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रोहतक: खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण, पराली जलाने से लोगों का सांस लेना मुश्किल

रोहतक में इन दिनों प्रदूषण अपने खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. इसको लेकर छोटे किसानों ने कहा कि बड़े जमींदार रात में पराली जलाते हैं, जिसकी वजह से प्रदूषण फैलता है.

worst air quality in rohtak due stubble burning
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Published : Nov 9, 2020, 4:42 PM IST

रोहतक: शहर में इन दिनों प्रदूषण काफी खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. इन सब का कारण किसानों द्वारा जलाई जा रही पराली है. इस बात को किसानों ने भी माना है कि बड़े किसानों द्वारा जलाए जा रहे पराली की वजह से ही रोहतक में स्वच्छ हवा का स्तर खराब होता जा रहा है.

हवा में फैले प्रदूषण के रिकॉर्ड तोड़ स्तर के कारण रोहतक में AQI 460 पर पहुंच चुका है. ये सब लगातार जल रही पराली के कारण हुआ है. किसान बेखौफ रात के अंधेरे में पराली जला रहे हैं. जिसके कारण रोहतक की हवा सांस लेने लायक नहीं रही है. छोटे किसानों ने बड़े किसानों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि ये पराली छोटे नहीं बल्कि बड़े ज़मीदार जला रहे हैं.

रोहतक में खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण

क्योंकि छोटे किसान पशुओं के चारे के लिए पराली का इस्तेमाल करते हैं. जबकि बड़े जमींदार अगली फसल की बिजाई के चलते रात के अंधेरे में पराली जला रहे हैं. लगातार जलती पराली के कारण चारों तरफ धुआं ही धुआं फैला हुआ है और आंखों में जलन हो रही है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.

बता दें कि रोहतक में सांस लेने लायक हवा नहीं रही. हवा में प्रदूषण की मात्रा का स्तर 460 पहुंच गया है और इन सब का कारण पराली है. किसान प्रशासन की कार्रवाई से बचने के लिए रात में ही पराली को जला रहे हैं. किसानों का कहना है कि सभी किसान पराली नहीं जला रहे हैं बल्कि बड़े किसान पराली जला रहे और इनमें सभी का नाम आ रहा है, जो वाकई गलत है.

ये भी पढ़ें- दिवाली से पहले किसानों को सीएम का तोहफा, 10 रुपये बढ़ाई गन्ने की MSP

छोटे किसानों का कहना है कि एक दो एकड़ वाला किसान तो पशुओं के चारे के लिए पराली का इस्तेमाल करता है जबकि बड़े किसान पराली को जला देते हैं, ताकि अगली फसल की बिजाई समय पर कर सकें. आपको बता दें कि पराली के धुएं में केमिकल होते हैं. जो हवा के माध्यम से सीधे फेफड़ों पर अटैक करते हैं. इससे सांस लेने में दिक्कत होती है और सेहत पर बुरा असर पड़ता है.

रोहतक: शहर में इन दिनों प्रदूषण काफी खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. इन सब का कारण किसानों द्वारा जलाई जा रही पराली है. इस बात को किसानों ने भी माना है कि बड़े किसानों द्वारा जलाए जा रहे पराली की वजह से ही रोहतक में स्वच्छ हवा का स्तर खराब होता जा रहा है.

हवा में फैले प्रदूषण के रिकॉर्ड तोड़ स्तर के कारण रोहतक में AQI 460 पर पहुंच चुका है. ये सब लगातार जल रही पराली के कारण हुआ है. किसान बेखौफ रात के अंधेरे में पराली जला रहे हैं. जिसके कारण रोहतक की हवा सांस लेने लायक नहीं रही है. छोटे किसानों ने बड़े किसानों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि ये पराली छोटे नहीं बल्कि बड़े ज़मीदार जला रहे हैं.

रोहतक में खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण

क्योंकि छोटे किसान पशुओं के चारे के लिए पराली का इस्तेमाल करते हैं. जबकि बड़े जमींदार अगली फसल की बिजाई के चलते रात के अंधेरे में पराली जला रहे हैं. लगातार जलती पराली के कारण चारों तरफ धुआं ही धुआं फैला हुआ है और आंखों में जलन हो रही है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.

बता दें कि रोहतक में सांस लेने लायक हवा नहीं रही. हवा में प्रदूषण की मात्रा का स्तर 460 पहुंच गया है और इन सब का कारण पराली है. किसान प्रशासन की कार्रवाई से बचने के लिए रात में ही पराली को जला रहे हैं. किसानों का कहना है कि सभी किसान पराली नहीं जला रहे हैं बल्कि बड़े किसान पराली जला रहे और इनमें सभी का नाम आ रहा है, जो वाकई गलत है.

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छोटे किसानों का कहना है कि एक दो एकड़ वाला किसान तो पशुओं के चारे के लिए पराली का इस्तेमाल करता है जबकि बड़े किसान पराली को जला देते हैं, ताकि अगली फसल की बिजाई समय पर कर सकें. आपको बता दें कि पराली के धुएं में केमिकल होते हैं. जो हवा के माध्यम से सीधे फेफड़ों पर अटैक करते हैं. इससे सांस लेने में दिक्कत होती है और सेहत पर बुरा असर पड़ता है.

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