर भारतीय कुश्ती महासंघ (Wrestling Federation of India) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह भी मौजूद थे. इस पूरे घटनाक्रम की दोबारा जांच होनी चाहिए क्योंकि उसका पक्ष सुने बिना ही आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया.

सतेंद्र ने कहा कि कुश्ती महासंघ ने यह तक नहीं देखा कि थप्पड़ मारने की शुरूआत पहले किसने की थी. सतेंद्र मलिक ने हाथ जोड़कर निवेदन किया कि इस मामले को अच्छे तरीके से निपटाया जाए ताकि दोबारा किसी खिलाड़ी का मनोबल न टूटे. रेफरी के एक गलत फैसले ने उसका जीवन बर्बाद कर दिया. इस पीछे क्या राजनीति है, वह नहीं जानते. पंचायत ने भी पूर्ण रूप से इस रेसलर का ही साथ देने का ऐलान किया है.

क्या है मामला- कॉमनवेल्थ गेम्स के ट्रायल के दौरान रेसलर सतेंद्र मलिक और रेफरी जगबीर सिंह के बीच विवाद हो गया था. रेफरी ने पहले मलिक को थप्पड़ मार दिया. फिर मलिक ने भी रेफरी के साथ मारपीट कर दी. जिस समय यह तमाम वाक्या हुआ तब भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह वहीं पर मौजूद थे. इसके बाद रेसलर सतेंद्र मलिक पर महासंघ ने आजीवन प्रतिबंध लगा दिया.

क्यों हुआ विवाद- कॉमनवेल्थ गेम्स के ट्रायल के दौरान रेलसर सतेंद्र मलिक निर्णायक मुकाबले के खत्म होने से 18 सेकेंड पहले तक प्रतिद्वंद्वी रेलसर मोहित से 3-0 से आगे था लेकिन मोहित ने टेक डाउन कर उसे मैट से बाहर धकेल दिया. मुकाबले के रेफरी वीरेंद्र मलिक ने मोहित को टेक डाउन के 2 अंक नहीं दिए तो उसने फैसले को चुनौती दे दी. यह मामला ज्यूरी के पास पहुंचा. ज्यूरी में शामिल रैफरी सत्यदेव मलिक ने खुद को फैसले से अलग कर लिया क्योंकि वे भी मोखरा गांव के ही हैं.

इसके बाद महासंघ के अनुरोध पर ज्यूरी में शामिल रैफरी जगबीर सिंह ने मोहित को 3 अंक देने का फैसला सुना दिया. इसके बाद स्कोर 3-3 हो गया और आखिर तक बरकरार रहा. मुकाबले का अंतिम अंक हासिल करने की वजह से मोहित को विजेता घोषित कर दिया. इसके बाद ही रेसलर सतेंद्र मलिक रेफरी जगबीर सिंह के पास अपना विरोध दर्ज कराने के लिए पहुंचे थे तब पहले रैफरी ने उसे थप्पड़ जड़ दिया और बाद में सतेंद्र मलिक ने उनके साथ मारपीट की.

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